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स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से जूना अखाड़ा ने किया संबंध विच्छेद

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से सम्बन्ध विच्छेद कर ली है

Dharmendra Singh
Published By Dharmendra Singh
Published on: 11 April 2021 7:04 PM GMT (Updated on: 11 April 2021 7:05 PM GMT)
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से जूना अखाड़ा ने किया संबंध विच्छेद
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श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा की बैठक के दौराम मौजूद संत (फोटो: सोशल मीडिया)

हरिद्वार: कुम्भ के प्रथम शाही की पूर्व संध्या पर अप्रत्याशित रूप से श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से सम्बन्ध विच्छेद कर ली है। इस सम्बन्ध में जूना अखाड़े की हुई बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया।

आरोप है कि शंकराचार्य वासुदेवानंद ने अखाड़े के पदाधिकारियों के खिलाफ अर्नगल टिपण्णी कर रहे हैं। रविवार को जूना अखाड़े के कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें शाही स्नान क्रम को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान शाही स्नान को लेकर भी जिम्मेदारियां तय की गयीं। बैठक में कहा गया है कि गत दिवस जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की पेशवाई जब उनकी छावनी में पहुंची, तो उसके बाद उन्होंने अखाड़े के पदाधिकारियों के खिलाफ अभद्र टिपण्णी करने के साथ साथ अर्नगल आरोप भी लगाये।
इस मुददे् पर व्यापाक चर्चा हुई जिसके बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अखाड़ा ने शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती से सम्बन्ध विच्छेद करने का निर्णय लिया। बता दें कि पूर्व के कुम्भ पर्व के दौरान शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जूना अखाड़े के साथ ही शाही स्नान करते हैं। इस बार भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही थी कि अप्रत्याशित रूप से जूना अखाड़ा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उनसे सम्बन्ध विच्छेद करने की घोषणा कर दी।
बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई जिनमें स्नान के लिए जाते समय जुलूस के लिए तथा स्नान क्रम को लेकर जिम्मेदारियां भी तय की गयी हैं। बैठक में अखाड़ा के सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के साथ साथ विभिन्न मढ़ी के संत भी मौजूद रहे।


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