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Uttarakhand News: उच्च न्यायालय का निर्देश जारी, विधायकों और सांसदों पर दर्ज मामलों की जानकारी मुहैया कराए सरकार

uttarakhand News : 2021 के अगस्त माह में भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में जाए एक सुनवाई को अन्तिम रूप देते हुए सभी राज्यों के उच्च न्यायालय को निर्देशित किया था।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Ragini Sinha
Published on: 18 Feb 2022 12:27 PM IST
Uttarakhand News: उच्च न्यायालय का निर्देश जारी, विधायकों और सांसदों पर दर्ज मामलों की जानकारी मुहैया कराए सरकार
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नैनीताल हाई कोर्ट (Social Media)

Uttarakhand News : उत्तराखण्ड स्तिथ नैनीताल उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश जारी किया है कि वह राज्य के समस्त विधायकों और सांसदों पर दर्ज कुल आपराधिक मामलों की जानकारी न्यायालय को उपलब्ध कराएं। राजनीति और अपराध का बेहद ही मिला-जुला नाता रहा है और इसी के मद्देनज़र अब देश की न्यायपालिका ने इस विषय को लेकर सख्ती अपनानें का निर्णय लिया है।

'आपराधिक मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द करें'

आपको बता दें कि बीते समय यानी 2021 के अगस्त माह में भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में जाए एक सुनवाई को अन्तिम रूप देते हुए सभी राज्यों के उच्च न्यायालय को निर्देशित किया था कि वह अपने राज्यों में राजनेताओं अर्थात निर्वाचित विधायकों अहरु सांसदों पर दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द करें तथा साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने नेताओं के प्रति किसी भी प्रकार की विशेष सहूलियत ना प्रदान करने को लेकर और ऐसे मामलों में एक विशेष अदालत का गठन कर उसके तहत सम्बंधित मामलों की सुनवाई करने को लेकर भी अपनी बात कही। उत्तराखण्ड स्थित नैनीताल उच्च न्यायालय ने अब इस मामले के मद्देनज़र उत्तराखण्ड राज्य सरकार से राज्य के सभी सांसदों और विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों का ब्यौरा 3 मार्च तक देने के लिए निर्देशित किया है।

मामले में सुनवाई कर अपना निर्णय पेश किया

गुरुवार को नैनीताल उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बंधित मामले में सुनवाई कर अपना निर्णय पेश किया। इसके अंतर्गत दर्ज मामलों की विधिवत जानकरी के पश्चात मामले की सुनवाई को लेकर और मामले में गवाहों की सुरक्षा को लेकर भी न्यायालय सजग है। इस दौरान न्यायालय ने जबतक मामले की सुनवाई अंतिम रूप से होकर फैसला सामने नहीं आ जाता है, तबतक गवाहों को भी उचित संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने की बात कही गई है।



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Ragini Sinha

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