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स्मार्ट सिटी की ‘जादुई छड़ी’... तो चकाचक हो जायेगा देहरादून

Newstrack
Published on: 12 Jan 2018 8:58 AM GMT
स्मार्ट सिटी की ‘जादुई छड़ी’... तो चकाचक हो जायेगा देहरादून
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देहरादून: स्मार्ट सिटी की दौड़ में तीन दौर में पिछडऩे के बाद जून 2017 में आखिरकार देहरादून का केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चयन हो गया था। अब नगर निगम इस साल इस प्रोजेक्ट को ज़मीन पर उतारने की तैयारी में है। प्रोजेक्ट के अनुसार काम हुआ तो यकीन मानिए दून की रंग बदल जाएगी। दून किसी विकसित देश के शहर की तरह दिखने लगेगा और बहुत से लोगों के सपनों का शहर बन जाएगा। आइए देखते हैं इस प्रोजेक्ट में क्या होगा खास....

जाम न प्रदूषण : स्मार्ट सिटी में इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम और ग्रीन ट्रांसपोर्ट विकसित करने की योजना है। इसके तहत ज्यादातर सडक़ें वन वे रहेंगी। सडक़ें चौड़ी होंगी और ट्रैफिक लाइट सिस्टम बेहतर होगा। जाम से बचने के लिए कम चौड़ी जगहों व चौराहों पर फ्लाईओवर भी बनेंगे।

शहर में ट्रैफिक का दबाव करने के लिए बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा होगी। पब्लिक टांसपोर्ट ईंधन और पर्यावरण बचाए, इसलिए ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल होगा। साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए अलग साइकिल लेन होगी। स्मार्ट स्ट्रीट लाइटें होंगी जो अंधेरा होने पर खुद ही जलने लगेंगी। देहरादून के एस्लेहॉल और डिस्पेंसरी रोड पर पार्किंग बनेगी।

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अंडरग्राउंड केबलिंग, सर्विस डक्ट : दून घाटी की ख़ूबसूरती को कैमरे में कैद करने से रोकने वाली बिजली की लटकती तारें स्मार्ट सिटी में नहीं दिखेंगी। प्रोजेक्ट के अनुसार शहर में सभी बिजली और टेलीफोन की लाइनें अंडर ग्राउंड होंगी। इससे खराबी आने की संभावना कम होगी और शहर भी सुंदर दिखेगा। इन सुविधाओं की निर्बाध आपूर्ति जारी रहे इसके लिए इनकी मेंटेनेंस के लिए स्मार्ट सिटी में सडक़ के नीचे सर्विस डक्ट बनाई जाएगी। सभी तरह के केबल इसी के ज़रिए इधर से उधर होंगे। यह सर्विस डक्ट एक तरह की सुरंग होगी, जिसमें बिजली, पानी, सीवर, टेलीफोन, इंटरनेट की लाइनें होंगी। इससे किसी भी लाइन के खराब होने, नई लाइन बिछाने के लिए बार-बार सडक़ को खोदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट : शहर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था भी बेहतर होगी। अंडरग्राउंड डस्टबिन लगाए जाएंगे, जिससे कूड़ा सडक़ पर नहीं बिखरेगा। डस्टबिन भरते ही इस पर लगे सेंसर खुद ही कंट्रोल रूम में मैसेज भेज देंगे। इन डस्टबिन की सफाई रात में कर ली जाएगी। सुबह तक डस्टबिन पूरी तरह खाली मिलेंगे। शहर के लगभग सभी हिस्सों में ऐसे डस्टबिन लगाए जाएंगे।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग : दून घाटी मे होने वाली भरपूर बारिश का ज़्यादातर पानी बहकर बर्बाद हो जाता है। ऐसा न हो इसके लिए स्मार्ट सिटी में प्रत्येक बिल्डिंग के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रोजेक्ट लगाना अनिवार्य होगा। वर्षा जल को संग्रहित कर उसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। यह लोगों के साथ ही पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा। स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम भी होगा, जिसमें जल निकासी की बेहतर व्यवस्था होगी। शहर में जलभराव की समस्या नहीं होगी।

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देहरादून वन ऐप : शहरवासियों के लिए स्मार्ट सिटी देहरादून वन मोबाइल ऐप होगा। इसकी मदद से सभी सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा सकेगा। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र बनाने से लेकर एमडीडीए का नक्शा पास कराने और बिजली-पानी से लेकर हाउस टैक्स जमा कराने तक का काम इससे हो सकेगा। केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया स्कीम के तहत यह ऐप बनाया जाना है। इससे पैसों का लेन-देन भी किया जा सकेगा। पीपीपी मोड में सरकार चाहे तो इसमें निजी क्षेत्र की जानकारियां और सुविधाएं भी शामिल कर सकती है।

पलटन बाजार में गोल्फ कार : स्मार्ट सिटी में पलटन बाजार की सूरत भी पूरी तरह बदल जाएगी। बाजार में वाहनों की आवाजाही पर तो रोक होगी, लेकिन गोल्फ कार दौड़ती नजर आएगी। बाजार में सडक़ के चौड़ीकरण के साथ पार्किंग सुविधा उपलब्ध होगी। पूरा बाजार एक ही रंग में लिपटा नजर आएगा।

बायो टॉयलेट, वाटर एटीएम : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत घंटाघर, क्वालिटी, ग्लोब, कनक, महाराजा अग्रसेन चौक का सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण किया जाएगा। गांधी पार्क को विकसित करने के साथ सौंदर्यीकरण होगा। नगर निगम कार्यालय ग्रीन बिल्डिंग के रूप में होगा परिवर्तित किया जाएगा। बायो टायलेट और वाटर एटीएम स्थापित किए जाएंगे। डीएवी और डीबीएस कॉलेज क्षेत्र के विकास के साथ चौड़ी होंगी सडक़ें। घंटाघर स्थित कॉंपलेक्स में बच्चों के लिए मॉडल थीम पार्क बनेगा। पूर्व तहसील परिसर में मल्टी लेवल कार पार्किंग विकसित होगी। ईसी रोड को स्मार्ट मॉडल रोड के रूप में विकसित किया जाएगा।

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शिवाजी पार्क जैसा होगा परेड ग्राउंड : देहरादून नगर निगम परेड ग्राउंड में मौजूद अपनी जमीन को मुंबई के शिवाजी पार्क की तर्ज पर तैयार करेगा। यहां वॉक-वे, सिटिंग की व्यवस्था के साथ ही लाइटों से डेकोरेशन की जाएगी। साथ ही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग और पार्किंग भी बनाई जाएगी। नगर आयुक्त के निर्देश परेड ग्राउंड में मौजूद निगम की 2623 स्क्वायर मीटर जमीन के लिए अधिकारी प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। इसमें गांधी पार्क रोड और तिब्बती मार्केट रोड की ओर पांच मीटर का वॉक-वे बनाया जाएगा। जिसमें लोगों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा लाइटों से डेकोरेशन भी की जाएगी। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। सडक़ से निकलने वाले लोग इसकी ओर आकर्षित हो सकें, इसके लिए लैंड स्कैप भी बनाए जाएंगे।

न दिखेंगे बीजेपी, एसपी ऑफि़स, न प्रेस क्लब : इसके अलावा परेड ग्राउंड में निगम की ज़मीन पर जो बिल्डिंग हैं, उन्हें तोडक़र मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। इस विस्तार और सौंदर्यीकरण की गाज बीजेपी महानगर कार्यालय, लाइब्रेरी, प्राथमिक विद्यालय, प्रेस क्लब, समाजवादी पार्टी कार्यालय पर गिरेगी। योजना है कि इस ज़मीन पर बनने वाली मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में ही इनको शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा दी जाएगी। इतना ही नहीं टॉप फ्लोर का कॉमर्शियल इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा धरना स्थल के स्थान को ग्रीन स्पेस में तब्दील किया जाएगा।

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स्वच्छ भारत अभियान का प्रमोशन : स्मार्ट सिटी के तहत स्वच्छ भारत अभियान को भी प्रमोट किया जाएगा। इसके तहत लोगों को जागरूक करने वाली मूर्तियां लगाई जाएंगी, जिनके ज़रिए लोगों को स्वच्छता के फायदे बताए जाएंगे।

कहां और कितने में बनेगी स्मार्ट सिटी : स्मार्ट सिटी का क्षेत्रफल 354 हेक्टेअर (875 एकड़) होगा। इसमें आराघर चौक से ईसी रोड, करनपुर बाजार, डीबीएस चौक से नैनी बेकरी, बहल चौक, राजपुर रोड, घंटाघर, चकराता रोड , बिंदाल पुल, बिंदाल नदी के साथ-साथ बायीं तरफ के क्षेत्र को शामिल करते हुए कांवली रोड, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक से हरिद्वार रोड़ से होते हुए आराघर चौक के बीच का क्षेत्र शामिल है।

स्मार्ट सिटी में नगर निगम के दस वार्ड शामिल होंगे। इनमें वार्ड नंबर 11 करनपुर, 12 बकरालवाला, 15 घंटाघर और 17 एमकेपी का कुछ हिस्सा होगा, जबकि वार्ड 18 कालिका मंदिर मार्ग, वार्ड 19 तिलक रोड, 20 खुडबुडा, 21 शिवाजी मार्ग, 23 धामावाला और 24 झंडावाला शामिल रहेंगे। इसमें करीब 35 किलोमीटर का क्षेत्र रहेगा। स्मार्ट सिटी की कुल लागत 1407.50 करोड़ रुपये है। इसमें से 1,000 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी फंड, 236 करोड़ रुपये सहयोगी फंड और 171.50 करोड़ रुपये पीपीपी परियोजना से लगाए जाएंगे।

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