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Death in Chardham Yatra: चारधाम यात्रा में 100 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत, केदारनाथ में अधिक मामले

Death in Chardham Yatra 2022 : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत से ही अब तक कुल 105 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इन मौतों के ज्यादातर मामले केदारनाथ धाम से सामने आए हैं।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 30 May 2022 5:38 AM GMT
Chardham Yatra 2022
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Chardham Yatra 2022 (Image Credit : Social Media) 

Death in Chardham Yatra 2022 : उत्तराखंड में शुरू हुई चारधाम यात्रा (Chardham Yatra latest news) में श्रद्धालुओं के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब तक बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। चारधाम यात्रा प्रबंधन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक चारधाम यात्रा में उमड़ी भीड़ में अब तक कुल 100 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इन मौतों के पीछे सबसे बड़ी कारण हृदयाघात रहा है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल मौतों में से 50 फ़ीसदी के करीब मौत के मामले हृदयाघात से ही सामने आए हैं।

105 श्रद्धालुओं की हुई मौत

चारधाम यात्रा प्रबंधन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल 105 तीर्थ यात्रियों की मौत यात्रा के दौरान हो चुकी है। मौत के सबसे ज्यादा मामले केदारनाथ धाम से सामने आए हैं, वहीं यमुनोत्री धाम में अब तक कुल 27 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। मौत के इन कुल मामलों में हृदयाघात के कारण कुल 48 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। बीते दिन केदारनाथ धाम दर्शन को आये आंध्र प्रदेश के 57 वर्षीय निवासी कोटपाली ज्योति की हृदयाघात के कारण मृत्य हो गयी। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुंबई निवासी अरविंद की हृदयाघात के कारण यमुनोत्री में मौत हो गयी। अब तक के आंकड़े को देखें तो चारधाम यात्रा पर आए 29 मई तक यमुनोत्री में 27, केदारनाथ में 48, बद्रीनाथ में 20 ऋषिकेश और गंगोत्री में 5-5 तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है।

घोड़े-खच्चरों के मौत का आंकड़ा बढ़ा

चारधाम यात्रा पर तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ घोड़े-खच्चरों के मौत की संख्या में भी तेजी से इजाफा देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं के भारी भीड़ के कारण जानवरों के खाने पीने का ठीक प्रकार से व्यवस्था ना होने के कारण बीते कुछ दिनों में 50 से अधिक खच्चरों की मौत हो गई है। जानवरों के मौत के आंकड़ों में इजाफा देखते हुए जिलाधिकारी ने पशुपालन सचिव को यह निर्देश दिया है कि एक खच्चर या घोड़े को दिन में केवल एक बार ही यात्रा करने की अनुमति दी जाए। यदि कोई इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सामाजिक संस्था कर रहे श्रद्धालुओं की मदद

चारधाम यात्रा में प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्था किए जाने के बावजूद पूरा व्यवस्था चरमराता नजर आ रहा है। तीर्थ यात्रियों की उमड़ी भारी भीड़ के कारण पंजीकरण केंद्रों पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। ऐसे में कुछ स्थानीय सामाजिक संगठनों ने परेशान श्रद्धालुओं को मदद पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। कई जगहों पर सामाजिक संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भोजन तथा जल का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा इन सामाजिक संस्थाओं द्वारा बीमार श्रद्धालुओं की भी उपचार किया जा रहा है।

Bishwajeet Kumar

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