TRENDING TAGS :
पाक नागरिकों को छोड़ने में फंसे एडीजे, एसएसपी और वकील
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पाक नागरिक को व्यक्तिगत बंधपत्र और अन्य औपचारिकताएं पूरी किए बगैर छोड़ने के मामले में हरिद्वार के तत्कालीन अपर जिला जज द्वितीय और एसएसपी तथा अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
देहरादून: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पाक नागरिक को व्यक्तिगत बंधपत्र और अन्य औपचारिकताएं पूरी किए बगैर छोड़ने के मामले में हरिद्वार के तत्कालीन अपर जिला जज द्वितीय और एसएसपी तथा अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
न्यायालय ने अपर जिला जज के मामले में कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश के पास आदेश की प्रति भेज दी है जबकि एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को आदेशित किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकल पीठ ने जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि दो विदेशी नागरिक आबिद अलीखा असद अली और अजीत सिंह निवासी लाहौर (पाकिस्तान) को थाना कोतवाली गंगनहर (रुड़की) ने गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने इस मामले में पाक नागरिक को सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ आरोपित ने 2013 में अपर जिला जज के यहां अपील की। इसमें आरोपित की वकालत सज्जाद अहमद ने की। आरोप है कि इसमें आरोपित के नाम और पते के सही तथ्यों का उल्लेख नहीं किया गया और अपर जिला जज (द्वितीय) हरिद्वार द्वारा आरोपित को बरी करने के निर्देश दे दिए गए।
इस पर जेल अधीक्षक ने न्यायालय एवं एसएसपी को एक प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपित को रिहा करने से पूर्व व्यक्तिगत जानकारी व औपचारिकताएं पूरी करने का अनुरोध किया। इस प्रार्थना पत्र पर अपर जिला जज ने अलग से आदेश करने की आवश्यकता न होने की टिप्पणी कर दी। साथ ही एसएसपी ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। इसके साथ ही आरोपित पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा कर दिया गया। राज्य सरकार ने रिहा करने के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की। पूर्व सुनवाई पर केंद्र सरकार द्वारा नोटिस भेजे जाने के बावजूद आरोपित उपस्थित नहीं हुए।
मामले की सुनवाई में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद एकल पीठ ने यह पाया कि इस मामले में जानबूझकर अपर जिला जज द्वितीय, एसएसपी एवं संबंधित अधिवक्ता ने आरोपितों को रिहा करवाया। इसमें देशहित तक का ध्यान नहीं रखा गया। इस कारण तीनों के खिलाफ कार्रवाई की जानी होगी। इसके साथ ही न्यायालय ने संबंधित अपर जिला जज द्वितीय एवं एसएसपी के उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं जबकि अधिवक्ता के मामले में उत्तराखंड बार काउंसिल को निर्देश दे दिये हैं।