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वैज्ञानिकों का दावा, गंगोत्री ग्लेशियर पर नहीं है कोई झील

गंगोत्री ग्लेशियर पिघलने से कोई झील नहीं बनी है। इस आशय की रिपोर्ट तीन सदस्यीय टीम ने शासन को सौंप दी है। बर्फ खत्म होने के बाद टीम फिर से गंगोत्री ग्लेशियर का दौरा करेगी। वैज्ञानिकों ने इंटेलीजेंस ब्यूरो की इस संबंध में जारी की गई रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। डीएमएमसी के अधिशासी निदेशक डा. पीयूष रौतेला ने कहा है कि भागीरथी की धारा अविरल है। साथ ही वहां न तो किसी छोटी और न कोई किसी बड़ी झील का निर्माण हुआ है।

priyankajoshi
Published on: 15 Dec 2017 2:27 PM IST
वैज्ञानिकों का दावा, गंगोत्री ग्लेशियर पर नहीं है कोई झील
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देहरादून: गंगोत्री ग्लेशियर पिघलने से कोई झील नहीं बनी है। इस आशय की रिपोर्ट तीन सदस्यीय टीम ने शासन को सौंप दी है। बर्फ खत्म होने के बाद टीम फिर से गंगोत्री ग्लेशियर का दौरा करेगी। वैज्ञानिकों ने इंटेलीजेंस ब्यूरो की इस संबंध में जारी की गई रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। डीएमएमसी के अधिशासी निदेशक डा. पीयूष रौतेला ने कहा है कि भागीरथी की धारा अविरल है। साथ ही वहां न तो किसी छोटी और न कोई किसी बड़ी झील का निर्माण हुआ है।

आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अधिशासी निदेशक डा. पीयूष रौतेला, वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डा.विक्रम गुप्ता और सिंचाई विभाग (प्लानिंग) के डीएस कच्छावाहा ने गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर इंटेलीजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि गंगोत्री ग्लेश्यिर के पिघलने से कोई झील नहीं बनी है। गंगोत्री से लौटने के बाद वैज्ञानिकों की टीम ने शासन को अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। वहीं भूस्खलन की पुष्टि के लिए बुधवार को जिला प्रशासन ने 12 सदस्यीय टीम को दोबारा रवाना किया है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम खराब होने से ग्राऊंड सर्वेक्षण नहीं हो पाया। हवाई सर्वेक्षण में पाया कि गंगोत्री ग्लेशियर ताजा बर्फ से ढका है। भागीरथी की धारा अविरल पाई गई। वहां कोई झील नहीं पायी गई है। मीडिया में गोमुख ग्लेशियर के पास ग्लेशियर के पिघलने से झील बनने की बात कही जा रही थी।

बुधवार को हाईकोर्ट ने भी सरकार को गोमुख के पास बनी झील को हटाने के आदेश दिए थे। लिहाजा प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया और ग्लेशियर पिघलने के बारे में तुरंत रिपोर्ट देने को कहा था। यह टीम गंगोत्री ग्लेशियर पर नजर रखेगी। मार्च और अप्रैल माह में जब बर्फ खत्म हो जाएगी तब यही टीम फिर से गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र का दौरा करेगी।

600 करोड़ के दवा घोटाले में एफआईआर के आदेश

देहरादून। एनआरएचएम के छह सौ करोड़ रपए के दवा घोटाले के आरोपियों पर अब शिकंजा कस सकता है। एक दशक बाद भी मामले की जांच न होने पर सूचना आयोग ने हैरानी जताते हुए प्रदेश शासन को तत्काल मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह घोटाला तत्कालीन कांग्रेस व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ था ऐसे में वर्तमान भाजपा की जीरों टालरेंस की सरकार अब इस मामले में क्या निर्णय लेती है। इस पर सबकी निगाह है।

छह सौ करोड़ रुपये के एनआरएचएम घोटाले में लिप्त दोषियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दवा खरीद में हुआ यह घोटाला वर्ष 2006 से 2010 के दौरान हुआ था। 11 साल बाद भी घोटाले में संलिप्त दोषियों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर सूचना आयोग ने भी हैरानी जताई है।

हरिद्वार निवासी रमेश चंद्र शर्मा ने इस बावत सूचना आयोग में अपील की थी। अपील पर अंतिम सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त सुरेन्द्र सिंह रावत ने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को आदेश दिये हैं कि वह इस मामले को अपने स्तर से व्यक्तिगत रूप से देखें। जब तक सीबीआई जांच के लिए केंद्र से अनुमति नहीं मिलती है, तब तक स्थानीय स्तर पर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज (एफआईआर) कर मामले की विवेचना की जाए। ताकि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।

बताते चलें कि एक दशक पहले एनआरएचएम में दवाओं की खरीद में 600 करोड़ के घोटाले का मामला प्रकाश में आया था। दवाइयों की आपूर्ति किये बिना ही दवा कारोबारियों को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया था। रुड़की स्थित ड्रगवेयर हाउस में रखी गई लाखों की लागत की दवाइयां एक्सपायर करा दी गई थी।

राष्ट्रीय सूचना अधिकार जागृति मिशन के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने इस मामले को लेकर लोकायुक्त कार्यालय में याचिका दायर की थी। लोकायुक्त ने तत्कालीन अपर सचिव टीके पंत से दवाइयों की खरीद-फरोख्त में हुई अनियमितता की जांच करवाई थी। जांच रिपोर्ट के बाद अप्रैल 2013 को प्राथमिकी दर्ज करने का प्रतिवेदन प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्य को भेजा गया था लेकिन शासन स्तर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। याचीकर्ता ने फिर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मामले की जानकारी चाही। शासन से उचित जवाब नहीं मिलने पर सूचना आयोग में अपील दायर की। शासन का तर्क था कि मामले की सीबीआई जांच के लिए केंद्र से पत्राचार चल रहा है। इस पर सूचना आयोग ने इसको शासन का लापरवाह रवैया मानते हुए सीबीआई जांच की अनुमति मिलने तक प्राथमिक स्तर पर प्राथमिक दर्ज करने के लिए कहा है।

चीन सीमा को जोड़ने वाला वैली ब्रिज गिरा, कई गांवों से संपर्क कटा, सांसत में सीमा पर तैनात जवान

उत्तरकाशी। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगोरी में अस्सी गंगा पर चीन सीमा को जोड़ने वाला एक मात्र वैली ब्रिज दो ट्रकों के एक साथ पुल से गुजरते समय क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से गंगा घाटी के दर्जनों गांव अलग-थलग पड़ गये हैं। बार्डर पर तैनात सेना व आईटीबीपी के जवानों के समक्ष भी परेशानी खड़ी हो गई है।

पुल क्षतिग्रस्त होते ही प्रशासन व बीआरओ ने अस्सी गंगा के बीचों-बीच डोजर लगाकर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण करना शुरू कर दिया है, लेकिन पुल निर्माण कब तक होगा इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगोत्री में बना पुल अगस्त 2013 में अस्सी गंगा में आई भीषण बाढ़ में बह गया था। इससे गंगोत्री यात्रा भी ठप हो गई थी।

बीआरओ व प्रशासन ने पुल के स्थान पर सेना की मदद से वैली ब्रिज का निर्माण किया था। गत दिवस सीमेंट और ईट से लदे दो ट्रक वैली ब्रिज से एक साथ गुजरे। इससे अधिक लोड के कारण पुल का बीच का हिस्सा सीधे अस्सी गंगा में जा समाया। पुल टूटने पर ट्रक चालक सुरक्षित बच गए।

गंगोरी पुल के क्षतिग्रस्त होने से अस्सी गंगा घाटी तथा भटवाड़ी ब्लाक के टकनौर, उपला टकनौर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीण अलग-थलग पड़ गए हैं। इससे चीन सीमा पर तैनात सेना और आईटीबीपी के जवानों की परेशानी भी बढ़ गई है। पुल टूटने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। आम लोगों को जान जोखिम में डालकर अस्सी गंगा पार कर अपने गंतव्य को जाना पड़ रहा है। पुल क्षतिग्रस्त होने की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये गए हैं।

बिजली कर्मियों की हड़ताल पर रोक, एस्मा लागू किया

देहरादून। शासन ने ऊर्जा निगमों के तीनों संस्थानों पर हड़ताल पर रोक लगाने के लिए एस्मा लगा दिया है। इसके तहत हड़ताल जैसे कार्यक्रमों को छह माह के लिए निषिद्ध कर दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी है। इसको देखते हुए शासन ने हड़ताल पर पूर्ण रोक लगा दी है। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने अधिसूचना जारी करते हुए छह माह के लिए यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन आफ उत्तराखण्ड के समस्त श्रेणी की सेवाओं में तत्काल प्रभाव से हड़ताल निषिद्ध कर दी है।

आदिबदरी के कपाट आज होंगे बंद

आदिबद्री। आदिबदरी धाम के कपाट 16 दिसम्वर को भगवान बंद होंगे। इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। शीतकाल के लिए कपाट बंदी के मौके पर रात को परंपरागत मंत्रोच्चारण के साथ भगवान की श्रृंगार पूजा के बाद सामूहिक कड़ाह भोग लगाया जाएगा। निर्वाह दर्शन के पश्चात रात्रि 7.05 बजे भगवान के कपाट बंद कर दिये जाएंगे। कपाट मकर सक्रांति को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष विजयेश नवानी ने बताया कि प्रात: विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी कपाट बंदी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान धार्मिक लोकगीत व नृत्यों की प्रस्तुति होगी। दोपहर एक बजे महिला मंगल दलों के चौफुला, चांचडी आदि सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं होंगी।

चार कालेजों में बीएससी नर्सिग कोर्स शुरू करने को हरी झंडी

देहरादून। प्रदेश में बीएससी नर्सिग पाठय़क्रम में 370 सीटें और बढ़ने वाली हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा विविद्यालय की कार्य परिषद ने चार कालेजों में बीएससी नर्सिग कोर्स शुरू करने को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कार्य परिषद की बैठक में विविद्यालय से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर र्चचा की गई। हरिद्वार रोड पर आयोजित कार्य परिषद की बैठक में कालेजों में बीएससी नर्सिग पाठय़क्रम की संबंद्धता संबंधी प्रस्तावों को रखा गया जिसमें मॉडन ग्लोबल नर्सिग इंस्टीटय़ूट हरिद्वार, क्वाड्रा इंस्टीटय़ूट ऑफ नर्सिग रुड़की (हरिद्वार), सम्राट पृवीराज चौहान कालेज ऑफ नर्सिग काशीपुर, वीरी कालेज ऑफ नर्सिग रुद्रपुर में बीएससी नर्सिग पाठय़क्रम में 60-60 सीटों एवं श्री स्वामी भूमानन्द कालेज ऑफ नर्सिग हरिद्वार में बीएससी नर्सिग की सीटें 30 से बढ़ाकर 60 करने का प्रस्ताव था। मानकों के निरीक्षण के लिए गठित टीम के रिपोर्ट के आधार पर कार्य परिषद के सदस्यों ने शैक्षिक सत्र 2018-19 से बीएससी नर्सिग पाठय़क्रम शुरू करने के लिए संबंद्धता को सर्शत मंजूरी दी गई। बैठक में एमसीआई या अन्य नियामक संस्था के नये मानकों को विवि में लागू करने पर भी सहमति बनी। कार्य परिषद के सदस्यों ने विवि के भवन व जमीन पर आने वाले व्यय पर भी अपने सुझाव दिये।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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