TRENDING TAGS :
Uttarakhand by-election: CM तीरथ सिंह रावत को टक्कर देंगे AAP के कर्नल अजय कोठियाल, लड़ेंगे चुनाव
Uttarakhand by-election: आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल उत्तराखंड उपचुनाव में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) नजदीक आते ही सियासी पारा चढ़ने लगा है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) के उपचुनाव को लेकर भी सरगर्मियां तेज़ हैं। एक तरफ जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष समेत सभी दल रणनीति बनाने में जुटे हैं तो वहीं, राज्य में सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी (AAP) भी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है।
इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि उत्तराखंड के सीएम रावत के खिलाफ उपचुनाव में कर्नल अजय कोठियाल (Ajay Kothiyal) आप के उम्मीदवार होंगे और पूरी शिद्दत से चुनौती पेश करेंगे। अजय कोठियाल उपचुनाव में सीएम तीरथ सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे इस बात की घोषणा गुरुवार को की गई है।
गंगोत्री विधानसभा सीट पर उपचुनाव
आप ने एलान किया कि गंगोत्री विधानसभा सीट (Gangotri assembly seat) पर उपचुनाव में सीएम तीरथ सिंह रावत के खिलाफ रिटायर्ड कर्नल कोठियाल चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उत्तराखंड सरकार पर कुशासन का आरोप लगाते हुए आप ने कहा कि इस उपचुनाव के बाद राज्य में कुशासन का अंत हो जाएगा और गंगोत्री उपचुनाव के साथ ही तीरथ की विदाई भी होगी और उत्तराखंड के नवनिर्माण की शुरुआत भी। आप ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि सीएम बनने के छह महीने बाद भी तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं।
दो विधानसभा सीटें खाली
आपको बता दें कि पौड़ी से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत ने इस साल 10 मार्च को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद संभाला था। नियम के अनुसार 10 सितंबर तक उन्हें विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है। प्रदेश में इस समय दो विधानसभा सीटें रिक्त हैं। अब गंगोत्री सीट से रावत के उपचुनाव लड़ने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस नेता इंदिरा हृद्येश के निधन के बाद हल्द्वानी सीट भी रिक्त है।
तीरथ के चुनाव लड़ने पर फंसा पेंच
हालांकि तीरथ सिंह रावत के चुनाव लड़ने पर एक पेंच भी फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, तीरथ सिंह रावत के सामने एक बड़ा सवाल 10 सितंबर के बाद मुख्यमंत्री बने रहने का है। उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त होने के छह महीने के अंदर विधायक चुना जाना है, लेकिन जनप्रतिनिधि कानून के तहत विधानसभा के आखिरी एक साल में उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं।
विपक्ष भी उपचुनाव टालने के संवैधानिक प्रावधान पर दे रहा जोर
वहीं विपक्ष भी विधानसभा कार्यकाल एक साल से कम शेष रहने पर उपचुनाव टालने के संवैधानिक प्रावधान पर जोर दे रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम तीरथ अगर 10 सितंबर तक विधानसभा के सदस्य निर्वाचित होते हैं तो उनको अगले 14 दिन के भीतर लोकसभा से इस्तीफा देना होगा। दूसरी ओर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151(क) के तहत जिस राज्य में चुनाव होने में केवल एक साल से कम का समय बचा हो, वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। बता दें कि उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं।