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छात्रा से ठगी करना कॉलेज को पड़ा भारी, कोर्ट ने सुनाया 10 लाख वापस करने का आदेश
हल्द्वानी। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज को हाई कोर्ट ने सख्त आदेश देते हुए पीड़िता दीपाली गुप्ता को दस लाख बीस हजार रुपये तीन सप्ताह में वापस करने को कहा है। बताते चलें, मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली दीपाली यहां से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं लेकिन उनकी तबियत ख़राब हो गई, जिसकी वजह से उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।
इसलिए जब उन्होंने कॉलेज से मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र वापस मांगे, तब कॉलेज प्रशासन ने दीपाली से आठ लाख रुपये की एफडी मांगी। इसपर दीपाली ने यह रकम भी जमा कर दी लेकिन बाद में कॉलेज ने उन्हें कुछ भी वापस नहीं दिया। ऐसे में दीपाली ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और न्याय की गुहार लगाई।
कोर्ट में दीपाली ने बताया कि कॉलेज ने उनके साथ ठगी की है। उन्होंने आगे बताया कि उनका एडमिशन सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटे से हुआ था। तब कॉलेज प्रशासन ने बतौर ट्यूशन फीस दो लाख बीस हजार रुपये लिये थे, जबकि इसी श्रेणी के अभ्यर्थियों से केवल 15 हजार रुपये लिए गए थे।
इसके बाद दीपाली का स्वास्थ्य पढ़ाई के दौरान ही खराब हो गया। इसलिए वह पढ़ाई छोड़कर दिल्ली चली गईं। कुछ समय बाद जब छात्रा के मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र वापस मांगे गए तो कॉलेज प्रशासन ने आठ लाख की एफडी मांगी। इसे जमा भी कर दिया। इसके बावजूद छात्रा को कॉलेज ने कुछ भी नहीं दिया।
इसलिए छात्रा ने कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसपर सभी पक्षों की दलील सुनने के न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को दो लाख बीस हजार टय़ूशन फीस समेत आठ लाख की एफडी तीन सप्ताह में वापस करने के कॉलेज को आदेश दिए हैं।