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Uttarakhand Avalanche Warning: अगले 24 घंटों में उत्तराखंड के इन जिलों में हो सकता है हिमस्खलन, अलर्ट जारी..रहें संभलकर
Uttarakhand Avalanche Warning: मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया है।
Uttarakhand Avalanche Warning: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड में अगले 24 घंटों में हिमस्खलन की संभावना जाहिर की है। IMD अलर्ट में कहा गया है कि, देवभूमि के चमोली (Chamoli), पिथौरागढ़ (Pithoragarh), रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) और उत्तरकाशी (Uttarkashi) में हिमस्खलन की संभावना जताई गई है। बता दें, उत्तराखंड का मौसम इन दिनों बिगड़ा हुआ है। मौसम विभाग ने गुरुवार (02 फरवरी) को ये चेतावनी जारी की है।
जानकारी के लिए बता दें, उत्तराखंड में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मैदान से लेकर पहाड़ तक मौसम कड़ी परीक्षा ले रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) के सक्रिय होने से 'देवभूमि' के लोगों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले हफते उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में भारी बारिश के साथ बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। अब नई मुसीबत की चेतावनी जारी की गई है।
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पहले भी जारी हुआ था अलर्ट
दरअसल, बिगड़ते मौसम के बीच डीजीआरई, चंडीगढ़ ने 30 जनवरी को चेतावनी जारी कर कहा था कि उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर मध्यम खतरे के स्तर वाले हिमस्खलन की संभावना है। पिछले अलर्ट में चमोली जिले के 3000 मीटर से ऊपर तथा पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में हिमस्खलन की संभावना जताई गई थी।
भूस्खलन-हिमस्खलन का खतरा बना है
बीते दिनों मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया था, कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों (High Himalayan Regions) में बारिश के साथ ही बर्फबारी होने से मैदान से लेकर पहाड़ तक शीतलहर लोगों को परेशान किए हुए है। इसके अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन (Landslide) और हिमस्खलन (Avalanche) का खतरा बना हुआ है। जिसे देखते हुए सरकार और प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है। दूसरी ओर, मौसम के बदले मिजाज के चलते पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानों में बारिश हुई।
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क्यों होता है हिमस्खलन?
हिमस्खलन की घटनाएं हाल के वर्षों में काफी बढ़ी हैं। इन घटनाओं के बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) से लेकर पहाड़ों पर अंधाधुंध निर्माण तक इन आपदाओं को दावत देते रहे हैं। कई पर्यावरणविद् (Environmentalist) इस विषय पर पहले भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है इन दुर्गम इलाकों में होने वाले निर्माण भविष्य में पहाड़ों की पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को बदल देंगे। हाल के दिनों में हिमस्खलन की बढ़ती घटनाएं इसी ओर इशारा कर रही हैं।