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जल्द ही बदलेगी दून अस्पताल की सूरत, जानें क्या हैं कमियां

राज्य के सबसे बड़े दून अस्पताल की सूरत बदलने जा रही है। जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को अब बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। गौरतलब है कि लोगों का अस्पताल

tiwarishalini
Published on: 18 Dec 2017 1:20 PM IST

देहरादून: राज्य के सबसे बड़े दून अस्पताल की सूरत बदलने जा रही है। जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को अब बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। गौरतलब है कि लोगों का अस्पताल की व्यवस्था से विश्वास उठने लगा था। कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों की भीड़ के आगे यहां की व्यवस्थाएं दमतोड़ रही थीं।

एक जानकारी के अनुसार औसतन एक हजार मरीज प्रतिदिन यहां रोग के उपचार के लिए ओपीडी में आते हैं। एक डॉक्टर सप्ताह में एक दिन ही ओपीडी में बैठता है। ऐसे में यदि किसी डॉक्टर ने मरीज को कोई टेस्ट करवाया तो मरीज दूसरे दिन उस डॉक्टर को रिपोर्ट नहीं दिखा पाता है। मरीज को जल्दी है तो किसी दूसरे डॉक्टर को रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी या फिर एक हफ्ते इंतजार करना पड़ता था।

कोरोनरी अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या रेडियोलॉजिस्ट की है। पिछले दिनों यहां से रेडियोलॉजिस्ट को अन्यत्र भेज दिया गया था, तब से अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। अस्पताल में कुछ कर्मचारी एक्स- रे तो कर लेते हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से बंद है।

सबसे बड़ी परेशानी गर्भवती महिलाओं और एक्सीडेंट में घायल लोगों को होती है। उन्हें दून अस्पताल भेजा जाता है। कोरोनेशन अस्पताल में सिर्फ वही मरीज पहुंच पाते हैं,जिनके पास अपना वाहन है। मांग है कि कर्जन रोड से होकर बस चलाई जाए या रायपुर की ओर जाने वाली बसों के कुछ चक्कर कर्जन रोड से होकर चलाए जाएं तो मरीजों को काफी राहत मिल सकती है।

अब ऐसा लग रहा है कि दून अस्पताल के दिन बहुरने वाले हैं। इमरजेंसी वार्ड में रंग-रोंगन किया जा रहा है। पुराने बेड हटाकर नये बेड लगाए गये हैं। इमरजेंसी मेडिकल आफिसर (ईएमओ) की कमी भी जल्द दूर करने की तैयारी है। चार नए ईएमओ इमरजेंसी में नियुक्त किये जाने की भी तैयारी है। खराब पड़ी इंटरकाम (टेलीफोन) को भी ठीक करने के लिए बीएसएनएल को कहा गया है।

इसके अलावा इमरजेंसी समेत सभी वार्ड व ओपीडी कक्ष आपस में कनेक्ट रहेंगे। अस्पताल में जल्द ही नई सीटी स्कैन मशीन भी लगेगी।

आधुनिकीकरण की दौर में शामिल अस्पताल में अब स्क्रीन पर मरीजों का पर्ची नंबर डिस्पले होगा। मरीजों को बोर होने से बचाने के लिए टेलीविजन भी लगाने की तैयारी है। पचास नये सुरक्षा गार्ड भी तैनात किये जाएंगे। गर्म पानी के लिए सोलर वाटर हीटर लगने जा रहे हैं। खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को भी ठीक किया जा रहा है।

खास बात यह कि अस्पताल के वार्डों का अब नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। जिसके लिए स्वच्छता व मरीजों की देखभाल का मानक तय किया गया है। इसके तहत एक मासिक पुरस्कार की भी घोषणा की गई है। उक्त मानकों पर श्रेष्ठ प्रदर्शन वाले वार्ड को यह पुरस्कार मिलेगा। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. प्रदीप भारती का कहना है कि मरीजों की सहूलियत व बेहतर सुविधाओं के लिए व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए रोडमैप तैयार कर लिय़ा गया है। इसके आधार पर कार्य भी शुरू हो गये हैं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. केके टम्टा का कहना है कि मरीजों को अब बेहतर सुविधाएं अस्पताल में मिलेंगी।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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