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सरकार के गले की फांस बना हल्द्वानी ISBT, कांग्रेसी हो रहे गोलबंद

आईएसबीटी उत्तराखंड सरकार के गले की फांस बन गया है। हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक इंदिरा हृदयेश इस मसले पर जहां कांग्रेसियों को गोलबंद करके लंबी लड़ाई की तैयारी कर रही हैं वहीं भाजपा मंगलवार को इंदिरा हृदयेश के अनशन के अवसर पर जमीन चिह्नित किये जाने को लेकर जश्न मनाते हुए जवाब में मिठाई बांटने की तैयारी कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि अभी तक दूसरी जग

Anoop Ojha
Published on: 29 Jan 2018 2:41 PM GMT
सरकार के गले की फांस बना हल्द्वानी ISBT, कांग्रेसी हो रहे गोलबंद
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सरकार के गले की फांस बना हल्द्वानी ISBT, कांग्रेसी हो रहे गोलबंद

हल्द्वानी:आईएसबीटी उत्तराखंड सरकार के गले की फांस बन गया है। हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक इंदिरा हृदयेश इस मसले पर जहां कांग्रेसियों को गोलबंद करके लंबी लड़ाई की तैयारी कर रही हैं वहीं भाजपा मंगलवार को इंदिरा हृदयेश के अनशन के अवसर पर जमीन चिह्नित किये जाने को लेकर जश्न मनाते हुए जवाब में मिठाई बांटने की तैयारी कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि अभी तक दूसरी जगह कोई जमीन फाइनल नहीं हुई है।

सरकार के गले की फांस बना हल्द्वानी ISBT, कांग्रेसी हो रहे गोलबंद सरकार के गले की फांस बना हल्द्वानी ISBT, कांग्रेसी हो रहे गोलबंद

परिवहन सचिव डी सैंथिल पांडियन ने रविवार को हल्द्वानी में आईएसबीटी के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद सचिव ने प्रशासन, परिवहन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में आईएसबीटी का निर्माण जल्द शुरू कराया जाएगा। आठ हेक्टेअर ज़मीन पर बनने वाले आईएसबीटी के लिए भूमि पर वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए केंद्र को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा। देहरादून से टेक्निकल टीम भी प्रस्तावित ज़मीनों का निरीक्षण करेगी। जिसके बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। यानी अभी बहुत कुछ होना बाकी है तब जाकर कहीं जमीन फाइनल होगी। इस बीच हल्द्वानी से आईएसबीटी हटाए जाने की आशंका परिवहन सचिव ने भरोसा दिलाया है कि आईएसबीटी हल्द्वानी में ही बनाया जाएगा।

हल्द्वानी आईएसबीटी के निर्माण कार्य पर रोक लगने और जगह परिवर्तन करने के बाद से नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश सरकार के ऊपर हमलावर है और सरकार को इस मामले में जल्द फैसला लेने के लिये 30 दिन का समय भी दिया था जो समय कल यानी मंगलवार को खत्म हो रहा है।

अंतरराज्यीय बस अड्डे के लिए अब जमीन को लेकर हो रही खोजबीन से जाहिर है कि अभी तक कुछ हुआ ही नहीं है। समय सीमा समाप्त होते देखकर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के पास वाली जमीन का निरीक्षण किया गया है। यूओयू के पास की जिस जमीन पर आईएसबीटी बनाने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है उस जमीन पर कांग्रेस ने मंडी विस्तार का प्रस्ताव बनाया था। दूसरे जिस जमीन को अब उत्तराखंड सरकार देख रही है इस जमीन को पूर्व में भी बस अड्डे के लिए भी देखा जा चुका है और उस समय केंद्र ने खैर के जंगल का हवाला देकर इस जमीन को बस अड्डे के लिए देने से मना कर दिया था। कांग्रेस की मुहिम का जवाब देने के लिए भाजपा की रणनीति यूओयू के पास वाली जमीन चिह्नित किए जाने का जोर-शोर से प्रचार करने की है।

नई दिक्कत

गौलापार आईएसबीटी की कुल निर्माण लागत 78 करोड़ रुपये थी। अब नई जगह बस अड्डे को बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने जो प्रस्ताव बनाया है उसमें आईएसबीटी तक फोरलेन बनाने के लिए 110 करोड़ की जरूरत होगी।

जबकि आईएसबीटी के निर्माण के लिए सरकार को पैसा अलग से चाहिए होगा। जमीन सहित अन्य मदों को मिलाया जाए तो नया आइएसबीटी सरकार को करीब तीन गुना महंगा पड़ सकता है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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