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Most Dangerous Dogs Rules: अब कुत्ता पालने वाले रख लें हजारों रुपये, आखिर क्यों बना ऐसा कठोर नियम, वीडियो में देखें पूरी रिपोर्ट

Most Dangerous Dogs Rules: अगर आप भी एक डॉग लवर हैं तो आपको भी सरकार द्वारा बनाये कुछ नियम और कानून मानने पड़ेंगे। आइये जानते हैं कुत्ता पालने के क्या हैं नियम ?

Rajpoot Praveen
Published on: 25 March 2023 11:59 PM IST (Updated on: 26 March 2023 7:22 AM IST)

Most Dangerous Dogs Rules: जिस किसी के पास पालतू जानवर हैं और वो शहरी परिवेश में रहता है, तो वो अच्छी तरह से जानता होगा कि डॉग्स और डॉग लवर्स के साथ अक्सर लोगों की दुश्मनी हो जाती है। वहीँ कई जगहों पर कुत्तों के आवारा घूमने और आने पर प्रतिबन्ध भी लगा दिया गया है। अक्सर डॉग लवर्स को आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन वहीँ इन आवारा कुत्तों ने कई जगहों पर काफी आतंक भी मचा रखा है जिसके चलते लोग इन्हे अपने मोहल्लों में आने नहीं देना चाहते और उन्हें परेशान भी करते हैं। वहीँ अब इसके लिए कानून भी बनाया गया है। साथ ही अगर आप भी एक डॉग लवर हैं तो आपको भी सरकार द्वारा बनाये कुछ नियम और कानून मानने पड़ेंगे। आइये जानते हैं कुत्ता पालने के क्या हैं नियम ?

कुत्ता पालने के क्या हैं नियम (Kutta Palne Ke Niyam)

हाल के दिनों में पालतू जानवरों के प्रति लोगों प्यार लगातार बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग अपने जीवन में पालतू जानवर होने के महत्व को स्वीकार करने लगे हैं। वो दिन गए जब पालतू जानवर को घर में देखना दुर्लभ हुआ करता था। आज ये एक आम चलन बन गया है। वहीँ देश में कुत्ता पालना अब उतना भी आसान नहीं है। इसके लिए कई कानून बने हैं जिनका कई राज्यों में कड़ाई से पालम भी किया जा रहा है। न सिर्फ उन्हें पालने पर कानून बनाए गए हैं बल्कि कुत्ते के मरने पर भी आपको कई बातों का पालन करना होगा। जैसे पालतू कुत्ते को आप नगर निगम के कूड़ादान में नहीं डाल सकते साथ ही साथ मृत कुत्ते को अधिसूचित या निर्धारित जगहों पर ही साफ़ तरीके से लगभग 3 फ़ीट का गहरा गड्ढा खोदकर कर ही दफ़नाया जायेगा।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की नगर निगम ने कुत्तों का पंजीकरण एवं उचित नियंत्रण उप-कानून 2023 लागू किया है। इसके साथ ही एक चिप आधारित पंजीकरण की व्यवस्था भी जल्द ही लागू हो सकती है जिसके अंतर्गत भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) पालतू कुत्ते के मालिकों के लिए नियम लेकर आ रही है। जिसकी वजह है कुत्तों से लगातार बढ़ता खतरा और इनकी बढ़ती संख्या। कुछ समय पहले ही भुवनेश्वर नगर निगम ने एक फैसला भी लिया है जिसके तहत पालतू कुत्तों को कैसे रखा जाए इसपर ज़ोर दिया गया है। साथ ही बीएमसी अपने क्षेत्र में आने वाले पालतू कुत्तों को पंजीकृत करेगी।

कुत्ते के मलिक द्वारा नियम तोड़ने पर जुर्माना और सजा क्या है

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इसके प्रति सख्त कानून बनाए गए हैं साथ ही इसका कड़ाई से पालन भी किया जा रहा है। यहाँ को कोई भी डॉग ओनर सार्वजानिक स्थानों जैसे पार्कों, रिहायशी इलाकों, गलियों और सड़कों पर अगर शौच करवाता है साथ ही मल मूत्र नहीं हटवाता है तो उसे 10,000 रूपए जुर्माना देना पड़ेगा। साथ ही अगर आप अपने घर पर अपने पालतू कुत्ते को ज़ंजीरों से बांधकर रखते हैं और उसे टहलते समय वो अन्य किसी पर हमला करता है, आप अपने कुत्ते का टीकाकरण समय पर नहीं करवाते हैं और उसे आवारा छोड़ देते हैं तो उसपर भी कुत्ते के मालिक पर 10,000 रूपए का जुर्माना लगता है। साथ ही 200 रूपए प्रति दिन की हिसाब से भी जुर्माना देना पड़ सकता है।

पालतू कुत्ते और आवारा कुत्तों में कौन ज्यादा खतरनाक

आजकल लोग कई तरह की ब्रीड पालते हैं जिनमे से कुछ डॉग्स को अग्ग्रेसिव डॉग्स की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन उचित देखभाल और खान पान व टीकाकरण से काफी हद तक इन्हे कण्ट्रोल में रखा जा सकता है। लेकिन पिछले कुछ समय से पालतू कुत्तों द्वारा लोगों पर हो रहा हमला और आवारा कुत्तों का लोगों पर हमला जैसी घटनाये तेज़ी से बढ़ीं हैं। जिसके चलते कई कानून भी आये हैं जिससे इन घटनाओं में थोड़ी कमी आने की सम्भावनाये हैं। अब सवाल ये है कि पालतू कुत्ते और आवारा कुत्तों में कौन ज्यादा खतरनाक है। तो इसका जवाब है आवारा कुत्ते। उन्हें किसी भी तरह से कण्ट्रोल में नहीं किया जा सकता साथ ही अगर वो जंगली हैं तो ये और भी गंभीर विषय है। उन्हें न तो टीके लगते हैं और न ही उनके खान पान पर किसी तरह का नियंत्रण संभव है तो आवारा कुत्ते पालतू कुत्तों की तुलना में ज़्यादा खतरनाक हैं।


सोसाइटी में कुत्ता रखना कितना खतरनाक

भले ही आज हर दस परिवार में से चार के पास कुत्ते हैं लेकिन आज भी कई लोग घर पर इन्हे पालने से कतराते हैं। वहीँ देश में कई जगहों पर न सिर्फ आवारा कुत्तों का आतंक है बल्कि पालतू कुत्तों ने भी लोगों पर हमला किया है। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के नोएडा, मुंबई ,गाजियाबाद के साथ-साथ लखनऊ, कानपुर,सहित देश के कई हिस्सों में कुत्तों के आतंक ने सभी को काफी डरा रखा है। सोसाइटी में कुत्ता रखना इसके चलते काफी कठिन होता जा रहा। लोग उनके शौच से काफी परेशान रहते हैं साथ ही साथ बच्चों पर कुत्तों के हमलों से भी लोग काफी डरे हुए हैं। ऐसे में अगर आप किसी सोसाइटी में रह रहे हैं तो आपको कई नियमों का भी पालन करना पड़ेगा। जैसे समय पर उनका टीकाकरण और उन्हें पंजीकृत भी करवाना बेहद ज़रूरी होगा।

कुत्तों की दस सबसे खतरनाक ब्रीड

भारत में महान कुत्तों का एक लंबा इतिहास रहा है जहां उनकी वफादारी के लिए लंबे समय से उनकी प्रशंसा की जाती रही है और उनकी ईमानदारी और समर्पण के लिए उनकी सराहना की जाती रही है। लेकिन धीरे धीरे समय बदला और कुत्तों को अब अलग तरह से देखा जाने लगा है। वहीँ उन्हें घर में रखना अब उतना आसान नहीं रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया की 10 सबसे खतरनाक डॉग ब्रीड।

1. पिट बुल (Pit Bull)

पिट बुल अमेरिका का सबसे खतरनाक कुत्ता माना जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2005 और 2014 के बीच, 203 अमेरिकियों को पिट बुल द्वारा मार दिया गया था और 305 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन कुत्तों को मूल रूप से बैलों को काटने और शिकारियों को भालू से बचाने के लिए पाला गया था। ये कुत्ते अविश्वसनीय रूप से मांसल हैं।

2. गूल डोंग (Gull Dong)

गल डोंग एक बुली कुत्ता और गल टेरियर के बीच एक क्रॉस है। ये कुत्ते अविश्वसनीय रूप से मजबूत और बहुत शक्तिशाली होने के लिए जाने जाते हैं। ये मूल रूप से लड़ने वाले कुत्तों के रूप में पाले गए थे, और उन्हें नियंत्रित करना बहुत मुश्किल और बहुत आक्रामक माना जाता है। ये हमारी लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं।

3 . द बुल टेरियर (The Bull Terrier)

बुल टेरियर की सबसे विशिष्ट विशेषता उसका बड़ा, अंडे के आकार का सिर है। ये कुत्ते इंसानों के लिए तकनीकी रूप से खतरनाक नहीं हैं, हालांकि, ये छोटे कुत्तों और जानवरों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास अपने शिकार को करने की तीव्र इच्छा होती है।

4. कोकेशियान Ovcharka (Caucasian Ovcharka)

ये कुत्ता, जिसे कोकेशियान शेफर्ड के नाम से भी जाना जाता है, को पशुओं की रक्षा के लिए पाला गया था। ये बहुत मजबूत इरादों वाले, मुखर और साहसी होते हैं। अगर इन्हे सही से प्रशिक्षित किया जाये तो ये बेहतर डॉग्स हो सकते है। लेकिन अगर आप ऐसा करने में विफल रहते हैं तो ये कुत्ते बेहद क्रूर और प्रबंधन के लिए असंभव हो सकते हैं। उनमें अपने घर और उसमें रहने वाले लोगों की रक्षा करने की अदम्य इच्छा होती है। अगर कोई ऐसा व्यक्ति घर में आता है जिसे कुत्ता नहीं जानता है, वो उसपर काफी हमलावर भी हो सकते हैं।

5 . द रॉटवीलर (The Rottweiler)

Rottweiler एक बहुत ही भारी कुत्ता है। उसका औसत वज़न 130 पाउंड तक हो सकता हैं और इस नस्ल के अधिकांश कुत्ते शुद्ध मांसपेशी हैं। इस कुत्ते को बहुत खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसकी रखवाली और झुंड की आनुवंशिक प्रवृत्ति होती है। मेरिट क्लिफ्टन डॉग बाइट स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, रॉटवीलर 1982 और 2014 के बीच 535 कुत्तों पर हमलों के लिए जिम्मेदार था।

6 . डोबर्मन पिंसर्स (Doberman Pinschers)

अगर आप एक सिने लवर हैं तो आपने इन कुत्तों को अक्सर फिल्म में गार्ड डॉग की तरह देखा होगा। जो कमांड मिलने पर घुसपैठियों पर हमला करने के लिए तैयार रहते हैं। वास्तविक दुनिया में ये कुत्ते बेहद बुद्धिमान, बेहद वफादार और बेहद सतर्क होने के लिए मशहूर हैं। यही बात उसे इतना अच्छा रक्षक डॉग बनाती है। इनका औसत वज़न 70 पाउंड तक होता है, और वो अजनबियों और अन्य कुत्तों के साथ आक्रामक होने के लिए जाना जाता है।

7 . चाउ चाउ (Chow Chow)

चाउ चाउ को स्वतंत्र नस्ल के रूप में जाना जाता है। वो मूल रूप से चीन से आया था, और उसका वजन 70 पाउंड तक हो सकता है। इस कुत्ते की बहुत खराब प्रतिष्ठा है और इसे उच्च जोखिम वाला पालतू जानवर माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 1979 और 1998 के बीच चाउ चाउ ने अमेरिका में लगभग 238 से अधिक हमले किये थे। उन हमलों में से 37 पीड़ित बच्चे थे और उनमें से 40 घातक थे। ये डॉग अक्सर अपने मालिकों के प्रति बहुत सुरक्षात्मक होते हैं, लेकिन अगर उनके पास सही प्रशिक्षण नहीं है और अगर वो सही वातावरण में नहीं रहते हैं, तो ये खतरनाक हो सकते हैं। चाउ चाउ के पुप्पीस काफी क्यूट होते हैं जिसकी वजह से अक्सर बच्चे इनकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

8. वुल्फ हाइब्रिड (Wolf Hybrid)

वुल्फ हाइब्रिड एक कुत्ते और एक भेड़िये के बीच एक क्रॉस है। एक भेड़िये की अनुवांशिक प्रकृति के कारण, ये कुत्ते बहुत अप्रत्याशित हो सकते हैं। इनमें से कुछ कुत्तों को कुत्ते के अधिक गुण मिलते हैं, जबकि अन्य को भेड़िये से अधिक गुण मिलते हैं। इनमें से कुछ कुत्ते बहुत ही गैर-आक्रामक और विनम्र हो सकते हैं। वैसे ज़्यादातर ये कुत्ते अग्रेसिव और खतरनाक ही होते हैं। साथ ही मनुष्यों और छोटे जानवरों पर हमला करने की संभावना काफो ज़्यादा होती है।

9 . बॉक्सर (Boxer)

बॉक्सर आमतौर पर आक्रामक नहीं होता है। वो आम तौर पर एक बहुत ही चंचल, बुद्धिमान और ऊर्जावान कुत्ता है। लेकिन वो बहुत हठी भी है। इन कुत्तों को खतरनाक माने जाने का कारण ये है कि 1982 से 2012 तक उनकी नस्ल से जुड़े 48 हमले हुए हैं। क्लिफ्टन स्टडी के अनुसार, जिन लोगों पर हमला किया गया उनमें से 19 बच्चे थे और उनमें से 7 की मौत हो गई थी। वो बहुत मांसल है और उसका वजन 70 पाउंड तक हो सकता है।

10. अलास्का मलम्यूट्स (Alaskan Malamutes)

ये बड़े कुत्ते हैं जो मूल रूप से भार ढोने के लिए पाले जाते हैं। ये शिकार का पीछा करने और उन्हें कूदकर पकड़ने के लिए जाने जाते हैं। कभी-कभी ये अन्य पालतू जानवरों के खिलाफ हमलों के रूप में प्रकट होता है; कभी-कभी बच्चों पर हमला कर देते हैं। 1966 और 1980 के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका में मलम्यूट के हमलों से पांच मौतों हुईं थीं। लेकिन कई मौकों पर इन्हे बच्चों के साथ खेलने और मस्ती करते भी आप पाएंगे।

कुत्तों के हमले की पाँच बड़ी घटनाएँ

1. हैदराबाद में कुत्तों ने बच्चे को नोच नोचकर मार डाला

19 फरवरी 2023 की एक घटना का वीडियो काफी वायरल हुआ था। जिसमे कुत्तों ने एक पांच साल के बच्चे को नोच नोंचकर मार डाला था। बच्चे का नाम प्रदीप था उसे अस्पताल भी ले जाया गया लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बच्चे के पिता पेशे से गार्ड हैं वो उसे अपने साथ अपने कार्यक्षेत्र पर ले गए थे जहाँ बच्चा अकेले घूम रहा था वहीँ कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया। जिसका पूरा वीडियो सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गया।

2. अमरोहा में पिटबुल ने किया एक छात्र पर हमला

ये घटना कुछ दिन पहले की ही है जहाँ अमरोहा के मोहल्ला कटरा गुलाम अली में एक छात्र पर पिटबुल ने हमला कर दिया। वो लॉ के छात्र हैं।अमरोहा के मंडी धनौरा इलाके में नारायण शर्मा अपने परिवार वालों के साथ अपने घर की तरफ जा रहे थे तभी एक पिटबुल कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया था। जिसके बाद इलाके में दहशत का माहौल है। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

3 . पिटबुल के हमले से लखनऊ में भी बुज़ुर्ग की मौत

वहीँ पिछले साल लखनऊ के गोमती नगर इलाके में भी ऐसा ही एक ममला सामने आया था जहाँ एक पिटबुल कुत्ते ने बुजुर्ग महिला पर हमला कर दिया था। वो उनका पालतू था। महिला को अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। लेकिन उसके बाद उनकी मौत हो गयी।

4 . गाजियाबाद में पार्क में पालतू कुत्ते ने बच्चे पर किया हमला

लखनऊ की घटना के कुछ समय बाद ही गाजियाबाद में भी ऐसा ही मामला आया जहाँ एक पिटबुल कुत्ते ने पार्क में बच्चे पर हमला कर दिया था। बच्चे के चेहरे पर कुत्ते ने काफी भयंकर हमला किया था। जिसके बाद चेहरे पर उसे 150 टांके लगाए थे।

5. बरेली में 3 साल की बच्ची पर कुत्तों ने किया हमला

3 साल की बच्ची को बरेली में कुत्तों के एक झुंड ने नोच नोंचकर मार डाला था। ये घटना बरेली के सीबी गंज इलाके के बंदिया गांव की है। वहीँ डॉक्टर की रिपोर्ट में बताया गया था कि बच्ची के शरीर पर कुत्ते के काटने लगभग 200 निशान थे।

अमेरिका में ये नियम आने पर काफी हद तक रुके हैं कुत्तों के हमले

इस तरह की घटनाये न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में कई जगह घटती रहीं हैं। भारत में अब ये कानून इतने सख्त हुए हैं लेकिन विदेशों में कई सालों से इसको लेकर कानून बने हैं आइये जानते हैं विदेशों के इन कानूनों के बारे में।

यूनाइटेड स्टैस ऑफ़ अमेरिका में पालतू जानवरों के लिए काफी सख्त कानून हैं। किसी भी प्रकार का पालतू जानवर लेने से पहले, अपने मकान मालिक से परमिशन लेनी बेहद ज़रूरी है। वहां लोग बिल्ली पलने की तो अनुमति दे देते हैं , लेकिन कुत्ते की नहीं, वहीँ अगर दी भी तो ज़्यादातर लोग छोटे कुत्तों की ही अनुमति देंगे। कुछ लोग पिंजरे में बंद पक्षी, हेजहॉग, सुनहरी मछली का एक टैंक, चींटी का खेत, या यहाँ तक कि एक घास साँप को अनुमति देंगे, लेकिन कुत्ते या बिल्ली को नहीं। पालतू जानवर रखने पर मकान मालिक के नियमों का उल्लंघन करने से आपका अनुबंध रद्द हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप आपके किराये का घर आपसे छिन सकता है।

अमेरिका में पशु कल्याण अधिनियम (AWA) को 24 अगस्त, 1966 को कानून में हस्ताक्षरित किया गया था। ये संयुक्त राज्य में एकमात्र संघीय कानून है जो अनुसंधान, शिक्षण, परीक्षण, प्रदर्शनी, परिवहन और डीलरों द्वारा जानवरों के उपचार को नियंत्रित करता है। ये अधिनियम यूएसडीए, एपीएचआईएस, एनिमल केयर द्वारा लागू किया गया है।

भारत से बाहर के देशों में बने कानून की वजह से कुत्तों पर हमले कम हुए हैं ?

आपको बता दें विदेशों में कई सालों से इसके लिए कानून मौजूद हैं। और इन नियमों के चलते वहां कुत्तों के हमले काफी कम हुए हैं।

Rajpoot Praveen

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