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हरिद्वार कुंभ की समाप्ति, अखाड़े ने की घोषणा, कोरोना के चलते हुआ फैसला
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच निरंजनी अखाड़े ने हरिद्वार कुंभ की समाप्ति की घोषणा कर दी।
हरिद्वार: देश में तेजी से कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हो रही है। रोजाना रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh) में भी आए दिन संतों और श्रद्धालुओं के कोरोना संक्रमित होने की खबर मिल रही है। जिसे देखते हुए अब आयोजन के जल्दी खत्म होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। अब इस चर्चा के बीच निरंजनी अखाड़े ने कुंभ की समाप्ति की घोषणा कर दी।
गुरुवार को कुंभ की समाप्ति की घोषणा करते हुए निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते कुंभ मेला 17 अप्रैल को समाप्त करने का फैसला किया गया है। साथ ही उन्होंने अन्य अखाड़ों से भी कुंभ मेला समाप्त करने की अपील की है। महंत पुरी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनर लोगों लोगों के हित में मेले को समाप्त किया जाना चाहिए।
कोरोना के चलते जल्दी समाप्त किया जा रहा मेला
उन्होंने एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल से बात करते हुए बताया कि बड़ीं संख्या में साधुं संत और आम श्रद्धालु कोरोना की चपेट में आ गए हैं, जिस वजह से अखाड़े ने मेले को समय से पहले खत्म करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि अन्य अखाड़े भी इस राय से सहमत हैं। पुरी ने कहा कि 27 अप्रैल को महा कुंभ का शाही स्नान बचा है। इस अंतिम शाही स्नान के दिन वह केवल सांकेतिक स्नान ही करेंगे, जिससे जिससे महाकुंभ स्नान की सनातन परंपरा जारी रहेगी।
कई संत पाए गए हैं कोरोना संक्रमित
पुरी ने इसके आगे बताया कि सभी संतों को अपने मठ मंदिरों में लौटने को कह दिया गया है, जिससे कोरोना का संक्रमण कम फैले। गौरतलब है कि इस अखाड़े से जुड़े हुए महंत नरेंद्र गिरि भी 11 अप्रैल को कोरोना सें पीड़ित हो गए थे, जिसके बाद उनका इलाज जारी है। उनके साथ ही कई और अखाड़ों से जुड़े संत भी कोरोना से संक्रमित हैं।