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चमोली का खौफनाक सच: नहीं लौटेंगे सुरंग से 146 लोग, क्या दफन करने की है तैयारी
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में सोमवार को तपोवन सुरंग अभी 146 श्रमिक फंसे हुए हैं। हालांक डिसास्टर मैनेजमेंट कार्यालय ने newstrack.com से एक बातचीत में रेस्क्यू आपरेशन बंद किये जाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि अभी तक ऐसी कोई बात नहीं है। राहत अभियान जारी है।
रामकृष्ण वाजपेयी
नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार चमोली आपदा में तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को यह कहकर जिंदा ही दफन करने की तैयारी शुरू करने जा रही है कि अब उनके जीवित बचे होने की कोई संभावना नहीं है। जबकि चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में सोमवार को तपोवन सुरंग अभी 146 श्रमिक फंसे हुए हैं। हालांक डिसास्टर मैनेजमेंट कार्यालय ने newstrack.com से एक बातचीत में रेस्क्यू आपरेशन बंद किये जाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि अभी तक ऐसी कोई बात नहीं है। राहत अभियान जारी है। गौरतलब है कि उत्तराखंड के डीजीपी के हवाले से ये खबर आई थी कि रेस्क्यू आपरेशन तीन चार दिन में बंद कर दिया जाएगा।
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अब किसी के जीवित बचने की आस नहीं
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा था कि अब किसी के जीवित बचने की आस नहीं है ऐसे में बचाव कार्य तीन चार दिन और चलाए जा सकते हैं। इसके बाद अभियान बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले तक लग रहा था कि टनल में कुछ लोग जीवित हो सकते हैं इसलिए पूरी ताकत से अभियान चलाया गया लेकिन अब बाकी बचे लोगों को मृत घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद उनके परिजनों को नियमों के आधार पर सहायता दे दी जाएगी।
फोटो-सोशल मीडिया
सोमवार को दो और शव बरामद किए गए हैं, एक ग्लेशियर के फटने के बाद 7 फरवरी को अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में अचानक जल प्रलय हो गई थी और जबरदस्त बाढ़ आ गई थी। इन दो लाशों के मिलने के बाद मरने वालों की कुल संख्या अब 58 हो गई है।
चमोली जिले के डिसास्टर मैनेजमेंट कार्यालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत में न्यूजट्रैक को बताया कि कंपनी वालों की लिस्ट के मुताबिक अभी सुरंग में 146 श्रमिक फंसे हुए हैं। डिसास्टर मैनेजमेंट आफीसर नंद किशोर जोशी रेस्क्यू आपरेशन की निगरानी के लिए जोशीमठ गए हुए हैं।
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फोटो-सोशल मीडिया
146 श्रमिकों के फंसे होने की संभावना
अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने 206 लोगों की लिस्ट दी थी जिसमें से दो लोग अपने घर में मिल गए थे। और अब तक 58 लोगों की लाशें मिल चुकी हैं। इस हिसाब से सुरंग में अब 146 श्रमिकों के फंसे होने की संभावना है।
फोटो-सोशल मीडिया
गौरतलब है कि सात फरवरी को चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की वजह से धौली गंगा और अलकनंदा नदी में बाढ़ आ गई थी। नदी के कई तटबंध टूट गए थे। इसमें ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुँचा था।
इन परियोजनाओं से जुड़ी सुरंग में पानी के तेज़ बहाव के साथ आया मलबा भर गया था। इस सुरंग में फंसे मज़दूरों को निकालने के लिए ही रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा बल अन्य एजेंसियां और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी चमोली जिले में खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। यह बात गौर करने की है कि चमोली जिले में बहु-एजेंसी बचाव प्रयास मुख्य रूप से उन 146 श्रमिकों को निकालने पर केंद्रित है, जो बाढ़ के बाद सुरंग में फंस गए थे और अब इनके जीवित बचे होने की संभावना बहुत कम रह गई है।
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