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Video conferencing : घेस और हिमनी गांव के बच्चे बने CM त्रिवेंद्र के दोस्त
इंटरनेट की बदौलत ही चमोली के घेस गांव और इसके नजदीक के हिमनी गांव के स्कूली बच्चों ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत की। बच्चों ने अपनी कक्षा में प्रोजेक्टर स्क्रीन पर मुख्यमंत्री से अपने गांव की समस्याओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री
देहरादून: इंटरनेट की बदौलत ही चमोली के घेस गांव और इसके नजदीक के हिमनी गांव के स्कूली बच्चों ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत की। बच्चों ने अपनी कक्षा में प्रोजेक्टर स्क्रीन पर मुख्यमंत्री से अपने गांव की समस्याओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली के राजकीय इन्टर कॉलेज घेस और जूनियर हाई स्कूल हिमनी के बच्चों से बात की। चमोली के घेस गांव के बारे में कहा जाता है कि घेस के आगे नहीं देश। ये गांव अब इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ कर आईटी इनेबल्ड (सक्षम) गांव बन गया है। गांव में इंटरनेट कनेक्शन के साथ ही कॉमन सर्विस सेंटर भी खोला गया है। जहां ग्रामीण विभिन्न क्षेत्रों में सूचना प्रोद्यौगिकी की मदद से अपना जीवन स्तर सुधार सकते है।
तीन महीने के भीतर बहाल कर दी जायेगी बिजली आपूर्ति- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बच्चों से उनके गांव की समस्याओं के बारे में पूछा। एक बच्चे ने बताया कि बिजली न होने के कारण वे घर पर अपना होम वर्क नही कर पाते हैं। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महीने के भीतर इस सीमान्त गांव में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिये ऊर्जा विभाग को निर्देश भी दिये। उल्लेखनीय है कि 2013 की आपदा में इस गांव में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी।
बच्चों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे इन्टरनेट की खुबियों और इसके सकारात्मक उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे इसकी सहायता से अपने गांव में किसानों की मदद कर सकते है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से घेस गांव को मटर की उन्नत खेती के लिये जाना जाने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गांव में शहद उत्पादन की भी प्रचुर सम्भावनाएं है और शीघ्र ही सरकार द्वारा यहां शहद उत्पादन और विपणन के लिये विशेषज्ञ सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर घेस और हिमनी के स्कूलों में के-यान पोर्टेबल मल्टीफंक्शनल(बहुउद्देशीय) डिवाईस भेजी गई है। यह डिवाईस इन्टरनेट से कनेक्ट होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान करती है। इसके माध्यम से बाहरी केन्द्रों से शिक्षक घेस और हिमनी के बच्चों को पढ़ा सकते है। इस डिवाईस में एनसीईआरटी द्वारा पहले से तैयार की हुई रिकॉर्डेड शिक्षण सामग्री भी मौजूद है, जिसे कक्षाओं के समय या कक्षाओं के बाद आवश्यकतानुसार बच्चों को दिखाया जा सकता है।
अवकाश के दिनों में इस डिवाईस और इन्टरनेट के माध्यम से बच्चों को ज्ञानवर्धक मनोरंजन भी प्रदान किया जायेगा। के-यान डिवाईस क्लास रूम की दीवार को ही प्रोजेक्टर स्क्रीन के रूप में तब्दील कर देती है। इस डिवाईस के माध्यम से दो अलग-अलग गांवों के बच्चे आपस में वीडियो चैट कर सकते हैं। विदेशों से कोई डॉक्टर, शिक्षक या अप्रवासी उत्तराखण्डी अपने गांव को, अपने स्कूल को सम्बोधित कर सकते हैं, उनके उन्नयन में अपना योगदान दे सकते है।
सोलर पैनल के माध्यम से दी गई बिजली
घेस और हिमनी दोनों ही गांव के इन स्कूलों में सोलर पैनल के माध्यक से बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। इसी बिजली से के-यान पोर्टेबल डिवाईस और अन्य आवश्यक उपकरण चार्ज़ भी हो रहे हैं।
इन्टरनेट से शुरू हुआ कॉमन सर्विस सेन्टर - ई-मेडिसन और ई-पशु सेवा भी प्रारम्भ
वीडियों कांफ्रेंसिंग में कॉमन सर्विस सेन्टर के संचालक ने बताया कि चार ग्रामीणों ने ई-मेडिसन सेवा के तहत सीधे दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों से बात कर चिकित्सकीय परामर्श लिया है। इसी प्रकार कुछ पशुपालकों ने ई-पशु सेवा का लाभ उठाते हुए विशेषज्ञों का परामर्श लिया है। कॉमन सर्विस सेन्टर के लिये लैपटॉप और प्रिन्टर सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया है। यहां से ग्रामीणों को आवश्यक प्रमाण-पत्र, टिकट बुकिंग आदि सुविधा भी प्राप्त होगी।