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Uttarakhand News: उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट, खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं नदियां

Uttarakhand News: उत्तराखंड में मौसम विभाग तीन ज़िलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर चुका है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 Jun 2021 6:36 AM GMT
Heavy rain warning 2021 in Uttarakhand
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उत्तराखंड में भारी बारिश (फोटो-सोशल मीडिया)

Uttarakhand News: समय से पहले आया मानसून जहां उत्तर प्रदेश में छा चुका है और अधिकांश जिलों में बारिश हो रही है वहीं उत्तराखंड में प्रमुख नदियां उफना गई हैं। यहां पर चमोली जिले में लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश और भूस्‍खलन के चलते गुलाबकोटी और कौड़िया में बद्रीनाथ नेशनल हाइवे ब्‍लॉक हो गया है। राज्य के कुल 28 मार्गों में इस समय यातायात अवरुद्ध है।

उत्तराखंड में मौसम विभाग तीन ज़िलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर चुका है। राज्य के नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़, चमोली, बागेश्वर, उधमसिंह नगर ज़िलों में बेहद भारी बारिश होने का अनुमान है।

बारिश के कारण भूस्खलन

इस तरह की भी खबरें हैं कि बारिश के साथ ही पुल टूटने और भूस्खलन होने से कई जगहों पर लोग फंस गए हैं। उत्तराखंड में टूटे हुए मलारी हाई वे का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है उधर हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में भी बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई लोग फंस गए हैं।

पहाड़ों में हो रही बारिश का असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ रहा है। बारिश से यहां की शारदा, घाघरा, राप्ती और सरयू खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं। नदियों के तेजी से बढ़ रहे जलस्तर ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश से लोगों का हाल-बेहाल(फोटो- सोशल मीडिया)

खासकर नदियों के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग परेशान हैं। किसानों का कहना है कि अमूमन जुलाई में के अंत तक बाढ़ के हालात होते थे लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है कि बाढ़ जून बीतते आ जाएगी।

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी 2021(Uttarakhand Mai Heavy Rain Ki Chetawani 2021)

ताजा जानकारी के मुताबिक बहराइच में घाघरा का जलस्तर फिलहाल स्थिर है लेकिन वह खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। श्रावस्ती में 18 गांव बाढ़ से घिर गए हैं। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी खतरे के निशान से मात्र 15 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। जिसके चलते आसपास के निचले इलाके के गांवों में पानी भरना शुरू हो गया है।

ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। राप्ती बैराज पर नदी खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे है। इसी तरह सीतापुर में बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी से रेउसा ब्लाक के ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ा रहा है।

शारदा व घाघरा नदियों के उफनाने से करीब आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान के करीब है। फिलहाल गोमती का जलस्तर स्थिर है। लेकिन बाराबंकी व गोंडा में घाघरा उफान पर है।

Vidushi Mishra

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