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Trump Effect Video: वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में बदलाव की दस्तक
Donald Trump Effect Video: व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप का वापस आना एक ऐसा वाकया है जिसने दुनिया को हिला कर रखा हुआ है।
Donald Trump Effect Video: बेहद सर्द मौसम और बर्फीली हवाओं के बीच डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 48वें राष्ट्रपति बन गए हैं। ट्रम्प का शपथ ग्रहण या जिसे वहां इनॉ गुरेशन कहते हैं, इससे बढ़िया माहौल में क्या ही हो सकता था। वजह साफ है - भले ही वाशिंगटन डीसी का मौसम हाड़ कंपाने वाला था। लेकिन दुनिया में बहुत से लोगों, नेताओं, सरकारों और संगठनों का खून तो उसी दिन से सर्द पड़ा हुआ है । जबसे ट्रम्प ने अमेरिका के चुनाव में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप का वापस आना एक ऐसा वाकया है जिसने दुनिया को हिला कर रखा हुआ है।
आज तक शायद ही किसी नेता के सत्तासीन होने से ऐसा नहीं हुआ।
ख़लबली और हौलदली इसलिए है क्योंकि ट्रम्प की किताब में "वसुधैव कुटुम्बम" की कोई जगह नहीं है। ट्रम्प के लिए अमेरिका फर्स्ट है। बाकी दुनिया लास्ट है।यही उन्हें जिताने वाली अमेरिकी जनता का नारा है।
ट्रम्प न प्रोफेशनल पोलीटीशियन हैं न खोखले जुमलेबाज। उनका एजेंडा तय है, और टाइम टेबल स्पष्ट है।
माना जा रहा है कि 2025 अंतरराष्ट्रीय उथल-पुथल, आर्थिक कठिनाई, राजनीतिक अशांति, चीन और रूस के बढ़ते प्रभाव का साल होगा। इन सबके बीच ट्रम्प के वादों के चलते दुनिया में बड़े बदलाव होना तय है।
अपने चुनाव प्रचार के दौरान, ट्रम्प ने राष्ट्रपति के रूप में और ज्यादा पावर लेने और अमेरिकी सरकार में गहरे बदलाव करने का वादा किया था। यही नहीं, उन्होंने कुछ काम पहले दिन ही करने का ऐलान किया है। जिनका ग्लोबल इम्पैक्ट पड़ना तय है।
ट्रम्प इफेक्ट
ट्रम्प की वापसी ने “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे को पुनर्जीवित किया है। जिसमें व्यापार समझौतों पर फिर से सौदेबाजी करना। गठबंधनों को फिर से संगठित करना। हर उस जुड़ाव के बारे में दोबारा सोचना शामिल है जो सीधे अमेरिकी प्राथमिकताओं को लाभ नहीं पहुंचाता है।
सबसे बड़ी बात जो सबसे पहले होनी है, वो है अमेरिका से अवैध घुसपैठियों का देश निकाला। ट्रम्प ने अमेरिका से 11 मिलियन अवैध अप्रवासियों को सामूहिक रूप से निकाल फेंकने का वादा किया है।
इस देश निकाला से मेक्सिको समेत आसपास के तमाम देशों में हड़बड़ी है। क्योंकि सबसे ज्यादा लोग वहीं वापस पहुंचेंगे। ट्रम्प ने अमेरिका की दक्षिणी सीमा को बंद करने का वादा किया है।
ट्रम्प ने जन्मसिद्ध अधिकार के आधार पर नागरिकता समाप्त करने की बात कही है।
ट्रम्प प्रोफेशनल राजनेता नहीं हैं। यही वजह है कि उनके काम करने के तरीके परंपरा से एकदम हट कर हैं।
उनका अपरंपरागत नेतृत्व एक उम्मीद देता है जो गाजा और यूक्रेन जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से चल रहे संघर्षों को समाप्त कर सकता है। यूरोप के प्रति ट्रम्प की विदेश नीति कतई दोस्ताना नहीं है। इससे यूरोपीय देश चिंतित भी हैं। ट्रम्प यूक्रेन को खुली मदद के भी पक्षधर नहीं दिखते हैं।
अरब देशों के प्रति भी ट्रम्प की नीति एकदम अलग है। ऐसे में सीरिया, इराक, अफगानिस्तान में अमेरिकी हस्तक्षेप काफी घटने की संभावना है।
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में चीन के प्रति उनके सख्त रुख को फिर से दोहराया गया है, जिसमें भारी टैरिफ और सख्त व्यापार नीतियों की योजनाएँ शामिल हैं। उन्होंने मेक्सिको, चीन और कनाडा से आने वाले सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की कसम खाई है, जिसमें चीनी आयात पर 10 फीसदी टैरिफ भी शामिल है।
आर्थिक रूप से चीन को काबू में करने के ट्रम्प के प्रयासों और ग्लोबल व्यापार की बदलती चाल से भारत समेत इस क्षेत्र को लाभ हो सकता है।
चीन प्लस वन रणनीति, जिसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सप्लाई चेन में बदलाव ला रही हैं। उससे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करने के उम्दा मौके मिलेंगे।
इसके अलावा, चीन अमेरिकी व्यापार शुल्कों से बचने के लिए अपने कुछ विनिर्माण को इस क्षेत्र में ट्रांसफर कर सकता है। इन हालातों में भारत के लिए बढ़िया अवसर बनेंगे।खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए।
ट्रम्प अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित करना चाहते हैं। 1970 के दशक के बाद, अमेरिकी कंपनियों ने एक त्रिकोणीय फ़्रैंचाइज़ी मॉडल डेवलप किया। जहाँ उन्होंने प्रोडक्ट डिज़ाइन किए। प्रौद्योगिकी के लिए पेटेंट बनाए रखा। विनिर्माण और श्रम को आउटसोर्स किया।
इससे निवेश, विनिर्माण नौकरियों, आय और विकास का निर्यात हुआ। इसने समाज में उच्च आय का एक क्षेत्र तो बनाया । लेकिन अमेरिकी आम जनता आय और उपभोग वर्ग से बाहर हो गई।
ट्रम्पोनॉमिक्स का आधार, अमेरिका के अतीत के गौरव को बहाल करना और मौजूदा व्यवस्थाओं को खत्म करने का वादा है। इस मामले में ट्रम्प दृढ़ हैं। यही ट्रम्पोनॉमिक्स दुनिया में बड़े बदलाव लाएगी, ये तय है।