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Uttrakhand Election 2022: उत्तराखंड का चुनावी हाल, किसकी होगी साकार और किसकी होगी हार
Uttrakhand Election 2022: उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव के लिए मतदान अगले महीने 14 फरवरी को होने हैं। देखना यह होगा कि इस बार कौन सा मुद्दा किसकी जीत और किसकी हार का वजह बनता है।
Uttrakhand Election 2022: अगले महीने से देश के पांच राज्यों- मणिपुर, गोवा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसके लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान भी कर दिया है। उत्तराखंड के सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग 14 फरवरी को होगी। वहीं इस चुनाव का परिणाम 10 मार्च को बाकी के 4 राज्यों के चुनाव परिणामों के साथ घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही नामांकन की अधिसूचना 21 जनवरी को घोषित होगी और नामांकन दाखिल करने की तिथि 28 जनवरी सुनिश्चित की गई है।
उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी में एक बराबरी की टक्कर देखने को मिल सकती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को हराकर प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। अपनी जीत के इसी क्रम को फिर से दोहराने के लिए भारतीय जनता पार्टी इस बार के चुनावी रण में उतरी है। चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस भी पीछे नहीं है बेरोजगारी, महंगाई और भू कानून जैसे बड़े मुद्दों को लेकर इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ उतर रही है।
वहीं उत्तराखंड के इस बार के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी कदम रख रही है। केजरीवाल की पार्टी दिल्ली की तरह ही उत्तराखंड के सत्ता पर जीत हासिल करने की तैयारी में है। प्रदेश की राजधानी में एक नई पार्टी के आने के कारण उन्हें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा एक तीसरा विकल्प भी मिल गया है। हालांकि उत्तराखंड के सत्ता के रेस में यूकेडी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसी और भी बड़ी पार्टियां शामिल हैं।
उत्तराखंड में वोटरों का आंकड़ा
उत्तराखंड में कुल वोटरों की आंकड़ों को देखें तो राज्य में कुल 82 लाख के करीब वोटर हैं। जिसमें 39 लाख के करीब महिला वोटर तो 40 लाख से अधिक पुरुष वोटर शामिल हैं। सबसे अधिक वोटर राज्य के देहरादून जिले में जहां 14 लाख से अधिक वोटर हैं। देहरादून में ही सबसे अधिक महिला वोटर से हैं। जिनकी तादाद सात लाख से अधिक है। वहीं रुद्रप्रयाग जिले में वोटरों की संख्या सबसे कम है जहां कुल वोटरों की संख्या दो लाख के करीब है।
उत्तराखंड सियासी इतिहास
बात अगर उत्तराखंड के सियासी इतिहास की करें तो उत्तराखंड में पहली बार चुनाव 2002 में हुए थे तब कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ 36 सीटों पर विजय पाकर राज्य में सरकार बनाया था आर एन डी तिवारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे। वहीं इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को 7 और भारतीय जनता पार्टी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
अगले विधानसभा चुनाव यानी 2007 का विधानसभा चुनाव जिसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी को बहुमत नहीं प्राप्त हुआ उस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 34 सीटों पर जीत हासिल हुई तो कांग्रेस पार्टी महज 21 सीटों पर ही रह गई और बहुजन समाज पार्टी ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया था। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने यूकेडी और निर्दल विधायकों के मदद से राज्य में सरकार बनाने में सफल हुई थी।
2012 के विधानसभा चुनाव में भी 2007 के विधानसभा चुनाव जैसा है कुछ दृश्य रहा इसमें भी किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त हुआ इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 32 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 21 सीटों पर सफलता हासिल की हालांकि कांग्रेस पार्टी ने निर्दल विधायकों के मदद से राज्य में सरकार बनाया और विजय बहुगुणा राज्य के मुख्यमंत्री बनाए थे। हालांकि बाद में हरीश रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला था।
2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 57 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था। वहीं कांग्रेस पार्टी 11 सीटों पर ही रह गई। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 2 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद हार गए और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी।