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Uttarakhand News: मौसम विभाग समय रहते आपदा से बचाएगा उत्तराखंड को, शुरु हुई खास तैयारी

Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार राज्य में आपदाओॆ को लेकर काफी संवेदनशील हैं, जिसके चलते आपदा को अधिक उग्र और नुकसान दायक होने से बचाने के लिए लगातार नए प्रयास जारी हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Shivani
Published on: 5 Jun 2021 3:19 PM IST
Uttarakhand Disaster
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फाइल फोटो

Uttarakhand News: उत्तराखंड में इस साल दो बार प्राकृतिक आपदा का कहर बरपा। ग्लेशियर फटने से कई लोगों की जान चली गई और काफी तबाही हुई। हालंकि उत्तराखंड सरकार राज्य में आपदाओॆ को लेकर काफी संवेदनशील हैं, जिसके चलते आपदा को अधिक उग्र और नुकसान दायक होने से बचाने (Disaster Control) के लिए लगातार नए प्रयास जारी है। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने बेहतर तकनीकी के जरिये आपदाओं से होने वाले नुक्सान को कम करने की दृष्टि से कई कारगर कदम उठाये हैं।

दरअसल, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( Uttarakhand Apda), आपदा विभाग ने मौसम विभाग (Mausam Vibhag) भारत सरकार के साथ सामंजस्य स्थापित कर राज्य के सुरकंडा, टिहरी तथा लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल मे डॉपलर रडार स्थापित कर रहे हैं। है। पिछले दिनों मुकतेश्वर, नैनीतल मे डॉपलर स्थापित हो गया है और इससे लगातार मौसम संबंधित डाटा प्राप्त हो रहा है। इसके जरिये राज्य और जनपद प्रशासन आपदा से पहले सही फैसला लेकर नुकसान से बच सकेंगे।

आपदा प्रबंधन विभाग और मौसम विभाग में सामंजस्य

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एस ए मुरूगेशन ने मौसम विभाग के प्रभारी निदेशक रोहित थपलियाल से डॉपलर रडार सुरकंडा, टिहरी साइट की कार्य प्रगति के बारे मे विस्तृत चर्चा करते हुए एयर लिफ्टिंग के माध्यम से रडार के उपकरणो को सुरकंडा साइट पर जल्द से जल्द पहुंचाने के कार्य को गति देने पर बल दिया। जिससे की जल्द से जल्द निर्माण कार्य को गति मिलेगी। उन्होंने आश्वासन दिलाया की आपदा विभाग मौसम विभाग को पूरा सहयोग देगा।

साथ ही साथ आपदा प्रबंधन के सचिव ने डॉपलर रडार लैंसडाउन साइट के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मौसम विभाग के अधिकारियों को साइट पर जाने के निर्देश दिए है ताकि डॉपलर रडार लैंसडाउन को स्थापित करने का कार्य भी जल्द शुरू किया जाये। ये डॉपलर रडार आपदा के समय त्वरित प्रतिवादन करने के लिए जरूरी निर्णय मे अहम भूमिका निभाते हैँ जिससे आपातकालीन स्तिथि मे जान माल की क्षती को न्यून किया जा सकता है।
Shivani

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