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पहाड़ के हो गए दो टुकड़े, यहां मलबा जमा होने से भूखे-प्यासे फंसे रहे हजारों लोग

एनएच के बंद होने से चुपकोट बैंड के समीप के होटल-ढाबों में भोजन और पानी खत्म हो गया। इससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग भूखे प्यासे रहकर एनएच खुलने का इंतजार करते रहे।

Aditya Mishra
Published on: 4 March 2021 5:44 AM GMT
पहाड़ के हो गए दो टुकड़े, यहां मलबा जमा होने से भूखे-प्यासे फंसे रहे हजारों लोग
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एनएच के बंद होने के बाद वाहन पलटी कर पिथौरागढ़ आने वाले यात्रियों से टैक्सी चालकों ने मनमाना किराया लिया। टैक्सी चालकों और यात्रियों के बीच बहस भी हुई। 

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़-घाट बारहमासी सड़क पर भूस्खलन के बाद से मलबा हटाने का काम जारी है। सड़क खोलने के लिए तीन पोकलैंड, दो जेसीबी और आठ टिप्पर लगाए गए हैं।

मलबा ज्यादा है। इसके निस्तारण के लिए कोई सुविधा नहीं है, जिस कारण सड़क खोलने में दिक्कतें हो रही है। गुरूवार दोपहर तक सड़क पर आवागमन फिर से सुचारू होने की संभावना है।

बता दें कि यहां मंगलवार को देर रात करीब एक बजे भूस्खलन की वजह से सड़क पर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया था। जिसके चलते पिथौरागढ़-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया था। पिथौरागढ़-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार के दिन भी सैकड़ों गाड़ियां फंसी रही।

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Uttrakhand भूस्खलन से दरकी पहाड़ी, रास्ता बंद होने से यहां भूखे-प्यासे फंसे रहे हजारों लोग(फोटो:सोशल मीडिया)

हजारों यात्री भूख और प्यास से गाड़ियों में बैठे-बैठे छटपटाते रहे

हजारों यात्री भूख और प्यास से गाड़ियों के अंदर बैठे-बैठे ही छटपटाते रहे। उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा। आज दोपहर तक सड़क पर आवागमन फिर से सुचारू होने की बात कही जा रही है।

जानकारी के मुताबिक पहाड़ी दरकने से बंद रास्ते पर बुधवार को वाहनों का संचालन नहीं हो सका। पिथौरागढ़ से जाने वाले वाहनों की गुरना की ओर लंबी कतार लग गई जबकि टनकपुर और हल्द्वानी रूटों से आ रहे वाहन घाट की ओर फंसे रहे।

गाड़ियों के फंसे होने से रसोई गैस, दूध, सब्जी और ईंधन की नहीं हो सकी सप्लाई

लंबी दूरी पर जाने वाले सैकड़ों वाहनों में सवार हजारों यात्री मार्ग पर फंसे रहे। एनएच के बंद होने से नगर में रसोई गैस, दूध, सब्जी और ईंधन की सप्लाई नहीं हो पाई।

मार्ग बंद होने की वजह से अधिकांश यात्री जंगल के रास्ते दूसरी तरफ पहुंचे और वहां से वाहन बदलकर पिथौरागढ़ पहुंचे।

इसी तरह मैदानी क्षेत्रों को जा रहे यात्री भी पैदल चलकर दूसरी ओर गए और वहां से अन्य वाहनों से गंतव्य के लिए रवाना हुए। कई यात्री चुपकोट बैंड से पैदल आए।

होटल-ढाबों पर पहुंची इतनी भीड़, खत्म हो गया भोजन और पानी

एनएच के बंद होने से चुपकोट बैंड के समीप के होटल-ढाबों में भोजन और पानी खत्म हो गया। इससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग भूखे प्यासे रहकर एनएच खुलने का इंतजार करते रहे।

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Uttrakhand भूस्खलन से दरकी पहाड़ी, रास्ता बंद होने से यहां भूखे-प्यासे फंसे रहे हजारों लोग(फोटो:सोशल मीडिया)

यात्रियों से टैक्सी चालकों ने वसूला मनमाना किराया

वहीं, एनएच के बंद होने के बाद शासन-प्रशासन का एक भी नुमाइंदा, पुलिस बल घटनास्थल पर मौजूद नहीं रहा। इसके चलते मौके पर अव्यवस्थाएं रहीं।

एनएच के बंद होने के बाद वाहन पलटी कर पिथौरागढ़ आने वाले यात्रियों से टैक्सी चालकों ने मनमाना किराया लिया। मनमाना किराया लेने पर टैक्सी चालकों और यात्रियों के बीच बहस भी हुई।

वहीं एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि पहाड़ी दरकने से सड़क पर काफी मलबा आ गया है, जिसे साफ करने में लंबा समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे तक सड़क खुलने की उम्मीद है।

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