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हरक सिंह रावत को मनाने में भाजपा कामयाब, शीर्ष नेताओं के दखल से सुलझा मामला, कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की मांग मंजूर
Harak Singh Rawat Minister Uttarakhand: भाजपा विधायक ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सांसद अनिल बलूनी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल से रावत की नाराजगी दूर कर दी गई है।
Harak Singh Rawat Minister Uttarakhand: उत्तराखंड भाजपा में डॉ हरक सिंह रावत की नाराजगी से पैदा हुआ संकट सुलझता दिख रहा है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah), भाजपा सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की पहल के बाद रावत की नाराजगी दूर कर दी गई है। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ का कहना है कि कैबिनेट मंत्री की शिकायत को दूर कर दिया गया है और और कोई भी कहीं नहीं जा रहा है।
शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज (kotdwar medical college) का प्रस्ताव लटकाए जाने पर नाराजगी जताई थी और वे बैठक छोड़कर चले गए थे। उन्होंने पहले भी कैबिनेट बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था मगर यह प्रस्ताव बाद में लाने का आश्वासन देकर उन्हें शांत कर दिया गया था। यही कारण था कि शुक्रवार की बैठक में इस मुद्दे पर टालमटोल के बाद हरक सिंह रावत भड़क गए। उनके इस्तीफा देने की बात भी सामने आई थी मगर काऊ का दावा है कि संकट को सुलझा लिया गया है।
प्रदेश भाजपा का संकट टलने का दावा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का भी कहना है कि प्रदेश भाजपा में किसी भी प्रकार का संकट नहीं है। उन्होंने मंत्री पद से रावत के इस्तीफे (harak singh rawat resignation) की बात को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। भाजपा विधायक काऊ का कहना है कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कि रावत की मांग मान ली गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सोमवार को प्रदेश सरकार की ओर से बजट भी जारी कर दिया जाएगा।
भाजपा विधायक ने कहा कि रावत की नाराजगी पूरी तरह दूर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सांसद अनिल बलूनी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल से रावत की नाराजगी दूर कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हम सभी भाजपा के सच्चे सिपाही हैं और कोई भी कहीं नहीं जा रहा है।
इस्तीफे की खबर को निराधार बताया
एक समाचार चैनल से बातचीत में काऊ ने कहा कि रावत के इस्तीफे की बात पूरी तरह अफवाह है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व की ओर से की गई पहल के बाद अब रावत पार्टी से नाराज नहीं हैं और आगे भी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। पहले रावत के अलावा काऊ के भी इस्तीफा देने की बात सामने आई थी मगर काऊ के बेटे गौरव शर्मा ने इन खबरों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि कुछ समाचार चैनलों में इस तरह की खबरें सुनकर मैं खुद भी आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि इन खबरों में किसी भी प्रकार का दम नहीं है।
मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द जारी होगा बजट
इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अनुदान राशि जारी करने का फैसला किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत से बातचीत करके उनकी नाराजगी पूरी तरह दूर कर दी गई है। शुक्रवार को रावत के कैबिनेट बैठक छोड़कर जाने के बाद भाजपा में हड़कंप मच गया था और डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू कर दी गई थीं। रावत के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनका कुछ मुद्दों को लेकर पार्टी नेतृत्व के साथ टकराव चल रहा था मगर मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव रद्द किए जाने से उन्हें ज्यादा तकलीफ हुई है और इसी कारण वे कैबिनेट बैठक से उठकर चले गए थे।
हरक सिंह रावत ने 2016 में कांग्रेस से इस्तीफा (harak singh rawat congress) देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। वे पार्टी में दूसरे नेताओं को ज्यादा महत्व दिए जाने से भी भीतर ही भीतर नाराज बताए जा रहे हैं। उत्तराखंड में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनाव में रावत की नाराजगी भाजपा के लिए महंगी साबित हो सकती थी और यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व ने तुरंत ही रावत की नाराजगी दूर करने का प्रयास शुरू कर दिया। आखिरकार पार्टी नेतृत्व को रावत की नाराजगी दूर करने में कामयाबी मिल गई।