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Uttarakhand mein Bhukamp : उत्तराखंड में फिर कांप उठी धरती, बार-बार भूकंप आने की ये है वजह

Uttarakhand mein Bhukamp : शनिवार सुबह करीब 5 बजकर 59 मिनट पर उत्‍तराखंड के चमोली, पौड़ी, अल्‍मोड़ा आदि जिलों में भूकंप के तेज-तर्रार झटके महसूस किए गए।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 11 Sept 2021 10:36 AM IST
Earthquake In Tonga: भूकंप के झटकों से सहमा टोंगा, रिक्टर स्केल पर 6.2 रही तीव्रता
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भूकंप (डिजाइन फोटो- न्यूजट्रैक) 

Uttarakhand mein Bhukamp : उत्तराखंड में शनिवार की सुबह आए भूंकप (Bhookamp Earthquake India) ने एक बार फिर से लोगों को खौफ में डाल दिया है। प्रकृति के इस रौद्ररूप से उत्तराखंड (Uttarakhand News) में तबाही मची हुई है। यहां बादल फटे हुए अभी 24 घंटे भी नहीं गुजरे थे, एक और आफत ने दस्तक दे दी।

लगातार इन प्राकृतिक आपदाओं से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। ऐसे में यहां आए भूकंप (Bhookamp Today) के बारे में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 4.6 रही।

लगातार हर महीने आ रहे भूकंप (Bhookamp meaning in english) को अंग्रेजी में Earthquake (अर्थक्वैक) कहते हैं। जोकि उत्‍तराखंड के लिए कहीं न कहीं एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। भूकंप के झटकों से डरे हुए लोग तड़के सवेरे अपने घरों से बाहर की तरफ कूच करने लगे।

भूकंप कब आया था? Bhukamp Kab Aaya Tha

सुबह करीब 5 बजकर 59 मिनट पर उत्‍तराखंड के चमोली, पौड़ी, अल्‍मोड़ा आदि जिलों में भूकंप के तेज-तर्रार झटके महसूस किए गए। इनमें भूकंप का केंद्र चमोली रहा। भूकंप की रिक्‍टर स्‍केल पर तीव्रता (Bhookamp Seismology india) 4.6 मापी गई। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

उत्तराखंड पहाड़ी इलाका होने की वजह से भूकंप के लिए काफी संवेदनशील है। भूस्खलन, बादल फटना और भूकंप जैसी प्राकृतिक आफतों का यहां गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे पहले भी बादल फटने और भूस्खलन होने की वजह से उत्तराखंड को भारी तबाही झेलनी पड़ी थी।

इस साल यहां भूकंप (Bhukamp Today) का सिलसिला भी लगभग हर महीने जारी रहा। इससे पहले इसी साल अगस्‍त में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिनकी रिएक्टर स्केल पर 3.8 तीव्रता थी।

इससे पहले 24 जुलाई को मध्य रात्रि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आए भूकंप ने लोगों को बहुत ज्यादा खौफ में डाल दिया था। उस समय आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई थी।

इससे पहले 28 जून को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था। उस दौरान इस भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 55 किलोमीटर दूरी पर था।

आखिर क्यों आते है भूकंप (Bhukamp Kaise Aata Hai)

लगातार इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं? (Bhukamp Kyon aata hai) आखिर वजह क्या है इसके पीछे। चलिए आपको बताते हैं। असल में धरती के अंदर 7 प्‍लेट्स होती हैं। ये सभी प्लेट्स घुमती रहती है। इन प्‍लेट्स को टैक्‍टॉनिक प्लेट और हिंदी में प्‍लेट विवर्तनिकी कहा जाता हैं।

भूकंप के झटके (फोटो- सोशल मीडिया)

धरती के अंदर घूमने के दौरान जहां पर ये प्‍लेट्स टकराती हैं, वहीं पर जोन फॉल्‍ट लाइन फॉल्‍ट होता है। इसके बाद जब बार- बार ये प्‍लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं तो इनके कोने मुड़ने लगते हैं। ऐसे में जब ज्‍यादा दबाव बनने लगता है तो ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं।

इस स्थिति में ये प्लेट्स धरती से ऊर्जा बाहर आने का भरसक प्रयास करती है, जिससे इनकी रफ्तार बिगड़ती है। उसी समय भूकंप की स्थिति पैदा होती है। धरती में कंपन शुरू हो जाता है।

भूकंप की तीव्रता को मापने तरीका

जब धरती में कंपन होने लगता है तो इसे भूकंप कहते है। इसकी जांच जिस स्‍केल से होती है उसे रिक्‍टर मैग्‍नीट्यूड टेस्‍ट (Bhukamp Mapne Ka Yantra) कहते हैं। जब भूकंप आता है तो उसकी तीव्रता 1 से 9 के आधार तक मापी जाती है।

पहले भूकंप के सेंटर का पता लगाया जाता है। फिर इसको इसके सेंटर से मापा जाता है। इसके सेंटर को एपीसेंटर कहते हैं। जिस समय भूंकप आता है उस दौरान धरती के अंदर से निकलने वाली ऊर्जा कितनी तीव्र होती है, उसे एपीसेंटर यानी सेंटर से मापा जाता (Bhukamp Mapa Jata Hai) है और भूकंप कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा लगाया जाता है।




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Vidushi Mishra

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