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Joshimath Disaster: जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित, कंस्ट्रक्शन पर लगा बैन, 70 परिवारों को हटाया गया
Joshimath Disaster: शहर और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। जोशीमठ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
Joshimath Disaster: उत्तराखंड का ऐतिहासिक धार्मिक शहर जोशीमठ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। हर गुजरते दिन के साथ शहर के ढ़ह जाने की चिंताएं प्रबल होती जा रही हैं। राज्य सरकार ने भी अब जोशीमठ को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। शहर और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। जोशीमठ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब तक 70 परिवारों को खतरनाक जगह से निकालर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को जोशीमठ के हालात को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया। केंद्र ने जल्द से जल्द प्रभावित लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट करने को कहा है। जोशीमठ के घरों में दरारें चौड़ी होती जा रही हैं। अब तक 610 मकानों में दरार पड़ चुकी है। लोग डर के मारे अपना घर छोड़कर कहीं और रह रहे हैं। वहीं, लोकल प्रशासन ने लोगों से राहत कैंपों में चले जाने की अपील की है।
तीन जोन में बांटा गया जोशीमठ शहर
राहत एवं बचाव कार्य को प्रभावी तरीके से अंजाम देने के लिए प्रशासन ने जोशीमठ शहर को तीन जोन में बांटा है। चमोली डीएम हिमांशु खुराना के मुताबिक जोशीमठ में तीन जोन होंगे – असुरक्षित, सुरक्षित और बफर। असुरक्षित जोन में ऐसे मकान होंगे जो अधिक जर्जर हो चुके हैं और जिन्हें विशेषज्ञों की कमेटी गिराने की सिफारिश कर चुकी है।
सुरक्षित जोन में ऐसे मकान होंगे, जिनमें दरारें तो आ चुकी हैं लेकिन वे स्थिर हैं यानी दरारों का आकार बढ़ नहीं रहा। बफर जोन में वो मकान होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं, मगर दरारों के बढ़ने का खतरा है। जिला प्रशासन ने जोशीमठ के गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड को असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है।
प्रभावित परिवारों को दी जा रही हैं ये सुविधाएं
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि शहर में ऐसे 229 कमरों की पहचान की गई है, जहां 1 हजार से अधिक लोग रह सकते हैं। भू - धंसाव से प्रभावित परिवारों को इन्हीं मकानों में ठहराया जा रहा है। 70 परिवारों में से 46 परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। प्रति परिवार 5 रूपया दिया जा रहा है। इसके अलावा राशन किट भी दी गई है।
उत्तराखंड के सभी हिल स्टेशंस का होगा आकलन
जोशीमठ के हालात से सीख लेते हुए उत्तराखंड सरकार अब अन्य हिल स्टेशऩों को लेकर भी संवेदनशीलता दिखा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को जोशीमठ का दौरा करने के बाद बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूद सभी हिल स्टेशंस की बियरिंग क्षमता का आकलन किया जाएगा और यदि कोई शहर अपनी बियरिंग क्षमता को पार कर गया है तो वहां व्यवस्थित तरीके से निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाएगी। बता दें कि राज्य का एक अन्य प्रमुख हिल स्टेशन नैनीताल के हालात भी काफी संवेदनशील हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ चेता चुके हैं कि यदि समय रहते ट्रीटमेंट कार्य शुरू नहीं किया गया तो उसका भी हाल जोशीमठ जैसा होगा।