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कुंभ में लाखों की भीड़: कोरोना से किसी को कोई मतलब नहीं, अब संक्रमितों की बौछार

कुंभ में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के सारे प्रोटोकॉल को भूलकर लाखों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं।

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 13 April 2021 4:27 AM GMT (Updated on: 13 April 2021 6:27 AM GMT)
मास्‍क, सोशल डिस्टेंस और कोरोना के नियम भूलकर लाखों की संख्या में भक्‍त कुंभ में पहुंच रहे हैं.
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कुंभ मेला(फोटो-सोशल मीडिया)

हरिद्वार: कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ती रफ्तार से पूरे देश में खौफ का माहौल बना हुआ है। उत्तराखंड में भी कोरोना का हाल कुछ ऐसा ही है। लेकिन इसका असर हरिद्वार महाकुंभ में न के बराबर देखने को मिल रहा है। कुंभ में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के सारे प्रोटोकॉल को भूलकर लाखों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं।

इस बीच उत्तराखंड सरकार को भी थर्मल स्‍क्रीनिंग और मास्‍क के नियम के पालन के लिए कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ रही है। ऐसे में इस प्‍वाइंट पर मेला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। वहीं सीएम तीरथ सिंह रावत ने दावा किया है कि शाही स्नान के दौरान राज्य सरकार ने केंद्र की ओर से जारी की गई कोराना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया है।

ऐसे में कुंभ मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, सोमवार हुए दूसरे शाही स्‍नान में 31 लाख से ज्‍यादा भक्तों ने भाग लिया था। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अनुसार, इस दौरान रविवार रात 11:30 बजे से सोमवार शाम पांच बजे तक 18169 श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्‍ट किया गया, जिसमें से 102 पॉजिटिव पाए गए हैं।

श्रद्धालु मास्‍क नहीं पहन रहे

कई जगहों पर मेला प्रशासन की थर्मल स्‍क्रीनिंग की व्‍यवस्‍था नदारद दिखी। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बाद श्रद्धालु मास्‍क नहीं पहन रहे हैं। यूपी के आगरा से आने वाले श्रद्धालु के अनुसार, यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर बने चेक प्‍वाइंट पर जरूरी उनकी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट देखने के अलावा थर्मल स्‍क्रीनिंग की गई, लेकिन मेला एरिया में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।


इस बारे में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान पर कहा,'हमारा पूरा प्रयास है कि जहां तक संभव है कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराया जा सके। सुरक्षा की दृष्टि से भी उत्तराखंड पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है। कोविड की वजह से जितने लोगों के आने की संभावना थी उसके 50 प्रतिशत लोग आए हैं।

ब्रम्हकुंड स्नान के लिए खोले

बता दें, शाही स्नान पर के दिन 13 अखाड़े गंगा (Ganges) में स्नान करने उतरे। इस दौरान मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए थे। वहीं इन अखाड़ों में 7 संन्यासी अखाड़े, 3 बैरागी अखाड़े और 3 वैष्णव अखाड़े शामिल हैं। इन सभी ने स्नान हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर किया। निरंजनी अखाड़े के संतों ने सबसे पहले शाही स्नान किया। जबकि श्री निर्मल अखाड़ा के संतों को सबसे आखिर में मौका मिला। अखाड़ाां के स्नान करने के बाद ही अन्य श्रद्धालुओं के लिए ब्रम्हकुंड स्नान के लिए खोले गए।

वहीं कुंभ में सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान किया। ऐसे में शाही स्नान के दौरान घाटों पर उमड़ी भीड़ के फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुए। लोगों ने इसकी तुलना 2020 में दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह में हुए मरकज से करते हुए आलोचनाएं भी की।

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