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Property Dispute Of Up Uttarakhand: दो दशक से जो दिग्गज नहीं कर सके, वो धामी ने कर दिखाया
Property Dispute Of Up Uttarakhand: उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के अलग होने के बाद उत्तराखंड (Uttarakhand) को 21 सालों तक अपने हक के लिए इंतजार करना पड़ा। लेकिन मुख्यमंत्री धामी की सूझबूझ और सटीक तर्कों से विवाद सुलझ गया।
Property Dispute Of Up Uttarakhand: उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने वो कर दिखाया, जो उत्तराखंड के दिग्गज सीएम भी 21 सालों में नहीं कर पाए, इसकी मुख्य वजह युवा मुख्यमंत्री की युवा सोच और सरलता से मसले सुलझाने वाली वो बुद्धिमता है, जो किसी को भी अपना कायल बना सकती है।
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के अलग होने के बाद उत्तराखंड (Uttarakhand) को 21 सालों तक अपने हक के लिए इंतजार करना पड़ा। यह कार्य राज्य के गठन के तुरंत बाद हो जाना चाहिए था। लेकिन दोनों राज्यों के नेताओं और नौकरशाहों के बीच कई बार की बैठकों के बाद भी इस मामले में सहमति नहीं बन सकी। उस वक्त भी नहीं, जब दोनों राज्यों की सत्ता की बागडोर बीजेपी (BJP) के हाथों में थी। ऐसे दौर कई बार आये। लेकिन मसला सुलझ नहीं सका।
विवाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) तक जा पहुंचा था
हालांकि इससे पहले ही यह विवाद आपसी सुलह-समझौते की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) तक जा पहुंचा था। दोनों राज्यों के बीच विवाद बढ़ने पर करीब एक दशक पहले सुप्रीम कोर्ट को दखल देकर यथास्थिति कायम रखने के आदेश देने पड़े थे।
मुख्यमंत्री धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को आखिर कामयाबी मिल ही गई
समय बीतता गया और साल दर साल मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक बैठकों के दौर चलता रहा। इस सब क़वायदों के बाद नतीजा वही ढाक के तीन पात। वक्त गुजरने के साथ-साथ यूपी से अपने अधिकार वाली सम्पत्तियों को हासिल करने की उम्मीद कमजोर पड़ती जा रही थी। योगी सरकार (Yogi Sarkar) के कार्यकाल में भी शीर्ष स्तर पर बैठकें हुईं, लेकिन कामयाबी सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री धामी ने हासिल की।
यूपी और उत्तराखंड बड़े भाई और छोटे भाई की तरह हैं
मुख्यमंत्री धामी ने परिसम्पत्तियों विवाद की पहली बैठक में ही कह डाला कि "यूपी और उत्तराखंड बड़े भाई छोटे भाई की तरह हैं, और आज ही और विवाद का हल निकाल दिया जाए" धामी की सूझबूझ और सटीक तर्कों से योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditya Nath)संतुष्ट नज़र आए और "ऑन दा स्पॉट" फ़ैसला हो गया। धामी की यह विशेषता उनकी सरलता और मिठास के साथ मिलकर एक ऐसे सफर का आगाज करती हैं जो आम आदमी के ख्वाबों से जुड़ा है।
यह ऐतिहासिक कामयाबी विश्वाश को और अधिक पुख्ता करेगी
यह पूरा घटनाक्रम सब उस दौर में हुआ है, जब उत्तराखंड का आवाम यूपी के साथ सम्पत्तियों का न्यायसंगत बंटवारा होने की राह देखते देखते निराश होने लगा था। ऐसे दौर में सीएम पुष्कर सिंह धामी के उत्तर प्रदेश दौरे में मिली ऐतिहासिक कामयाबी लोगों के दिलों में इस विश्वाश को और अधिक पुख्ता करेगी कि उनका भविष्य अब सुरक्षित हाथों में है।
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