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Health Video: सावधान! अखबार पढ़ो, उसमें खाओ नहीं, YFactor वीडियो में देखें ये खास रिपोर्ट
Akhbar Mein Khane Ke Nuksan: प्रिंटर के टोनर की स्याही भी कम ख़तरनाक नहीं होती है। उसकी सुगंध से बचें। अगर आप के हाथ में प्रिंटर की स्याही लग जाती है तो भी आप अपना हाथ ठीक से ज़रूर धुल लें। भारत में यह आम चलन है कि लोगों को उसकी अच्छी ज़िंदगी जीने और तमाम चीजों से बचाव की नसीहत सरकार को देनी होती है।
Akhbar Mein Khane Ke Nuksan: अख़बार में सामान लपेट कर दुकानदारों द्वारा किसी को थमा देने की स्थितियाँ आप ने ज़रूरी देखी होंगी। हो सकता है कई बार समोसा खाने के लिए जब दुकानदार ने आप के हाथ में थमाया हो तो उसके ठीक नीचे अख़बार का एक टुकड़ा लगा हुआ हो। खाने की तमाम चीजें अख़बार में लपेट कर रख देना , अख़बार में रख कर खाना आम चलन है। लेकिन आप जानते हैं, ऐसा करने से आप कैंसर के मरीज़ हो सकते हैं। तमाम तरह की बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। कई बार एक्सपर्ट्स ने यह चेतावनी दी है कि स्याही सेहत के लिए बहुत ख़तरनाक हो सकती है।
खाने की चीजों को अखबारों पर ना परोसें।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआई ने उपभोक्ताओं और खाद्य विक्रेताओं से आग्रह किया है कि वे खाने की चीजों की पैकिंग, परोसने और भंडारण के लिए अखबारों का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। क्योंकि स्याही में कई ऐसे केमिकल होते हैं। जो सेहत के लिए तमाम तरह के जोखिम पैदा करते हैं।
सुरक्षा प्राधिकरण के मुताबिक प्रिंटिंग स्याही में विभिन्न बायोएक्टिव सामग्रियां होती हैं । लेड यानी शीशा और भारी धातुएं हो सकती हैं । जो परोसे गए या लपेटे गए भोजन के मार्फ़त इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
सुरक्षा प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि वितरण के दौरान अखबारों को अक्सर विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे वे बैक्टीरिया, वायरस या अन्य रोगजनकों द्वारा संदूषित हो सकते हैं, जो भोजन में ट्रांसफर हो सकते हैं।
खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) नियम, 2018 भोजन के स्टोरेज और लपेटने के लिए अखबार या इसी तरह की सामग्री के उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है। इस नियम के मुताबिक उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को खाद्य सामग्री को ढकने या पैकेजिंग करने अथवा हाथ में लेकर खाते समय अखबारी काग़ज़ों से बचना चाहिए ।