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Dress Code In Madrasa: उत्तराखंड के मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड और NCERT पाठ्यक्रम, कुर्ता-पायजामा नहीं पहनेंगे बच्चे

Dress Code In Madrasa: उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। ऐसे में छात्र कुर्ता-पायजामा पहनकर मदरसा नहीं जा सकेंगे।

Jugul Kishor
Published on: 24 Nov 2022 8:35 AM IST (Updated on: 24 Nov 2022 5:02 PM IST)
Dress Code In Madrasa
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Dress Code In Madrasa (Pic: Social Media)

Dress Code In Madrasa: उत्तराखंड के मदरसों में आधुनिकीकरण की दिशा में जल्द ही नए कदम उठाए जा रहे हैं। मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। ऐसे में छात्र कुर्ता-पायजामा पहनकर मदरसा नहीं जा सकेंगे। क्योंकि अगले साल से राज्य के वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले सभी 103 मदरसों में ड्रेस कोड लागू हो जाएगा। वहीं, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जहां जल्द से जल्द क्रियान्वयन का प्रयास किया जाएगा।

दरअसल, राज्य के 103 मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। सभी मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें भी लागू की जाएंगी। गौरतलब है कि उत्तराखंड में 103 मदरसे वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आते हैं। वहीं, शादाब शम्स ने कहा कि मदरसा को भी आधुनिक स्कूलों की तर्ज पर चलाने की तैयारी चल रही है। जबकि पहले चरण में 7 मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिसमें देहरादून के दो, उधमसिंह नगर के दो, हरिद्वार के दो और नैनीताल का एक मदरसा शामिल है।

उत्तराखंड के मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड

मदरसों के बच्चों के लिये क्या सरकार यूनिफार्म मुहैयै कराएगी या छात्रों को खुद ही खरीदनी होगी? उसकी जानकारी अभी जारी होनी बाकी है। वहीं, पहली बार राज्य के मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया गया है। जहां बोर्ड जल्द ही छात्रों के कपड़ों के लिए बजट प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगा।

शादाब शम्स कौन हैं?

बता दें कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स को प्रदेश बीजेपी की सक्रिय राजनीति में अहम चेहरा माना जाता है। गौरतलब है कि 2021 में उत्तराखंड बीजेपी नेता शादाब शम्स को बीजेपी नेशनल माइनॉरिटी फ्रंट ने पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था। इसके साथ ही भाजपा नेता शादाब शम्स भी 15 सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।

वक्फ बोर्ड विशेष रूप से इस्लामी इमारतों, संस्थानों और भूमि के साथ-साथ उनके उपयोग के उचित रखरखाव के लिए प्रदान करता है। वक्फ बोर्ड न्यायपालिका के तहत गठित एक वैधानिक बोर्ड है। वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति का इस्तेमाल कर सकता है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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