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India Oldest Masjid Video: भारत में सबसे पुरानी मस्जिद का इतिहास आपने कभी नहीं सुना होगा, वीडियो में देखें सारी जानकारी
India Oldest Masjid Video: दुनिया के सबसे पुराने मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद का नाम भी आता है। मुग़ल शासक शाहजहां ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। कहा जाता है इसे बनवाने में उस समय 10 लाख रुपए से ज़्यादा खर्च किए गए थे।
India Oldest Masjid Video: भारत में कई मस्जिदें हैं। कई आधुनिक जमाने की हैं, तो कई बहुत पुरानी है। सबका अपना इतिहास रहा है। दुनिया के सबसे पुराने मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद का नाम भी आता है। मुग़ल शासक शाहजहां ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। कहा जाता है इसे बनवाने में उस समय 10 लाख रुपए से ज़्यादा खर्च किए गए थे। यह मस्जिद बेहद खर्चीली वास्तुकला की थी, जो शाहजहाँ के द्वारा बनवायी गयी आख़िरी इमारत थी।
इसे बनाने में लगभग 5 हज़ार से भी ज़्यादा मज़दूर लगे थे। यह मस्जिद अंदर और बाहर दोनों ही तरफ से बहुत सुंदर है। यह दिल्ली की सबसे बडी मस्जिद है। यह मस्जिद इतनी विशाल है कि इस मस्जिद में लगभग 25000 लोग एक साथ बैठ कर नमाज़ पढ़ सकते हैं। इसका निर्माण खूबसूरत संगमरमर और लाल बलुआ पत्थरों से किया गया है। ये पत्थर मस्जिद की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं।
इसका निर्माण 1650 में शुरू किया और इसे बनने में छः साल लग गये। इस मस्जिद के उद्घाटन के लिए शाहजहाँ के विशेष बुलावे पर उज्बेकिस्तान देश के इमाम सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी को आये थे। आज भी सैयद अब्दुल गफूर शाह की पीढ़ी इस मस्जिद में आती है।
जामा मस्जिद का अरबी नाम ‘मस्जिद ए जहांनुमा’ भी है जिसका अर्थ है, दुनिया का दृश्य। इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाले सऊदी अरब में स्थित मक्का और मदीना शहर दोनों ही पश्चिम में स्थित है, यह जामा मस्जिद भी पश्चिम दिशा में स्थित है। जिसके कारण इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
इस मस्जिद में चार छोटी मीनारें, तीन विशाल धनुषाकार द्वार, संगमरमर के गुंबद है। साथ ही दो विशाल 40 मीटर की मीनारें हैं। इसमें दक्षिण, पूर्व और उत्तर से तीन प्रवेश द्वार हैं। पहले के समय में, पूर्वी द्वार का इस्तेमाल केवल शाही उपयोग के लिए किया जाता था। कहा जाता है कि कुछ हिस्सों की संरचना हिंदू और जैन तरीकों से प्रेरित हैं। इस मस्जिद में नक्काशीदार 260 खंभे लगे हुए हैं। इस मस्जिद का माप 65 मीटर लम्बा और 35 मीटर चौंड़ा है। इसका आँगन 100 वर्गमीटर का है। फ़र्श में सफ़ेदे और काले पत्थर लगाए गए हैं। इसका प्रार्थना गृह बहुत दर्शनीय है। इसमें 11 मेहराव हैं, जिसमें से मध्य वाला मेहराव अन्य से कुछ बड़ा है। यह मस्जिद 05 फ़िट ऊँचाई के मंच पर स्थित है। यहाँ पर प्राचीन अवशेष है। यहाँ क़ुरान की एक प्रति है जो हिरन के खाल पर लिखी गयी है। यह मस्जिद दिल्ली में लाल क़िले के सामने है। इसकी लाल क़िले से दूरी मात्र 500 मीटर है।
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों ने जीत हासिल करने के बाद जामा मस्जिद पर कब्जा कर लिया था। वहां अपने सैनिकों का पहरा लगवा दिया था। अंग्रेज शहर को सजा देने के लिए मस्जिद तोड़ना चाहते थे। लेकिन देशवासियों के विरोध के सामने अंग्रेजों को झुकना पड़ा था। रमजान के पाक महीने के अलावा सभी महत्वपूर्ण अवसर पर जामा मस्जिद में समुदाय के अन्य गरीब और लाचार लोगों को मुफ्त में दोनों पहर भोजन करवाया जाता है। शुक्रवार के दिन सभी मुस्लिम समुदाय के लोग जुम्मे की नमाज एक साथ मिलकर जामा मस्जिद में अदा करते हैं। इस कारण भी इसे जुमा मस्जिद कहते हैं। यह मस्जिद पर्यटकों से साल भर भरी रहती है।