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Uttarakhand: BJP ही नहीं कांग्रेस भी दो गुटों में बटी, नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष के लिए सियासी जंग जारी
उत्तराखंड की सियासत इस समय काफी गरमाई हुई है, एक ओर जहां बीजेपी तीसरा सीएम बनाने जा रही है तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में भी काफी खींचतान मची हुई है।
उत्तराखंड की सियासत इस समय काफी गरमाई हुई है, एक ओर जहां बीजेपी तीसरा सीएम बनाने जा रही है तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में भी काफी खींचतान मची हुई है। दरअसल पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष इन्द्रिरा ह्रदेश के निधन के बाद कांग्रेस में खुलकर गुटबाजी दिखाई दे रही है। नेता प्रतिपक्ष का नाम भले ही तय हो गया हो लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए रस्साकशी जारी है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा यह तो आलाकमान को तय करना है लेकिन देहरादून में इसके लिए नूराकुश्ती का खेल जारी है। कांग्रेस नेताओं के पास अच्छा मौका है बीजेपी को घेरना का लेकिन वह खुद ही कुर्सी के लिए लड़े जा रहे हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस तीन गुटों में बटी
वैसे तो कांग्रेस की जब सरकार थी तभी से उसमें गुटबाजी की खबरें सामने आती रहती थीं, लेकिन इन्द्रिरा ह्रदेश की मौत के बाद तीन गुटों में बंटी कांग्रेस अब हरीश रावत और प्रीतम सिंह के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। उत्तराखंड कांग्रेस में हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच सियासी जंग है। नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष के एलान में दोनों नेताओं की आपसी उठापटक के बीच केंद्रीय हाईकमान भी इस पर निर्णय लेने में देरी कर रहा है।
हरीश रावत-प्रीतम सिंह में टक्कर
बता दें प्रीतम सिंह का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए आने के बाद वो अपने करीबी को ही अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं, तो वहीं हरीश रावत का नाम लगभग चुनाव संचालन समिति के लिए तय माना जा रहा है। ऐसे में हरीश रावत भी अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने करीबी की ताजपोशी चाहते हैं। प्रीतम सिंह ने यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भुवन कापड़ी और कुछ नेताओं के नाम आगे कर दिए हैं, तो वहीं हरीश रावत ने गणेश गोदियाल, किशोर उपाध्याय, गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कुछ नाम हाईकमान के पास अध्यक्ष पद के लिए भजे दिए हैं। अब दिल्ली में डटे सभी कांग्रेस नेताओं को हाईकमान के आदेश का इंतजार हैं।
बीजेपी के घटनाक्रम पर कांग्रेस की नजर
वहीं बीजेपी के अंदर चल रही सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर परवेक्षक बनकर देहरादून पहुंच चुके हैं। कांग्रेस नेता दिल्ली में बैठकर पूरे घटनक्रम पर नजर बनाए हैं, माना यह भी जा रहा है कि बीजेपी में बड़े स्तर पर बदलाव होता है तो कांग्रेस भी उसी के आधार पर अपनी रणनीति बनाएगी।