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Uttarakhand News: उत्तराखंड में धंस रहे घर, पूरे शहर पर खतरा, क्या ये किसी बड़े संकट का इशारा

Uttarakhand House Sinking: बदरीनाथ के प्रवेश द्वार जोशीमठ टाउन में 581 घरों ने लगातार भूस्खलन के कारण दरारें आ गई हैं जिससे लोगों के बीच घबराहट और चिंता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 5 Jan 2023 6:21 AM GMT
Uttarakhand House Sinking
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Uttarakhand House Sinking (photo: social media )

Uttarakhand House Sinking: उत्तराखंड में चामोली जिले में मकानों में दरारें आने और इमारतें धंसने से दहशत है। प्रशासन ने सभी निवासियों को अपने घरों को एहतियाती के तौर पर खाली करने की सलाह दी है। बदरीनाथ के प्रवेश द्वार जोशीमठ टाउन में 581 घरों ने लगातार भूस्खलन के कारण दरारें आ गई हैं जिससे लोगों के बीच घबराहट और चिंता है। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से पांच परिवारों को नगरपालिका गेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दिया है। 22 से अधिक अन्य परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और कहीं और चले गए हैं। आधिकारिक तौर पर, 121 घरों में गंभीर दरारें पैदा हो गई हैं।

होटलों में इंतजाम

चमोली के जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना ने कहा है कि लोगों का मार्गदर्शन किया जा रहा है और धर्मशाला या होटल में रहने के लिए उन लोगों के लिए व्यवस्था कर रहे हैं जो अपने घरों को खाली कर रहे हैं। उन परिवारों को चेतावनी जारी की गई है जो दरार के बावजूद अपने घरों में रहना जारी रखे हैं। डीएम ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, आपदा प्रबंधन प्रणाली को अलर्ट मोड में डाल दिया गया है। आईआईटी रुड़की से अनुरोध किया गया है। सिर्फ वे एक दीर्घकालिक समाधान का सुझाव दे सकते हैं।

जोशीमठ पर खतरा

जिला मुख्यालय में प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूरा जोशीमठ शहर निरंतर डूबने की चपेट में है। घरों में दरारें चौड़ी हो रही हैं, जमीन खुली हुई है, जिससे पानी बाहर निकलता है। जिन परिवारों को नगर पालिका गेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया है, वे पुलिस स्टेशन के पास रह रहे हैं। गाय के शेड के क्षतिग्रस्त होने के बाद मवेशियों को अन्य स्थानों पर ले जाया गया है। लोगों का कहना है कि यहां बनने वाली तपोवन विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना की टनल यानी सुरंग के कारण जोशीमठ में जमीन धंस रही है।

बड़ी आपदा की आशंका

उत्तराखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने कहा है कि जोशीमठ में जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, उस पर जल्दी ही अगर संज्ञान नहीं लिया गया, तो एक बड़ी आपदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों बहुत तेजी से नुकसान में इजाफा हुआ है। इस पर त्वरित करवाई करने की जरूरत है। स्थानीय लोग भी लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं। यह इलाका समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यहां पिछले कुछ दिनों में भूधंसाव में काफी तेजी आई है। उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कहा था कि घरों में आ रही दरारें शहर की कमजोर बुनियाद के कारण आ रही हैं। इसके अलावा तमाम कारण उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इंगित किए थे. इसमें कंस्ट्रक्शन, शहर की कैपेसिटी और नदी के कारण होने वाला कटाव शामिल है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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