कुंभ से कोरोना फैला तेज रफ्तार में, 8 गुना बढ़े केस, हरिद्वार हुआ संक्रमित

फरवरी में उत्तराखंड में महज 172 लोग कोरोना पाजिटिव थे लेकिन दो माह बाद 1 से 15 अप्रैल के बीच 15,333 लोग चपेट में आ गए हैं

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Ashiki
Published on: 16 April 2021 10:28 AM GMT (Updated on: 17 April 2021 4:08 AM GMT)
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Photo- Social Media

देहरादून: उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ के दौरान तमाम कोशिशों के बावजूद हरिद्वार और देहरादून में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से राज्य में कोहराम मच गया है। दो महीने के अंतराल में राज्य में कोरोना मरीजों के मिलने की रफ्तार में आठ हजार गुना से अधिक की रफ्तार में बढ़ोतरी ने प्रशासन के होश उड़ा दिये हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसमें और अधिक तेजी आ सकती है। क्योंकि देवभूमि में साधु संतों की जमात की एक बहुत बड़ी संख्या है और इन सभी ने कुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों में भाग लिया है। जिससे आने वाले दिनों में संक्रमण के नये मामले बढ़ सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक 14 फरवरी से 28 फरवरी तक उत्तराखंड में महज 172 लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए थे लेकिन दो माह बाद 1 से 15 अप्रैल के बीच की अवधि में 15,333 लोग इस महामारी की चपेट में आ गए हैं। कोरोना संक्रमण की ये रफ्तार नेशनल आंकड़ों से कहीं अधिक है। जानकारों का कहना है कि उत्तराखंड में कुंभ पर्व शुरू होने से पहले तक मात्र 25 से 50 केस प्रतिदिन मिला करते थे। लेकिन अब हालात भयावह हो चले हैं क्योंकि प्रतिदिन दो से ढाई हजार लोगों के संक्रमित होने के आंकड़े आ रहे हैं।


स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा सीधा असर

विशेषज्ञों का कहना है कि इसका सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा और पूरा तंत्र चरमरा सकता है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ये तो अभी शुरुआत है। आने वाले दिनों में स्थितियां और भी भयावह हो सकती हैं क्योंकि जब कुंभ स्नान करके जाने वाले लोगों में चार पांच दिन बाद लक्षण प्रकट होंगे तब अन्य स्थानों पर भी कोरोना फैलेगा।

हरिद्वार में कुंभ मेला 30 अप्रैल तक चलना है। 27 अप्रैल को अंतिम शाही स्नान होना है। ऐसे में कुंभ मेला जारी रखने पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। बुधवार के शाही स्नान में भी लगभग 13-14 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है। कोरोना की दहशत के चलते कुंभ मेले से भीड़ तेजी से छंटनी शुरू हो गई है। इसके चलते अलग-अलग जिलों से हरिद्वार में तैनात किये गए जवानों की भी वापसी शुरू हो गई है। ऐसे में इन बातों को बल मिल रहा है कि कुंभ के समापन का एलान किसी भी वक्त किया जा सकता है।

Ashiki

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