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Uttrakhand: सोशल मीडिया पर छाए पुष्कर सिंह धामी, तेजी से बढ़ रहे फॉलोवर
उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे, जब सीएम के लिए उनके नाम का एलान हुआ है सोशल मीडिया पर उनके तेजी से फॉलोवर बढ़ रहे हैं।
देहरादून: उत्तराखंड को एक बार फिर नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। शनिवार शाम 5 बजे पुष्कर सिंह धामी राज्य के 11वें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आज (शुक्रवार) को दिल्ली से आए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने विधायकों के साथ बैठक कर पुष्कर सिंह धामी को अगला सीएम बनाने का एलान किया। बता दें पुष्कर सिंह धामी साफ सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं, उनकी आरएसएस से भी काफी नजदीकियां हैं।
जब बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी को अगला मुख्यमंत्री घोषित किया सोशल मीडिया पर उनकी फ्रेंड फॉलोइंग काफी तेजी से बढ़ी है। शुक्रवार सुबह जब उनका नाम मुख्यमंत्री के लिए घोषित नहीं हुआ था तो ट्वीटर पर उनके फॉलोवर 9 हजार के करीब थे। अब जब वह राज्य के अगले सीएम बनने जा रहे हैं तो कुछ ही घंटों में उनके फॉलोवर 11.6K के करीब पहुंच गए हैं। पुष्कर सिंह धामी शुरू से बीजेपी और आरएसएस संगठन से जुड़े रहे हैं।
पुष्कर सिंह धामी का परिचय
पुष्कर सिंह धामी ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा विधानसभा से दूसरी बार विधायक हैं।
पिता का नाम: शेर सिंह धामी
जन्म तिथि: 16 सितम्बर, 1975
जन्म स्थान: कनालीछीना, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड
कर्म स्थान: खटीमा, उधम सिंह नगर, उत्तराखण्ड
शिक्षा: स्नानकोत्तर (मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबध), एल.एल.बी.
विवाह: 28 जनवरी, 2011
पत्नी: श्रीमती गीता धामी
व्यवसाय: कृषि
सामाजिक जीवन:
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रशिक्षित स्वयं सेवक
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में 1० वर्ष तक कार्य किये, कार्य क्षेत्र – यूपी-लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रांतीय स्तर (अवध प्रांत) तक दायित्ववान कार्यकर्ता
राजनीतिक जीवन:
प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड, 2002 से 2008 तक
विशेष कार्याधिकारी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड, 2001-2002
उपाध्यक्ष, राज्यमंत्री, दर्जा प्राप्त, शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखण्ड 2010-2012
प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा, उत्तराखण्ड, 2016 से 2020 तक
गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था। तीरथ सिंह रावत ने इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे संवैधानिक बाध्यता का हवाला देते हुए अपनी कुर्सी छोड़ दी है।