Karnataka Election Result 2023: कांग्रेस की जीत और कानुगोलू की रणनीति

Karnataka Election Result 2023: सुनील कानुगोलू कभी भाजपा के लिए काम कर चुके हैं। अब कांग्रेस के साथ हैं ।उनकी रणनीतियों को कर्नाटक की जीत का एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जा रहा है।

Yogesh Mishra
Published on: 16 May 2023 7:40 AM GMT

Karnataka Election Result 2023: 2014 के नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान के बाद यह साबित हो गया कि सिर्फ़ नेता ही चुनाव नहीं लड़ते हैं। चुनाव लड़ने के लिए एक दूसरी मशीनरी भी होता है। जो पर्दे के पीछे होती है। जिसे इलेक्शन स्ट्रेटजिस्ट भी कहते हैं। उसी चुनाव के बाद पी के का नाम उभर कर पूरे भारत में सामने आया था। कहा गया था कि नरेंद्र मोदी की बहुत बड़ी विजय के पीछे पी के भी थे। आज जब कर्नाटक का नतीजा आया है। और कांग्रेस ने एक बड़ी इबारत लिख दी है। तब आप के सामने मल्लिकार्जुन खडगे, डी के शिवकुमार, सिद्दारमैया इसी के साथ प्रियंका गांधी, राहुल गांधी सरीखे तमाम नाम आ रहे होंगे। लेकिन हम आप को एक ऐसा नाम बताते हैं जो इस जीत के पीछे है। पर्दे के पीछे रहने वाला शख़्स है। इस जीत के बाद वह शख़्स एक बड़े इलेक्शन स्ट्रेटजिस्ट या सेफालॉजिस्ट के रूप में सामने आने वाला है। इस शख़्स का नाम है सुनील कानुगोलू ।

सुनील कानुगोलू कभी भाजपा के लिए काम कर चुके हैं। अब कांग्रेस के साथ हैं ।उनकी रणनीतियों को कर्नाटक की जीत का एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जा रहा है। कर्नाटक की जीत की वजह के पीछे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, स्थानीय नेता, या बोम्मई सरकार पर "40 प्रतिशत कमीशन" का आरोप इन सब ने तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ही। लेकिन कम महत्वपूर्ण भूमिका सुनील कानुगोलू की भी नहीं रही। वह कांग्रेस पार्टी के मुख्य चुनाव रणनीतिकार रहे। जिन्हें संभावित उम्मीदवारों का फैसला करने का महत्वपूर्ण काम सौंपा गया था।

सुनील कानुगोलू भले ही राज्य में लोगों की नजर में न आए हों, लेकिन उनके प्रभाव और रणनीतिक कौशल ने उन्हें आज कांग्रेस पार्टी में सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक बना दिया है।
मीडिया की नज़रों से खुद को दूर रखते हुए कानुगोलू ने खुद को राहुल गांधी का एक विश्वसनीय सलाहकार बना लिया है।
कानुगोलू इसके पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ काम करते थे। वे पिछले साल कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए तब भगवा पार्टी को बड़ा झटका लगा था।
बहरहाल, उन्होंने मुख्य रूप से अपने गृह राज्य कर्नाटक पर ध्यान केंद्रित करते हुए कांग्रेस में रणनीति विभाग के प्रमुख की भूमिका निभाई। उनका उद्देश्य स्पष्ट था: अपने विरोधियों को शांत करना। पार्टी के भीतर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका सुरक्षित करना।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रियंका और राहुल कानुगोलू की राय को महत्व देने लगे। कानुगोलू ने जल्द ही कर्नाटक में भाजपा सरकार को हटाने के लिए चुनाव विशेषज्ञों की एक टीम इकट्ठी की। बताया जाता है कि ये टीम रोजाना 20 - 20 घण्टे काम करती थी। कानुगोलू ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नेतृत्व में कर्नाटक कांग्रेस के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुटों को एक साथ लाने में रणनीतिक कौशल और क्षमता दिखाई।

कर्नाटक के बेल्लारी के रहने वाले कानुगोलू एक प्रसिद्ध परिवार से आते हैं । उन्होंने अमेरिका में उच्च शिक्षा हासिल की है। भारत लौटने के बाद वे गुजरात में राजनीतिक रणनीतियों में शामिल हो गए और एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स (एबीएम) का नेतृत्व किया। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रणनीतिकारों में से एक के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा की कमान कानुगोलू ने सँभाली थी। कानुगोलू तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ भी काम कर चुके हैं। और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह स्टालिन के लिए काम कर रहे थे। स्टालिन कीं पार्टी ने तमिलनाडु में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। अब जब प्रशांत किशोर राजनीति रूप से सक्रिय हो चुके हैं। राजनीतिक रणनीतिकार की उनकी जो भूमिका थी, उसे उन्होंने बहुत पीछे छोड़ दिया है। तब कानुगोलू को अपने लिए और ज्यादे जगह दिख रही है। अगले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के रणनीतिकार के रूप में कानुगोलू रखे जायेंगी। देखना है कि और जो चार पाँच राज्यों के चुनाव होते हैं, उसमें कानुगोलू क्या करिश्मा दिखाते हैं।

Yogesh Mishra

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