TRENDING TAGS :
खुले में फेंके जा रहे बायोमेडिकल वेस्ट के मसले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट सख्त
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों द्वारा खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने के मामले में सभी का जवाब तलब किया है। जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
देहरादून: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों द्वारा खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने के मामले में सभी का जवाब तलब किया है। जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
इसके अलावा केंद्रीय पर्यावरण सचिव, प्रमुख सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुख्य सचिव उत्तराखंड, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, शहरी विकास, वित्त एवं पशुपालन तथा मत्स्य से भी जवाब तलब किया गया है। नैनीताल निवासी करण आर्य की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ एवं न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की संयुक्त खंडपीठ ने यह जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्यभर के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पताल वायोमेडिकल वेस्ट को बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंटस कानून 2016 का उल्लंघन कर रहे हैं। आरोप है कि अस्पतालों द्वारा इस वेस्ट के निस्तारण के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बायो वेस्ट को राष्ट्रीय या राज्यस्तरीय राजमार्गों पर फेंका जा रहा है। इससे पर्यावरण को व आम लोगों का जीवन खतरे में है।