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Uttarakhand Chardham Yatra 2023: चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरू, जानें कब खुलेंगे बद्रीनाथ-केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट
Chardham Yatra 2023: चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरु हो गयी है। केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री यमुनोत्री सहित चारों धामों के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है।
Chardham Yatra Kapat (Image: Social Media)
Chardham Yatra 2023: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरु हो गयी है। केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री यमुनोत्री सहित चारों धामों के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल को खोले जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को खुलेंगे। वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 27 अप्रैल पहले ही घोषित की जा चुकी है। कपाट खुलने के संबंध में बद्रीनाथ केदारनाथ समित ने जानकारी दी है।
कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान होने के बाद श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। गुरुवार को बसंत पंचमी के अवसर पर उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में हुई बैठक में पंचांग गणना के बाद विधि-विधान के साथ बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समित से मिली जानकारी के मुताबिक बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर पूरे विधि-विधाने के साथ खोले जाएंगे।
चार धाम यात्रा को लेकर विभाग ने रजिस्ट्रेशन की तैयारी पूरी कर ली है। विभाग ने वेबसाइट www.registrationandtouristcare.uk.gov.in को अपडेट कर दिया है। वेबसाइट के माध्यम से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
पहली बार लागू होगी कतार प्रबंधन प्रणाली
चारधामों में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को लाइन में खड़ा न होना पड़े। इसके लिए पहली बार पर्यटन विभाग की ओर से कतार प्रबंधन प्रणाली लागू किया जाएगा। इसके तहत धाम में पहुंचने पर श्रद्धालुओं को एक टोकन दिया जाएगा। जिसमें दर्शन के लिए समय निर्धारित होगा। टोकन प्राप्त करने के बाद श्रद्धालुओं को लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।
बता दें कि साल 2022 में कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने पिछले साल नया रिकॉर्ड बनाया था। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया था।