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Nepal India Border: ताबड़तोड़ पत्थरबाजी उत्तराखंड में, नेपाल की ओर से बरसाए गए ईंट-पत्थर

Nepal India Border Dispute: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ धारचूला के घटखोला में तटबंध कार्य में लगे मजदूरों पर नेपाली सीमा की ओर से पत्थर बरसाए गए।

Krishna Chaudhary
Published on: 4 Dec 2022 7:26 PM IST
Uttarakhand News In Hindi
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नेपाल की ओर से बरसाए गए पत्थर।  (Social Media)

Nepal India Border Dispute: भारत – नेपाल सीमा विवाद एकबार फिर चर्चाओं में है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ धारचूला के घटखोला में तटबंध कार्य में लगे मजदूरों पर नेपाली सीमा की ओर से पत्थर बरसाए गए। निर्माण कार्य भारतीय सीमा के अंदर ही हो रहा था, तभी अचानक नेपाल के लोगों ने पत्थर मारना शुरू कर दिया। अचानक हुई इस घटना से श्रमिकों में हड़कंप मच गया। काफी देर तक घटनास्थल पर अफरातफरी का माहौल रहा। मजदूर खुद को पत्थर से बचाने के लिए इधर-उधर भागे। थोड़ी देर बाद जाकर मामला शांत हुआ।

सिंचाई विभाग तटबंध का निर्माण कार्य करते समय हुई ये घटना

मिली जानकारी के मुताबिक, काली नदी के कटाव से सुरक्षा के लिए उत्तराखंड सरकार का सिंचाई विभाग तटबंध का निर्माण करा रहा है। रविवार को मजदूर जब निर्माण कार्य में लगे थे, तभी ये घटना हुई। राज्य सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि तटबंध का निर्माण भारतीय क्षेत्र में ही हो रहा है लेकिन नेपाल की तरफ से कुछ असामाजिक तत्व पथराव कर इसमें बाधा उत्पन्न करना चाह रहे हैं। नेपाल की तरफ से पहले भी इस तरह की हरकतें हो चुकी हैं, जिसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।

मार्च में हुई थी पत्थरबाजी की घटना

इससे पहले इसी साल मार्च में धारचूला में ही काली नदी के किनारे सुरक्षा बांध बनाने के दौरान मजदूरों पर नेपाली लोगों ने पत्थर बरसाए थे। उत्तराखंड सरकार ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए नेपाल पर उकसावे की कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। हालांकि, पत्थरबाजी के बाद भी सिंचाई विभाग ने काम नहीं रोका और बांध निर्माण कार्य जारी रहा।

लोकल लोगों ने बताई पत्थरबाजी की वजह

स्थानीय लोगों ने बताया कि भारत के हिस्से में बन रहे सुरक्षा बांध से नेपाली खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका मानना है कि सुरक्षा बांध से नदी की धारा बदल सकती है। जिससे उन्हें मानसून के समय बाढ़ का संकट झेलना पड़ सकता है। काली नदी में साल 2013 में भीषण बाढ़ आई थी। तब भारत और नेपाल दोनों तरफ के लोग इससे काफी प्रभावित हुए थे। भारत नदी के अपने हिस्से में सेफ्टी वॉल बनाकर लोगों को बाढ़ के खतरे से बचाना चाहता है।



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Deepak Kumar

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