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उत्तराखंड में हाई अलर्ट: बड़ा ग्लेशियर टूटने से तबाही, 50 लोगों के बहने की आशंका
हादसे में धन और जन की हानि का पूरा आंकलन नहीं किया जा सका है। इस हादसे ने 2013 में हुए केदारनाथ हादसे की याद दिला दी है। उत्तराखंड के लोग आज भी उस हादसे को याद करके सिहर उठते हैं।
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार की सुबह एक बड़ा ग्लेशियर टूटने से हड़कंप मच गया। ग्लेशियर के टूटने से तपोवन क्षेत्र स्थित ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट का बांध टूटने से बड़ी तबाही की आशंका जताई जा रही है। इस घटना में करीब 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं जिनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
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वैसे अभी तक इस हादसे में धन और जन की हानि का पूरा आंकलन नहीं किया जा सका है। इस हादसे ने 2013 में हुए केदारनाथ हादसे की याद दिला दी है। उत्तराखंड के लोग आज भी उस हादसे को याद करके सिहर उठते हैं।
राहत कार्य में जुटा प्रशासन
रैणी के पास हुए इस हादसे के बाद ऋषिकेश और हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है और इस कारण प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन कर्णप्रयाग का बाजार खाली कराने में जुट गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ट्वीट में घटना की जानकारी देते हुए कहा है कि प्रशासन को राहत के कार्य में लगा दिया गया है।
chamoli (PC: social media)
पानी के बड़े रिसाव का खतरा
ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद पानी के बड़े रिसाव के खतरे को देखते हुए एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। रेस्क्यू और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुट गई हैं। शासन स्तर पर आला अधिकारियों को भी राहत कार्यों में जुट जाने का निर्देश दिया गया है।
डीआईजी रिद्धिमा अग्रवाल ने ग्लेशियर टूटने और पावर प्रोजेक्ट को जबर्दस्त नुकसान पहुंचने की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि एक एवलांच आने के बाद यह हादसा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने ली घटना की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव और चमोली के डीएम से घटना की पूरी जानकारी हासिल की है। चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों से गंगा नदी के किनारे न जाने की अपील की गई है।
आपदा के बाद धौलीगंगा में सैलाब
मुख्यमंत्री ने इस बाबत ट्वीट करते हुए कहा है कि चमोली जिले के जोशीमठ स्थित धौलीगंगा में अचानक सैलाब आ गया है। इस आपदा को देखते हुए चमोली जिले और सभी नदियों के किनारों पर रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार एहतियातन सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की है।
लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील
सूत्रों के मुताबिक श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की झील के पानी को कम किया जा रहा है ताकि अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। नदी किनारे बस्तियों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
चमोली जिले के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान का कहना है कि अभी तक मिली सूचना के मुताबिक काफी नुकसान हुआ है,लेकिन नुकसान का पूरा स्पष्ट आंकलन अभी तक नहीं किया जा सका है। टीम को मौके पर भेजा जा रहा है और उसके बाद एक ही नुकसान की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
बांध क्षतिग्रस्त होने से नदियों में बाढ़
सूत्रों के मुताबिक इस हादसे में तपोवन बांध क्षतिग्रस्त होने के बाद नदियों में बाढ़ आ गई है। जानकारों के मुताबिक तपोवन बांध पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। इस कारण नदी में काम करने वाले मजदूरों को भी हटाया जा रहा है। 50 मजदूरों के लापता होने की खबर है और प्रशासन इन मजदूरों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में जुटा हुआ है। हालांकि अभी तक प्रशासन को इस बाबत कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकती है।
chamoli (PC: social media)
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नाव संचालन पर लगाई रोक
टिहरी जिले के अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी का कहना है कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से भी अलर्ट जारी किया गया है। नदी में नाव संचालकों और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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