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Ram Mandir Video: भगवान की मूर्ति पर सजे हैं पांच किलो स्वर्ण आभूषण, बनाये गए हैं लखनऊ में

Ayodhya Ram Mandir Video: भगवान की मूर्ति के आभूषणों को लखनऊ स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स (एचएसजे)ने डिजाइन किया है।

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Published on: 11 Feb 2024 1:30 PM GMT
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Ayodhya Ram Mandir Video: आदमी अपने सौंदर्य के लिए भी तमाम तरह के आभूषण गढ़ता है, बनवाता है। पहनता है। इसी तरह अपने अपने देवी देवताओं के लिए भी उसने तमाम तरह के आभूषण गढ़े, बनाये और उससे सुसज्जित करके अपने भगवान , अपने देवी देवता की अप्रतिम प्रतिमा को निहारता है। ऐसे ही श्रीराम के भक्तों ने राम लला की मूर्ति के लिए उनके हिसाब से तमाम तरह के आभूषण व वस्त्रों की कल्पना की। आज जब राम लला का मंदिर बन कर तैयार हो गया है। उनके विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है। आभूषणों से उसे सुसज्जित कर दिया गया है, तो आपको यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि आख़िर आप के रामलला ने, हमारे रामलला ने,किन किन आभूषणों को पहना है। क्या वे आभूषण आपके सपनों, आपकी कल्पना के मुताबिक़ हैं या नहीं है। वे आभूषण राम लला के विग्रह को कितना चार चाँद लगाते हैं। रामलला की मूर्ति को सुसज्जित करने में जिस सोने का इस्तेमाल किया गया है,वह 22 कैरेट का है। जिसमें सिर पर मुकुट, माथे पर रामानंदी तिलक, पन्ना और रूबी की अंगूठियां, विभिन्न आयामों के तीन अलग-अलग हार, कमर और बाजूबंद, कंगन, पायल, तीर और धनुष शामिल हैं।

इन आभूषणों को लखनऊ स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स (एचएसजे)ने डिजाइन किया है। एचएसजे के सीईओ अंकुर आनंद के अनुसार, भगवान के सभी आभूषणों की श्रृंखला को डिज़ाइन करने के लिए उन्हें सिर्फ़ 12 दिन दिये गये थे। आभूषणों को 18,567 गोल हीरे, 439 बिना कटे हुए हीरे, 615 पन्ने और 2984 माणिक से तैयार किया गया है। आनंद को 1 जनवरी,2024 को ट्रस्ट से फ़ोन आया कि उनके ज़िम्मे भगवान राम के आभूषणों को डिज़ाइन करने का काम दिया जा रहा है।

दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्र जैसे ग्रंथों में श्री राम की शास्त्रीय रूप से उपयुक्त महिमा के वर्णन के बाद व्यापक शोध और अध्ययन पर आधारित है।

मंदिर ट्रस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया कि , "कला समीक्षक और लेखक यतींद्र मिश्र की अवधारणा और निर्देशन की भी मदद इस शोध के बाद ली गई है, आभूषण अंकुर आनंद की संस्था, हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स, लखनऊ द्वारा तैयार किए गए हैं।"

वृन्दावन, बरेली और अलीगढ़ में विभिन्न मंदिरों के संग्रह को डिजाइन करने में 130 वर्षों की विरासत का दावा करते हुए, एचएसजे के सीईओ आनंद कुमार ने बताया कि इतने कम समय में मिशन को पूरा करने के लिए 132 कारीगरों को दिन-रात काम पर उन्हें लगाना पड़ा।

मुकुट का वजन 1.7 किलो है। इसमें 75 कैरेट का हीरा है। 135 कैरेट के ज़ाम्बियन पन्ने हैं। अन्य रत्नों के अलावा 262 कैरेट माणिक; और 22 कैरेट सोने के पीछे 500 ग्राम का प्रभामंडल है।

रामनंदी तिलक शुद्ध पीले सोने से बना हुआ है। यह 16 ग्राम वजन वाला है। बीच में एक प्राकृतिक तीन कैरेट हीरे से अलंकृत और कई छोटे हीरे तथा बर्मी माणिक से घिरा हुआ है।

कंठ मालाएं राम लला के गर्दन के चारों ओर तरफ़ ये कंठ मालाएँ हैं। जिसका वजन

500 ग्राम है। यह सोने से बना हुआ है। रत्नों में माणिक, पन्ना और हीरा इसमें जड़े हुए हैं। कंठ मालाओं के बीच में सूर्यवंशी लोगो भी आप को देखने को मिल जायेगा।

पंच लड़ पदिका : गले के नीचे और नाभि के ऊपर पहना जाने वाला एक हार। दैवी अलंकार का एक महत्त्वपूर्ण प्रतीक। इसमें हीरे और पन्ने से बना पांच धागों वाला टुकड़ा है, जिसके बीच में एक बड़ा अलंकृत पेंडेंट है।

विजय माला: सभी में सबसे भारी, पैरों तक वजन 2 किलो; सोने से बना हुआ और बीच-बीच में माणिक जड़े हुए है।इसे विजय के प्रतीक के रूप में पहना जाता है।वैष्णव परंपरा में इसे बहुत ही शुभ माना जाता है।इसमें सुदर्शन चक्र, कमल, चंपा, पारिजात, कुंड, तुलसी, शंख और मंगल कलश कुंडल शामिल हैं।

मुकुट को पूरक करने के लिए कान के कुंडल डिज़ाइन किये गये हैं। मुकुट के समान डिज़ाइन का अनुसरण करते हुए, मोर के रूपांकनों से इसे सजाया गया। इसे सोने पर हीरे, माणिक्य और पन्ने से सजाया गया है।

रामलला के आभूषणों में कमरबंद भी शामिल है।यह रामलला के कमर के चारों तरफ लिपटा हुआ है। इसे सोने से बनाया गया है। यह माणिक्य, हीरे और मोतियों से जड़ा हुआ है। करमबंद पर बनी हुई छोटी घंटियाँ पवित्रता का प्रतीक हैं। ये राजसी वैभव को भी दर्शाती हैं।

दोनों भुजाओं पर पहना बाजूबंद भी सोने से बना है। सभी रत्नों से जड़ा हुआ है। भगवान राम को कंगन भी पहनाये गये हैं। यह लगभग 850 ग्राम वजन का है। 100 कैरेट के हीरे लगे हैं। 320 कैरेट माणिक और पन्ने भी इसमें जड़े हुए हैं,

रामलला को सुंदर और तमाम तरह के रत्नों से जड़ित पायल भी पहनाई गयी है। जिसका वजन 560 ग्राम है।

रामलला का धनुष बाण 24 कैरेट सोने से बना हुआ। एक किलो का है।

रामलला के खिलौने चांदी से बने हुए हैं। जिसमें घोड़ा, हाथी,लट्टू और ऊँट शामिल हैं।

राम लला को बनारसी कपड़ों से सजाया गया है। जिसमें एक पीली धोती और एक लाल पटका, जिसे अंगवस्त्रम कहते हैं, यह अंगवस्त्रम शुद्ध सोने की ज़री और धागों से अलंकृत हैं।.जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक-शंख, पद्म, चक्र और मयर है। ट्रस्ट के अनुसार, राम लला के कपड़ों को दिल्ली के सुप्रसिद्ध डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा तैयार किया गया है। आप जायें और राम लला का दर्शन करके देखें कि उनके आभूषण, उनके वस्त्र कितने सुंदर है। कितने फबते है।

Admin 2

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