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Joshimath Sinking Issues: जोशीमठ को बचाने के लिए आगे आये मोदी, यहां देखें सीएम धामी से क्या बातचीत हुई
Joshimath Sinking Issues: जोशीमठ में जमीन धंसने और मकानों में दरारें पड़ने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की।
Joshimath Sinking Issues: जोशीमठ में जमीन धंसने और मकानों में दरारें पड़ने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी सक्रिय हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) से टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया है।इस बीच जोशीमठ के हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। जोशीमठ (PM Narendra Modi) में स्थित शंकराचार्य के मठ में भी कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं जिससे मठ को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। पिछले 15 दिनों के दौरान मठ की दरारें काफी बढ़ गई हैं जिसे लेकर अब चिंता जताई जा रही है।
पीएम मोदी ने धामी से ली जानकारी
जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला गंभीर होने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में दखल दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने उन्हें टेलीफोन कर जोशीमठ के हालात की पूरी जानकारी ली है। धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे जोशीमठ के ताजा हालात और लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए उठाए जा रहे कदमों के संबंध में जानकारी ली है।
प्रधानमंत्री कार्यालय भी जोशीमठ के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी समीक्षा बैठक के जरिए जोशीमठ के हालात को संभालने की कोशिश में जुट गए हैं।
हर संभव मदद का दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ की स्थिति का पूरी गहराई से विश्लेषण किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार अन्य पहाड़ी शहरों के संबंध में भी विश्लेषण करने में जुटी हुई है।
जोशीमठ के हालात की मौके पर जानकारी लेने के लिए धामी ने हाल में जोशीमठ का दौरा भी किया था। उन्होंने जोशीमठ के छह सौ प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ के प्रभावित लोगों की मदद और राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति बनाने का भी निर्देश दिया है।
शंकराचार्य मठ में भी पड़ीं दरारें
इस बीच जोशीमठ स्थित शंकराचार्य मठ में कई स्थानों पर दरारें आ जाने के कारण मठ को खतरा पैदा हो गया है। शंकराचार्य मठ के प्रमुख विश्वप्रियानंद ने बताया कि 15 दिनों पूर्व मठ में कोई दरार नहीं थी मगर पिछले 15 दिनों के दौरान मठ में दरारें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पनबिजली परियोजनाएं राज्य के विनाश का कारण बन गई हैं। राज्य के विकास के लिए इन परियोजनाओं को बनाया गया मगर अब ये परियोजनाएं ही जोशीमठ के विनाश का कारण बन गई हैं।
जोशीमठ को हिंदुओं के पीछे एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में पूजनीय माना जाता है। भगवान बद्रीनाथ की शीतकालीन गद्दी यहीं पर है। जमीन धंसने और घरों में दरारें पड़ने के कारण जोशीमठ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है।
जानकारों का कहना है कि अभी तक 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि प्रभावित लोगों के रहने के लिए राहत शिविरों में व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी के साथ ही अन्य स्थानीय अधिकारी भी लगातार जोशीमठ का दौरा करके राहत कार्यों का निरीक्षण करने में जुटे हुए हैं।