TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Kedarnath Avalanches: केदारनाथ में भीषण तबाही का अलर्ट, एक बार फिर महाप्रलय के खौफ से कांपे लोग

Kedarnath Avalanches: बीते महीने में एक साथ कई बार केदारनाथ धाम के पास एवलांच की घटना होने से अब वैज्ञानिक भी हैरान-परेशान हो गए हैं। वैज्ञानिक स्तर पर इन एवलांच को लेकर कई तरह के शोध किए जा रहे हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 5 Oct 2022 11:23 AM IST
kedarnath avalanche
X

केदारनाथ हिमस्खलन (फोटो-सोशल मीडिया)

Kedarnath Avalanches: देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर बड़ी प्राकृतिक आपदा होने का डर बना हुआ है। उत्तराखंड में प्रकृति बहुत तेजी से अपना रूख मोड़ते हुए दिखाई दे रही है। यहां लगातार आए बर्फीले तूफानों से हाहाकार मचा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, यहां पर आगे कभी भी इस तरह के बर्फीला हमले होने की संभावना बनी हुई है। बीते करीबन नौ दिनों का हाल देखें तो यहां तीन बार एवलांच तांडव मचा चुका है। जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। वहीं एवलांच के आने के कारणों का हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं।

दरअसल एवलांच एक वैज्ञानिक नाम है। इसका सरल भाषा में अर्थ होता है कि पर्वतों की चोटी पर जमी हुई बर्फ जब अपनी जगह से हटने लगती है और खिसकर नीचे गिरने लगती है तो ये एवलांच यानी बर्फीला तूफान आता है।

एवलांच से केदारनाथ में भीषण तूफान का खतरा

बीते दिनों की बात करें तो इस महीने यानी अक्टूबर की पहली तारीख को ही केदारनाथ में एवलांच आया था। उस दौरान केदारनाथ धाम से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों से हजारों की टन में बर्फ खिसकते हुए नीचे की तरफ गिरी थी। जोकि वाकई में बहुत ही भयानक था।

जबकि इससे पहले 22 सितंबर को भी केदारनाथ में एवलांच आया है। जीं हां उस दिन केदारनाथ से लगभग 5 किलोमीटर ऊपर चौराबाड़ी ताल के नजदीक ग्लेशियर के कैचमैंट में एवलांच आया था। फिलहाल इन एवलांच में कोई जनहानि नहीं हुई है, पर लोगों में दहशत बनी हुई है। ऐसे में इन हालातों को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने लोगों से बिल्कुल सतर्क रहने को कहा है। किसी तरह का कोई रिस्क लेने के लिए मना किया है और एनडीआरएफ की टीम भी अलर्ट पर आ गई है।

बीते महीने में एक साथ कई बार केदारनाथ धाम के पास एवलांच की घटना होने से अब वैज्ञानिक भी हैरान-परेशान हो गए हैं। वैज्ञानिक स्तर पर इन एवलांच को लेकर कई तरह के शोध किए जा रहे हैं। जबकि वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान और रिमोट सेंसिंग संस्थान के वैज्ञानिक चौराबाड़ी ग्लेशियर पर रिसर्च के लिए पहुंच गए हैं।

बता दें, इसी चौराबाड़ी ग्लेशियर ने ही सन् 2013 में केदारनाथ धाम में भीषण तबाही मचाई थी। इसी साल आई महाप्रलय ने हजारों लोगों को निगल लिया था। ऐसे में अब एक बार फिर इन एवलांच की वजह से तूफान का खौफ लोगों में बहुत ज्यादा बढ़ गया है।





\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story