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हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी में फंसा पेंच, हरीश रावत खिलाफ तो दूसरा गुट समर्थन में, पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ीं
Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड की सियासत में हरक सिंह रावत से हरीश रावत की नाराजगी किसी से छिपी हुई नहीं है। हरीश रावत ने अपनी नाराजगी से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है।
Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड के कद्दावर नेता माने जाने वाले हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी पर छाए संकट के बादल अभी तक नहीं छंट सके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुवाई वाला एक बड़ा वर्ग हरक सिंह रावत की पार्टी में वापसी का विरोध कर रहा है। हरक सिंह को हाल ही में भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। उसके बाद से ही उनकी कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं हैं और इस बाबत उनकी कई कांग्रेस नेताओं से बातचीत भी हो चुकी है।
पहले चर्चा थी कि मंगलवार को हरक सिंह को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जा सकती है मगर पार्टी में हो रहे विरोध के कारण हरक सिंह की वापसी में पेंच फंस गया है। पार्टी में एक वर्ग उनकी वापसी के समर्थन में है तो हरीश रावत की अगुवाई वाला दूसरा वर्ग हरक सिंह की खिलाफत कर रहा है। पार्टी हाईकमान इस मामले को हल करने की कोशिश में जुटा हुआ है।
हरीश रावत ने नेतृत्व को बताई अपनी राय
उत्तराखंड की सियासत में हरक सिंह रावत से हरीश रावत की नाराजगी किसी से छिपी हुई नहीं है। हरीश रावत ने अपनी नाराजगी से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है। हरक सिंह रावत को लेकर उत्तराखंड में सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। पहले मंगलवार को हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी की बात कही जा रही थी मगर हरीश रावत गुट के विरोध के कारण अभी भी इस मामले में सस्पेंस बना हुआ है।
हरीश रावत पहले भी पार्टी में गुटबाजी को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। रावत की नाराजगी के बाद उत्तराखंड में चुनाव की पूरी कमान उन्हें सौंपी जा चुकी है और अब ऐसे में पार्टी नेतृत्व उन्हें एक बार फिर नाराज करने का जोखिम लेने के पक्ष में नहीं है।
दूसरा गुट हरक सिंह के समर्थन में
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड कांग्रेस का दूसरा ग्रुप हरक सिंह रावत की पार्टी में वापसी का समर्थन कर रहा है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह और उत्तराखंड के प्रभारी देवेंद्र यादव का मानना है कि हरक सिंह को पार्टी में वापस ले लिया जाना चाहिए और इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी।
हालांकि दोनों नेताओं ने अभी तक इस मुद्दे पर खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन पर्दे के पीछे से दोनों नेता हरक सिंह का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि चुनाव के मौके पर हरीश रावत को पुरानी बातों को भूलते हुए हरक सिंह को माफ कर देना चाहिए ताकि कांग्रेस को मजबूती मिल सके।
मुश्किल में फंसा पार्टी नेतृत्व
दरअसल हरीश रावत की हरक सिंह से नाराजगी 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर है। हरीश रावत कई बार खुलकर या बयान दे चुके हैं कि 2016 में पार्टी छोड़कर गए लोगों ने संसदीय लोकतंत्र को कलंकित किया था। ऐसे लोगों को अपने बर्ताव पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। हरक सिंह ने पिछले दिनों हरीश रावत को बड़ा भाई बताते हुए माफी भी मांगी थी मगर हरीश रावत के रवैये से साफ है कि उन्होंने अभी तक हरक सिंह रावत को माफ नहीं किया है।
उत्तराखंड कांग्रेस में हरीश रावत का विरोधी माने जाने वाला गुट हरक सिंह के पक्ष में है और माना जा रहा है कि हरक सिंह की पार्टी में वापसी के बाद गुटबाजी और बढ़ेगी। हरीश रावत का कहना है कि पार्टी किसी एक व्यक्ति से बड़ी है और पार्टी नेतृत्व इस मामले में आपसी सहमति से उचित फैसला लेगा। कांग्रेस के दोनों गुटों के बीच चल रही खींचतान के कारण पार्टी नेतृत्व मुश्किल में फंसा नजर आ रहा है।