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उत्तरकाशी एवलांच: हिमस्खलन में पर्वतारोहियों को बचाएंगे HAWS के जांबाज सैनिक, रेस्क्यू शुरू
उत्तरकाशी एवलांच: हिमस्खलन में फंसे ट्रैकर्स को बचाने के लिए आज जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के जाबांज जवानों को भेजा गया है।
उत्तरकाशी एवलांच: उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा में 4 अक्टूबर को यानि की मंगलवार को उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा-2 में भयंकर हिमस्खलन हो गया था। भयंकर हिमस्खलन में लापता लोगों का लगातार आज भी रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। हिमस्खलन में फंसे ट्रैकर्स को बचाने के लिए आज जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के जाबांज जवानों को भेजा गया है। हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के जवानों के लिए सेना के विशेष हेलीकाप्टर का इंतजाम किया गया है। जम्मू कश्मीर से हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के 16 जवानों का दल उत्तर काशी पहुंच चुका है। हिमस्खलन में 20 ट्रैकर्स अभी लापता बताए जा रहें हैं। 4 ट्रैकर्स के शव बरामद किए जा चुके हैं।14 ट्रैकर्स का रेस्क्यू कर लिया गया है।
हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के जवानों ने भारतीय वायुसेना, ITBP, NDRF, SDRF और सेना के साथ में रेस्क्यू अभियान शुरु कर दिया है। लापता लोगों का पता लगाने के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। लापता ट्रैकर्स पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बताए जा रहे हैं। NIM कर्नल अमित बिष्ट ने बुधवार को जानकारी दी थी कि 10 शव देखे गए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ 4 ही बरामद हो पाए, खराब मौसम और अंधेरे की वजह से बुधवार को ऑपरेशन रोक दिया गया था।
कौन हैं हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के जवान
आपको बता दें कि हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) की जिस टीम को उत्तरकाशी एवलांच में उतारा गया है, इनको उंचे पर्वतों और बर्फीली चोटियों पर ड्यूटी करने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। देर रात में हिमस्खल में फंसे ट्रैकर्स को बचाने के लिए हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के 16 सदस्यीय जवानों का दल रात में ही पहुंच चुका था। आज सुबह से ही इन जवानों ने रेस्क्यू अभियान शुरु कर दिया है।