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बड़ी कम्पनी में उच्च पद पर कार्यरत महिला बनी महामण्डलेश्वर
जूना अखाड़े में शिक्षित तथा विभिन्न सामाजिक धार्मिक व अन्य क्षेत्रों में सक्रिय महिला महामण्डलेश्वरों की बहुत बड़ी संख्या है।
हरिद्वार: श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा नागा सन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा है, लेकिन इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि महिला नागा सन्यासियों तथा महिला महामण्डलेश्वरों की संख्या की दृष्टि से भी यह सभी अन्य अखाड़ो से बड़ा है। जूना अखाड़ा ही एक मात्र सन्यासी शैव अखाड़ा है जिसमें माईबाड़ा है,जहां नागा सन्यासिनियों की अलग छावनी लगती है, जिसकी समस्त व्यवस्था नागा अवधूतनियों के हाथ में रहती है।
जूना अखाड़े में शिक्षित तथा विभिन्न सामाजिक धार्मिक व अन्य क्षेत्रों में सक्रिय महिला महामण्डलेश्वरों की बहुत बड़ी संख्या है। इसमें प्रत्येक कुम्भ पर्व पर बढ़ोत्तरी होती रहती है।
इसी श्रृंखला में हाल में ही अहमदाबाद गिर गुजरात की महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि का नाम भी जुड़ गया है। महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि ने जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से विधिवत सन्यास की दीक्षा प्रयागराज में ली। हरिद्वार कुम्भ पर्व पर महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज द्वारा किया गया।
महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि के बारे में जानें
संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर प्राप्त जयअम्बानंद गिरि सन्यास से पूर्व एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में एक बड़े ओहदे पर भी कार्यरत थी तथा सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में विशेष रूचि रखती थी।। सिंधी समाज में वह काफी लोकप्रिय थी। कुछ साल पहले वह जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि के सम्पर्क में आयी और उनकी प्रेरणा से इसी साल फरवरी में विधिवत सन्यास ग्रहण किया।
उनके गुरू जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि को जूना अखाड़े की ओर से गुजरात सहित पूरे भारत में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार तथा अखाड़े की उन्नति प्रगति व विकास कार्यो के लिए जिम्मेदारी सौपी गयी है। जिसमें वह निश्चित रूप से नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।