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Uttarakhand Election 2022: बीजेपी ने जारी की तीसरी सूची, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह की सीट पर इन्हें मिला टिकट
इसी कड़ी में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तीसरी सूची जारी कर दी है।
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव. हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड में चुनावी हलचल तेज है। 70 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी और कांग्रेस मुख्य खिलाड़ी है। दोनों दलों ने एक दूसरे के खेमे से आए नेताओं को खुब टिकट दिया है।
इसी कड़ी में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तीसरी सूची जारी कर दी है। बीजेपी ने बचे हुए दो सीटों टिहरी और डोईवाला पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। इस सूची में हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए किशोर उपाध्याय का नाम भी शामिल है।
डोईवाला सीट
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। चार साल तक सूबे के मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह ने अबकी बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उनके इनकार के बाद बीजेपी पशोपेश में पड़ गयी कि आखिर इस महत्वपूर्ण सीटे से किसे चुनाव मैदान में उतारा जाए। शुरूआत में इस सीट पर पार्टी की महिला विंग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीप्ति रावत का नाम आगे चल रहा था। लेकिन अंतिम क्षणों में बृजभूषण गैरोला बाजी मारने में सफल रहे। अब पार्टी ने उनके कंधे पर अपने इस गढ़ को बचाने का दारोमदार सौंप दिया है।
बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पिछले साल हटाकर उनकी जगह पर तीरथ सिंह रावत को राज्य की बागडोर सौंपी गई थी, लेकिन जल्द ही पार्टी को अपने इस गलत फैसले का आभास हो गया औऱ तीन महीने के भीतर ही उनकी कुर्सी चली गई। फिर पुष्कर सिंह धामी को लाया गया। धामी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं।
टिहरी सीट
बीजेपी ने टिहरी सीट पर हाल ही में कांग्रेसी से भाजपाई बने किशोर उपाध्याय को टिकट देकर उन्हें पुरस्कृत किया है। उपाध्याय के बारे में लंबे समय से पार्टी छोड़ने की अटकलें चल रही थीं। जो अब जाकर मुर्त रूप ले सकीं। वहीं दूसरी तरफ उनके आते ही भाजपा नेता धनसिंह नेगी ने पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। धनसिंह नेगी 2017 में इसी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। इसबार वो कांग्रेस के टिकट पर मैदान में होंगे। ऐसे में टिहरी सीट पर दो दलबदलूओं के बीच की लड़ाई दिलचस्प हो गई है।
विधानसभा चुनाव 2022
बताते चलें कि 70 सदस्यों वाली उतराखंड विधानसभा के लिए 14 फरवरी यानि दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। वहीं मतगणना 10 मार्च को अन्य चार राज्यों के साथ होगी। अलग राज्य बनने के बाद से यहां कभी भी किसी दल की सरकार रिपीट नहीं हुई है। यहां हर पांच साल पर सत्ता पलटने की रवायत रही है।
2017 में बीजेपी ने जहां बड़े अंतर से चुनाव जीतकर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया था। वहीं उससे पहले 2012 में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से हटाकर स्वयं सत्ता पर काबिज हुई थी। वहीं वर्तमान भाजपा सरकार की बात करें तो पांच साल के कार्यकाल के दौरान तीन – तीन मुख्यमंत्रियों को बदलने वाली भाजपा जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। विपक्षी कांग्रेस इसबार रिवाय़त के अनुसार स्वयं को सत्ता की स्वाभाविक दावेदार मान रही है। ऐसे में अब ये चुनाव परिणाम बताएंगे कि बीजेपी उस पुराने रवायत को तोड़ने में सफल रहती है या वो भी इसी का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगी।