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Uttarakhand Snowfall Death Toll : उत्तराखंड में बर्फबारी की चपेट में आने से 10 ट्रैकरों सहित 13 की मौत
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे नीलापानी में आईटीबीपी (ITBP) की टीम पेट्रोलिंग पर निकली थी।
Uttarakhand Snowfall Death Toll : उत्तराखंड (Uttrakhand) में भारी बर्फबारी की चपेट में आने से कई लोगों की जान जा चुकी है। हादसे में अब तक 10 ट्रैकरों सहित 13 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में उत्तरकाशी जिले में भारत-चीन सीमा पर तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के लिए काम करने वाले तीन कुली शामिल हैं। बर्फबारी में फंसे 5 लोगों को बचा लिया गया है जबकि 6 लोग अभी भी लापता है, राहत एवं बचाव दल द्वारा उनकी खोज जारी है।
14 अक्टूबर को देहरादून से 230 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी जिले के लमखागा दर्रे के रास्ते में एक ट्रेकिंग ग्रुप लापता हो गया था लेकिन बाद में इस ट्रेकिंग ग्रुप के 9 कुलियों में से 6 कुली सुरक्षित लौटने में सफल रहे है तथा वापस लौटे कुलियों ने अधिकारियों को अन्य 3 लापता कुलियों समेत 8 लापता ट्रेकर्स के बारे में सूचित किया है।
उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (District Disaster Management Officer) देवेंद्र पटवाल ने इस विषय पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने वायु सेना के जवानों के साझा प्रयास से इस राहत एवं बचाव आपरेशन को अंजाम दिया है जिसके तहत गुरुवार सुबह लमखागा दर्रे के पास पांच शव देखे गए हैं। साथ ही देवेंद्र पटवाल ने कहा कि-"शवों को जल्द ही मौके से एयरलिफ्ट किया जाएगा। इसी के साथ राहत एवं बचाव दल वहां जीवित पाए गए ट्रेकर्स में से एक को बचाने में कामयाब रहे हैं तथा उन्हें जिले के सैन्य अस्पताल में में इलाज हेतु भेज दिया गया है।"
सभी 8 लापता ट्रेकर्स में से 7 पश्चिम बंगाल के निवासी थे जबकि एक दिल्ली का रहने वाला था
लापता हुए ITBP (Indo Tibetan Border Police) के जवानों को उनकी चौकियों पर जहां उनकी तैनाती थी पहुंचने वाले 3 कुलियों के शव आज बरामद किए गए हैं। तीनों कुलियों के शवों को वायु सेना के हेलिकॉप्टर से ITBP बेस पर लाया गया है।
देवेंद्र पटवाल से मिली जानकारी के अनुसार तीनों मृत कुलियों की पहचान हो चुकी है जो कि 24 साल के संजय सिंह, 25 साल के राजेंद्र सिंह और 23 साल के दिनेश चौहान हैं। तीनों मृत कुली उत्तरकाशी के निवासी थे। तीनों कुली 15 अक्टूबर को आईटीबीपी के जवानों के साथ सीमा के लिए रवाना हुए थे तथा 17 अक्टूबर को भारी बर्फबारी के चलते वे सभी रास्ता भटकर लापता हो गए थे। जिसके बाद आईटीबीपी सैनिकों की मौत के साथ ही अन्य लोगों के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई। घटना की सूचना मिलते ही आईटीबीपी द्वारा जिला प्रशासन को सूचित किया गया जिसके बाद लापता और घायल जवानों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर द्वारा मदद भेजी गई है।
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