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Joshimath Sinking: जोशीमठ ग्राउंड जीरो पर पहुंची धामी सरकार की टीम, अब तक 93 परिवारों को किया गया शिफ्ट
Joshimath Sinking: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है। अब तक 93 परिवार निकाले गए हैं।
Joshimath Sinking: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार (Pushkar Singh Dhami) जोशीमठ के पीड़ितों के लिए आगे आई है। सरकार की एक टीम गुरुवार (5 जनवरी) देर शाम जोशीमठ (Joshimath) पहुंची। टीम ने आते ही मोर्चा संभाल लिया। अभी तक 93 परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा चुका है।
गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार (Garhwal Commissioner Sushil Kumar) और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा के साथ आपदा प्रबंधन के अधिकारी, NDRF के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र के वैज्ञानिक सांतनु सरकार तथा आईआईटी रुड़की के प्रो डॉ. बीके माहेश्वरी (Prof. Dr. BK Maheshwari) सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम ग्राउंड जीरो पर जोशीमठ पहुंची।
जोशीमठ के हालात की समीक्षा
गढ़वाल कमिश्नर और आपदा प्रबंधन सचिव ने जोशीमठ तहसील में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जोशीमठ के वर्तमान हालात की समीक्षा भी की। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि, शुक्रवार को एनटीपीसी (NTPC) के अधिकारियों के साथ औली से लेकर जोशीमठ (Auli to Joshimath) नगर में विशेषज्ञों की टीम के साथ प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण (Detailed Survey Joshimath) किया जाएगा।
अभी तक 93 परिवारों को शिफ्ट किया गया
आपको बता दें कि, जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों को जोशीमठ से अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए प्रशासन की 6 टीमें लगाई गई हैं। गुरुवार को 16 परिवारों को विभिन्न जगहों पर शिफ्ट किया गया। अभी तक कुल मिलाकर 93 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है।
कहां शिफ्ट किया जा रहा?
अब तक जिन परिवारों को शिफ्ट किया गया उनमें 50 परिवारों को जेपी कंपनी की तरफ से अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। प्रभावित सभी परिवारों को नगर पालिका, विकास खंड, बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) गेस्ट हाउस, मिलन केंद्र मनोहर बाग, प्राथमिक विद्यालय सिंह धार, राजकीय इंटर कॉलेज, गुरुद्वारा तथा आईटीआई तपोवन में रखा जा रहा है।
जिला प्रशासन की टीम जमीन धंसने से खतरे की जद में आए मकानों को चिन्हित कर रही है। ताकि किसी तरह की जानमाल का नुकसान न हो पाए। वहीं, राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन तथा शौचालय सहित अन्य सुविधाएं जुटाने के लिए नोडल अधिकारी को भी नामित किया गया है। भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए SDRF, NDRF और पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।