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व्यवसायी ने मंत्री के जनता दरबार में खाया जहर, मौत से गरमाई राजनीति

Newstrack
Published on: 12 Jan 2018 2:01 PM IST
व्यवसायी ने मंत्री के जनता दरबार में खाया जहर, मौत से गरमाई राजनीति
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वर्षा सिंह व रामकृष्ण बाजपेयी

देहरादून: उत्तराखंड में व्यवसायी द्वारा मंत्री के जनता दरबार में जहर खाकर जान देने के मामले पर राजनीति गर्मा गई है। इसमें भाजपा के अंदर त्रिवेंद्र सरकार से असंतुष्ट चल रहे लोगों को भी एक बहाना मिल गया है और वह दबी जुबान से इसे प्रशासनिक तंत्र की विफलता बताने में जुट गये हैं वहीं कांग्रेस इसको सरकार प्रायोजित हत्या बताने में जुटी है।

पांडे की मौत पर विपक्षी कांग्रेस को बैठे बैठाये एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस ने ट्रांसपोर्टर की मौत का पूरा दोष केंद्र व प्रदेश सरकार पर थोपा है। हालांकि भाजपा कांग्रेस को लाशों पर राजनीति न करने की सलाह दे रही है लेकिन भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ सदस्य ने तो कह ही दिया कि यह प्रशासनिक तंत्र की विफलता है। एक व्यक्ति छह महीने से दौड़ रहा था और यदि प्रशासन ने उसकी समस्या के प्रति संवेदनशील रुख अपनााया होता तो यह हादसा न होता।

काठगोदाम, हल्द्वानी निवासी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे तो देहरादून में भाजपा मुख्यालय में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में गए थे। वह जहर का सेवन करके पहुंचे थे या उन्होंने बाद में जहर खाया यह जांच का विषय है लेकिन जैसा कि कहा जा रहा है ट्रांसपोर्टर पांडे ने एक वीडियो में साफ कहा कि ‘मोदी जी के कारण आपकी सरकार बनी और आप काम नहीं कर रहे हैं।’ लोगों का कहना है कि उसने जनता दरबार में भी कहा था कि उसने जहर खा लिया है लेकिन उसकी बात को किसी ने सच नहीं माना। वह गिर पड़ा तो यह मानकर कि नशे में गिरा है उसे किनारे लिटा दिया गया जब हालत बिगड़ी तो अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के बाद घर में परिजन बदहवास हैं। पीडि़त परिवार के घर पर शहर के राजनीतिक, सामाजिक एवम व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं।

देहरादून में प्रकाश पांडे के बहनोई उमेश मेलकानी ने कहा कि प्रकाश पांडे ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनकी हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार से बार-बार आग्रह करने के बावजूद प्रकाश की किसी ने नहीं सुनी। उमेश मेलकानी ने यह भी कहा कि प्रकाश पांडे या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। प्रकाश पांडे के मकान मालिक और करीबी दोस्त सुशील कुमार थापा भी एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी हैं। वह बताते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद उनका और प्रकाश का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रकाश पांडे की पत्नी कमला को भी कभी नहीं लगा कि प्रकाश किसी बात से परेशान हैं। उनके दो बच्चे हैं, बेटी सातवीं में पढ़ती है और बेटा ग्याहरवीं क्लास में।

बहरहाल, इस हादसे के बाद सरकार का पूरा ध्यान इस बात पर है कि इस मौत से कोई वितंडा न खड़ा होने पाए। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों को अलर्ट जारी करवा दिया गया है। हल्द्वानी और नैनीताल में सुरक्षा बढ़ाई गई है।

सीएम ने जताया अफसोस : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकाश पांडे की मौत पर कहा कि यह बेहद दुखद है। सरकार ने उनके इलाज का हरसंभव प्रयास किया था। ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों, ऐसी कोशिश सरकार की रहेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी कहा कि ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत से बहुत दुखी हैं और पूरी पार्टी व्यथित है। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल कह रहे हैं कि प्रकाश पांडे की मृत्यु से गहरा आघात पहुंचा है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि दुख की इस घड़ी में हम प्रकाश पांडे के शोकाकुल परिवार के साथ हैं।

कांग्रेस का वार : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या है। सरकार को इसका जवाब देना होगा कि क्यों एक व्यक्ति को जहर खाने को मजबूर होना पड़ा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से मजबूर होकर प्रकाश ने यह कदम उठाया। उन्होंने पीडि़त परिवार को तत्काल राहत के तौर पर 10 लाख रुपये व पत्नी के लिए नौकरी की मांग रखी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं कि ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत नहीं है बल्कि हत्या है। रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि कर्ज से परेशान होकर अब तक 5- 6 व्यक्ति अपनी जान दे चुके हैं। प्रकाश पांडे की मौत की वजह नोटबंदी है।

क्या है मामला : हल्द्वानी निवासी प्रकाश पांडे ट्रांसपोर्ट कारोबारी था। उसने चेन्नई की श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी के एमडी को पांच जून को पत्र लिख कर बताया कि उसने कंपनी से तीन ट्रक फाइनेंस करवाये और हल्द्वानी में गोला खनन और अन्य कामों में लगाए थे। वर्ष 2016 की बरसात, खनन पर रोक और नोटबंदी से कारोबार में भारी घाटा हुआ। जिस कारण वह अगस्त 2016 से ट्रकों की किस्त नहीं दे पा रहा। उसने अगस्त 2016 से मई 2017 तक ब्याज माफ करने और उस पर लगने वाला चक्रवृद्धि ब्याज रोकने की गुहार लगाई थी। प्रकाश पांडे ने पीएमओ, वित्तमंत्री अरुण जेटली आदि को भी पत्र भेजा था। पीएमओ ने अगस्त 2017 को उसके पत्र का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कार्यवाही करने के लिए कहा था। लेकिन उसको कहीं से मदद नहीं मिली।

चंपावत के ट्रांसपोर्टर ने भी दी धमकी : पांडेय के बाद अब एक और ट्रांसपोर्टर ने आत्मदाह की धमकी दी है। चंपावत के ट्रांसपोर्टर केदार सामंत ने अपनी व्यथा सुनाने के लिए मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए 20 मिनट का समय मांग कर कहा है कि 45 दिन में वार्ता तय न होने पर आत्मदाह कर लेगा। सामंत ने मुख्यमंत्री को डाक से भेजे इस चेतावनी पत्र को सोशल मीडिया पर भी वायरल किया है। उसने कहा है कि वह इंसाफ के लिए हर दरवाजे पर गया लेकिन कहीं से उसे इंसाफ नहीं मिला।

क्या कहते हैं ट्रांसपोर्टर

जीएएसटी से ट्रांसपोर्टर को फायदा ही है। पहले 9 प्रतिशत से ज़्यादा टैक्स था लेकिन अब 5 प्रतिशत है। एक ट्रांसपोर्टर इतना कमज़ोर नहीं होता कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाए। इसके पीछे कोई षडयंत्र है, जिसकी सरकार को जांच करानी चाहिए। - ट्रक ऑपरेटर्स कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल पाण्डेय

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में खर्चे बढ़ रहे हैं और आमदनी घटती जा रही है। - ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी संघ के महामंत्री प्रदीप सब्बरवाल

मोटर व्यवसाय में सरकार ने कोई राहत नहीं दी है। हैरान नहीं होना चाहिए अगर कुछ और मामले सामने आ जाएं। - ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी संघ के अध्यक्ष अमरजीत सिंह सेठी

खर्च बेहद बढ़ गए हैं। आमदनी उतनी हो नहीं रही है। - ट्रांसपोर्टर राजेश पुरी, विनोद आनंद और इंद्रकुमार भुटियानी

प्रकाश पांडे ने केंद्र सरकार की व्यापारी विरोधी नीतियों के कारण ही आत्मघाती कदम उठाया है। - ट्रांसपोर्टर प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश महामंत्री नवीन वर्मा

वित्त मंत्री से मांग है कि वह कर संशोधन कराएं अन्यथा देश के व्यापारी सरकार की गलत नीतियों के कारण शहीद हो जाएंगे। - प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला महामंत्री हर्ष वर्धन पांडे



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