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Uttarakhand Election 2022: लालकुआं बनी वीआईपी सीट, जोरदार होगा मुकाबला
Uttarakhand Election 2022: 2012 में परिसीमन के बाद बनी लालकुआं सीट से अब तक कांग्रेस का विधायक नहीं बना है। अब कांग्रेस ने इस सीट से दिग्गज नेता हरीश रावत (Harish Rawat) को उतार दिया है।
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की लालकुआं सीट (Lal Kuan Seat) अब एक वीआईपी सीट बन गई है, जहां कांग्रेस (Congress) ने दिग्गज नेता हरीश रावत (Harish Rawat) को उतार दिया है। हरीश रावत के लिए भाजपा के मोहन बिष्ट से मुकाबला आसान नहीं होने वाला है।
लालकुंआ (Lal Kuan Seat) जिस उधमसिंहनगर संसदीय क्षेत्र (Udham Singh Nagar) में आता है, वहां से हरीश रावत ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन भाजपा के अजय भट्ट (Ajay Bhatt) से हार गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी के नवीन दुम्का (Naveen Chandra Dumka) ने कांग्रेस के हरीश चंद्र दुर्गापाल (Harish Chandra Durgapal) को 27108 वोटों से हराया था। ये सीट नैनीताल जिले (Nainital) में आती है । 2017 में लालकुआं में कुल 54.81 प्रतिशत वोट पड़े थे।
लालकुआं सीट से अब तक नहीं बना कांग्रेस का विधायक
2012 में परिसीमन के बाद बनी लालकुआं सीट से अब तक कांग्रेस का विधायक नहीं बना है। 2012 में यहां कांग्रेस ने हरेंद्र बोरा को टिकट दिया। पर हरीश चंद्र दुर्गापाल निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। वहीं 2017 में भाजपा के प्रत्याशी नवीन दुमका ने कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश चंद्र दुर्गापाल को हराकर यह सीट अपने नाम की। लगातार बदलते समीकरणों के बीच एक बार निर्दलीय और एक बार भाजपा के खाते में यह सीट गई है।
इस बार कांग्रेस ने पहले लालकुआं से संध्या दलकोटी को उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल और 2012 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता हरेंद्र बोरा लालकुआं से टिकट न मिलने पर बगावत के मूड में थे। बताया जाता है कि हरीश रावत के यहां से चुनाव लड़ने की शर्त पर दोनों मान गए हैंऔर अब सहयोग करने का वादा किया है। पहले हरीश रावत रामनगर से चुनाव लड़ने पर अड़े थे जिसके चलते रणजीत सिंह रावत समेत उनके समर्थक विरोध में आ गए थे जिसके बाद रावत को लालकुआं से चुनाव लड़ने का फैसला करना पड़ा। हरीश रावत के पूर्व औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत को सल्ट से उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस के एक तीर से कई निशाने
कांग्रेस ने हरीश रावत को लालकुआं भेजकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। हरीश रावत के चुनाव लड़ने की स्थिति में लालकुआं से विरोध का झंडा बुलंद करने वाले पूर्व मंत्री हरीशचंद्र सिंह दुर्गापाल और टिकट के दावेदार हरेंद्र बोहरा की नाराजगी भी दूर कर ली गई है। वैसे हरीश रावत की तो प्रदेश में कोई सीट ऐसी नहीं है जिस पर उनका स्वभाविक दावा हो। पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए उनके दो-दो सीटों से हारने की भी यही वजह रही।
बहरहाल,भाजपा ने लालकुआं से मोहन बिष्ट (Mohan Singh Bisht) को उतारा है। मोहन बिष्ट पिछले दो दशक से लालकुआं में सक्रिय हैं। इस बार जिला पंचायत चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ कर उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत जब्त करा दी थी। बताया जाता है कि भाजपा द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर मोहन बिष्ट को तत्काल देहरादून बुलाकर भाजपा ज्वाइन कराई गई और पैनल में उनका नाम भेजकर उन्हें लालकुआं से टिकट दिया गया।
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