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Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की 70 सीटों पर चुनावी शोर थमा, आखिरी दिन सभी दलों ने झोंकी ताकत

Uttarakhand Election 2022: चुनाव प्रचार के आखिरी BJP और कांग्रेस के दिग्गजों नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। राज्य के विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी AAP ने भी मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश की।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 12 Feb 2022 1:09 PM GMT
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की 70 सीटों पर चुनावी शोर थमा, आखिरी दिन सभी दलों ने झोंकी ताकत
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पीएम मोदी-प्रियंका गांधी (फोटो साभार- ट्विटर) 

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को होने वाले मतदान से पूर्व आज शाम चुनावी शोर थम गया। राज्य के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला (BJP vs Congress) माना जा रहा है और चुनाव प्रचार (Election Campaign) के आखिरी दिन दोनों पार्टियों के दिग्गजों नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। राज्य के विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश की।

चुनाव प्रचार (Chunav Prachar) का शोर थमने के साथ ही जनसभा, रोड शो, जुलूस और रैलियों आदि पर रोक लग गई है। अब सभी राजनीतिक दलों से जुड़ी टीमें मतदान की तैयारियों में जुट गई हैं। इस बार के चुनाव में कई दिग्गज नेता भी कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। दूसरी ओर खराब मौसम के बीच चुनाव कराने में प्रशासनिक अधिकारियों को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मतदान प्रतिशत पर भी खराब मौसम का असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

भाजपा की ओर से दिग्गजों की सभाएं

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा को इस बार कांग्रेस की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और इसी कारण पार्टी के शीर्ष नेताओं ने शनिवार को विभिन्न इलाकों में चुनावी सभाएं करके पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति को मजबूत बनाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रुद्रपुर में चुनावी सभा (PM Modi Rudrapur Rally) करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए राज्य के लोगों से भाजपा को पांच साल का एक और मौका देने की अपील की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी जनसभाओं को संबोधित किया। शाह ने धनोल्टी, रायपुर और सहसपुर में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं कीं। उन्होंने हरिद्वार में मतदाताओं से जनसंपर्क भी किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यमकेश्वर, सल्ट और रामनगर में चुनावी सभाओं के जरिए मतदाताओं से भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन के लिए वोट मांगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) भी आखिरी दिन चुनाव प्रचार में कूदे और उन्होंने कोटद्वार (Kotdwar) और टिहरी (Tehri) में जनसभाओं को संबोधित करते हुए मतदाताओं से समर्थन मांगा।

प्रियंका ने संभाला कांग्रेस का मोर्चा

दूसरी ओर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने भी प्रचार के आखिरी दिन कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने चुनावी शोर थमने से पहले खटीमा, हल्द्वानी और गढ़वाल के श्रीनगर में चुनावी सभाओं में राज्य में सत्ता परिवर्तन की अपील की। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर ही उत्तराखंड का सही मायने में विकास होगा।

राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) भी प्रचार के आखिरी दिन सक्रिय दिखे। उन्होंने कोटद्वार, यमकेश्वर और नरेंद्र नगर में चुनावी सभाओं के जरिए मतदाताओं से समर्थन देने की अपील की।

राज्य के विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी ने भी आखिरी दिन मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की चुनावी सभाओं से पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश की। सिसोदिया ने सहसपुर, मसूरी और डोईवाला में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित किया।

कड़े मुकाबले में फंसे हैं कई दिग्गज

उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है और इस कारण इस बार कांग्रेस काफी आशान्वित है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के दिग्गज नेता भी कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच हो रहे मुकाबले में उत्तराखंड क्रांति दल,आम आदमी पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी पेंच फंसा रखा है।

राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को खटीमा विधानसभा सीट (Khatima Vidhan Sabha Seat) पर कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी (Bhuwan Kapri) की ओर से कड़ी चुनौती मिल रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में धामी ने यह सीट 2709 मतों से जीती थी। इस बार कापड़ी को हराने के लिए धामी को पूरा जोर लगाना पड़ रहा है।

नैनीताल जिले (Nainital) की लालकुआं सीट (Lalkuan Assembly Seat) पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) की भाजपा ने तगड़ी घेराबंदी कर रखी है। भाजपा ने इस बार नए चेहरे मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht) को चुनाव मैदान में उतार कर रावत के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों संध्या डालाकोटी (Sandhya Dalakoti) की वजह से भी रावत की मुश्किलें बढ़ी हैं।

पौड़ी जिले की श्रीनगर सीट (Srinagar Seat) पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल (Ganesh Godiyal) और राज्य के वरिष्ठ मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) के बीच दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। हालांकि गोदियाल की स्थिति थोड़ा मजबूत मानी जा रही है मगर रावत भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार सीट (Haridwar Seat) से चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी उन्हें चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

इन सीटों पर भी हैं सभी की निगाहें

राजधानी देहरादून की चकराता विधानसभा सीट पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। भाजपा ने इस बार बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल के पिता रामचरण नौटियाल को उतारकर उनकी मुसीबतें बढ़ा दी हैं। लैंसडाउन सीट पर चर्चित नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत का भाजपा प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद से कड़ा मुकाबला हो रहा है। पिछले चुनाव में इस सीट पर हरीश रावत को हार का सामना करना पड़ा था। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी इस बार यमकेश्वर की जगह कोटद्वार सीट से चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस सीट पर उनका कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी से कड़ा मुकाबला हो रहा है।

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