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Uttarakhand News: महाराष्ट्र के बाद अब उत्तराखंड मंदिरों में लड़कियों के लिए ड्रेस कोड, छोटे कपड़ों में एंट्री पर रोक

Uttarakhand News:महानिर्वाणी अखाड़े ने अपने अंतर्गत आने वाले तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 4 Jun 2023 6:05 PM IST
Uttarakhand News: महाराष्ट्र के बाद अब उत्तराखंड मंदिरों में लड़कियों के लिए ड्रेस कोड, छोटे कपड़ों में एंट्री पर रोक
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Pic Credit - Social Media

Uttarakhand News: मंदिरों में महिलाओं एवं लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का सिलसिला जारी है। दक्षिण भारत, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ मंदिरों द्वारा ड्रेस कोड लागू करने के बाद अब उत्तराखंड के एक अखाड़ा भी उसी राह पर चल पड़ा है। महानिर्वाणी अखाड़े ने अपने अंतर्गत आने वाले तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है। जिसका पालन हर हाल में घरेलू के साथ-साथ अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं को भी करना होगा।

अखाड़े के अंदर राज्य के तीन प्रसिद्ध शिव मंदिर आते हैं, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के अन्य हिस्सों से भी पहुंचते हैं। जिन तीन मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है, वो है – हरिद्वार का प्रसिद्ध दक्ष मंदिर, ऋषिकेश का नीलकंठ और देहरादून का टपकेश्वर मंदिर। अखाड़ा के श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि जिनका शरीर 80 फीसदी तक ढका होगा उन्हें मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत मिलेगी।

छोटे वस्त्र में आने वाली लड़कियों और महिलाओं को मंदिर में अब प्रवेश नहीं करने दिया जएगा। महानिर्वाणी अखाड़े के इन तीनों मंदिरों में ये व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। मंदिर में प्रवेश करने वाले युवकों को भी ड्रेस कोड का ख्याल रखना होगा। दरअसल, इससे पहले भी इन मंदिरों में कम कपड़े में आने वाली लड़कियों को प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब विधिवत रूप से इसकी घोषणा कर दी गई है।

लव जिहाद रोकना मकसद

महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में भी यह व्यवस्था लागू हो चुकी है कि कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं को मंदिरों में प्रवेश वर्जित होगा, क्योंकि यह नियम के खिलाफ होता है। पुरी ने आगे कहा कि कम कपड़ों के कारण ही समाज में लव जिहाद जैसी घटनाएं घटित हो रही हैं।

अखाड़े के इस निर्णय का अन्य अखाड़ों और राजनीतिक दलों ने भी समर्थन किया है। सत्तारूढ़ बीजेप के अलावा मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने श्रीमहंत रवींद्र पुरी के फैसले को सही ठहराया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा ने कहा कि जो महंत ने कहा है, वह सही है और सनातन धर्म में इसका प्रयोग पहले से होता आया है।

पिछले दिनों महाराष्ट्र के मंदिरों में हुआ था लागू

इससे पहले महाराष्ट्र के कुछ मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू किया गया था। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने बीते माह नागपुर के चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया था। महासंघ ने गोपालकृष्ण मंदिर (धंतोली), संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर (बेलोरी-सावनेर), बृहस्पति मंदिर (कानोलीबारा) और हिलटॉप दुर्गामाता मंदिर (मानवतानगर) में आपत्तिजनक ड्रेस में आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर बैन लगाने की घोषणा की थी। मंदिर महासंघ ने शहर के 25 और राज्य के 300 और मंदिरों में आने वाले दिनों में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी। महासंघ की ओर से सरकार से भी अपील की गई थी कि उसके नियंत्रण वाले मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू किया जाए।

Krishna Chaudhary

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